लेख एक तराशा मां ने हीरा April 1, 2025 / April 1, 2025 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment बोल उठी – बलिदानी की,एक समाधि बोल उठी।बड़े प्रेम से बलिदानी की,सारी बातें – बोल उठी ।। एक तराशा मां ने हीरा,किया देश को अर्पित।आओ बैठो, बातें कर लो ,कर लो पुष्प समर्पित ।। वरमाला नहीं पड़ी गले में ,पड़ी थी रस्सी फांसी की ।चूमा बड़े प्रेम से उसको,जब शत्रु ने फांसी दी ।। अर्पित […] Read more » एक तराशा मां ने हीरा