विविधा धन्यवाद को धन्यवाद July 30, 2010 / December 22, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | 1 Comment on धन्यवाद को धन्यवाद – हृदयनारायण दीक्षित प्रकृति रहस्यपूर्ण है। मनुष्य प्रकृति का हिस्सा है। मनुष्य और भी रहस्यपूर्ण है। प्रकृति की गतिविधि में अनंत प्रपंच हैं। हम अपनी 5 इंद्रियों के जरिए संसार से जुड़ते हैं। पांचों इंद्रियों से प्राप्त संकेतों का साझा बोध ही हमारी बुद्धि है। बुद्धि की सीमा है। इंद्रिय बोध ही एकमेव सहारा है। […] Read more » thanks धन्यवाद