दोहे साहित्य एक अनोखी बात July 1, 2013 / July 1, 2013 by श्यामल सुमन | Leave a Comment पाँच बरस के बाद ही, क्यों होती है भेंट? मेरे घर की चाँदनी, जिसने लिया समेट।। ऐसे वैसे लोग को, मत करना मतदान। जो मतवाला बन करे, लोगों का अपमान।। प्रत्याशी गर ना मिले, मत होना तुम वार्म। माँग तुरत भर दे वहीं, सतरह नम्बर फार्म।। सत्ता के सिद्धान्त की, एक अनोखी […] Read more » एक अनोखी बात