कविता “जिंदगी” क्या है July 14, 2020 / July 14, 2020 by आर के रस्तोगी | Leave a Comment आज “जिंदगी” संभल गई,कल सब कुछ संभल जायेगा।आज जिंदगी न संभली तो,कल सब कुछ बिगड़ जायेगा।। “जिंदगी” संवारने को तो,सारी जिंदगी पड़ी है।ये लम्हा संवार लो तुम,जहा जिंदगी खड़ी है।। “जिंदगी” है तो सब कुछ है,जिंदगी नहीं तो कुछ नहीं।अगर जिंदगी न रही तो,सारा जहान कुछ नहीं।। “जिंदगी” जिंदादिली का नाम है,बाकी सब बेकार के […] Read more » "जिंदगी" क्या है