कविता ऐसा लगता लाल किला मर्दानी भाषा बोल गया।। April 15, 2019 / April 15, 2019 by मनमोहन आर्य | 1 Comment on ऐसा लगता लाल किला मर्दानी भाषा बोल गया।। वर्षों बन्द कुबेर खजाने का दरवाजा खोल गया। गोरा बादल शत्रु कंठ को तलवारों से तोल गया। सात दशक का पाप जाप की अग्नि शिखा से डोल गया। ऐसा लगता लाल किला मर्दानी भाषा बोल गया।। अद्भुत चतुर खिलाड़ी आया दाग गोल पर गोल गया। ऐसा लगता लाल किला मर्दानी भाषा बोल गया।। सैनिक की […] Read more » ऐसा लगता लाल किला मर्दानी भाषा बोल गया।।