कविता एक गजल बेटा बाप को नहीं देखता July 7, 2018 / July 7, 2018 by आर के रस्तोगी | Leave a Comment जीता हूँ अपनी धुन में,इस दुनिया का कायदा नहीं देखता रिश्ते निभाता हूँ दिल से कभी अपना फायदा नहीं देखता लिखता हूँ अपने दिल से, कभी किसी का दिल नहीं दखाता शब्दों की माला पिरोता हूँ कभी किसी की कविता नहीं चुराता आँखे सभी की दो दो है,पर वह अपने पापो को नहीं देखता अँधा […] Read more » एक गजल बेटा काबिलियत बाप को नहीं देखता मोदी देश