कविता दरिंदगी July 21, 2014 by रवि श्रीवास्तव | Leave a Comment -रवि श्रीवास्तव- समाज में फैल गई गंदगी, हर तरफ दिख रही दरिंदगी, नारी के शोषण में तो, देश रहा है अब तक झेंप, कड़ी सज़ा मिले उन सबको, जो करते हैं महिलाओं का रेप। नहीं नज़र आती है उनको, उस नारी में बहन बेटी, अपनी इज्ज़त को को इज्ज़त समझे, दूसरों की करते हैं बेइज्ज़ती। […] Read more » कविता दरिंदगी हिन्दी कविता