कविता अब तो आ जाओ सनम July 9, 2018 / July 9, 2018 by आर के रस्तोगी | Leave a Comment दिन ढल चूका है,शाम हो गई है चिराग जल चुके है,रात हो गई है मिटाने जा रहे है, वे अपने गम न जाने कहाँ हो तुम ? अब तो आ जाओ सनम तेल जल चूका है,बाति कम हो गई है चिराग की लो भी अब कम हो गई है बुझ रहा है वह,निकल रहा उसका […] Read more » अब तो आ जाओ सनम चाँद जा चूका है चाँदनी अब सो गई है तितलियाँ