कविता साहित्य ऐसा था सुभाष हमारा January 27, 2016 by डा. राधेश्याम द्विवेदी | Leave a Comment ऐसा था सुभाष हमारा । ऐसा था सुभाष हमारा ।। महल और चौबारा छोड़ा तख्त ताज मीनारा छोड़ा। निज मन का बंधन तोड़ा अपना सुख वैभव छोड़ा।।1।।ऐसा था ….. भारत मां के चरणों में रणभेरी का तान छोड़ा। तन पर खाकी पहन लिया सिविल की नौकरी छोड़ा।। 2।।ऐसा था……. दुश्मन से टक्कर लेकरके ’जयहिन्द’ का […] Read more » ऐसा था सुभाष हमारा