व्यंग्य उस्ताद और शागिर्द May 29, 2024 / May 29, 2024 by दिलीप कुमार सिंह | Leave a Comment व्यंग्यकार हरिशंकर परसाई के आज से लगभग 50 साल पहले के रचित अलग-अलग व्यंग्य लेखों से कुछ लाइनें चुन कर आपके समक्ष पेश हैं,जो आज भी बेहद मौजूं हैं और मिर्ची से भी तीखी लगेंगी। लेकिन यदि परसाई जी के शब्द भेदी बाणों को आज के समय की नजीर में देखा जाए तो शायद ये […] Read more » master and disciple उस्ताद और शागिर्द