कविता साहित्य ये अकेलापन November 4, 2015 by अनुप्रिया अंशुमान | Leave a Comment बहुत ही दूर तक दिखता है मुझको ये अकेलापन तुम्हारे साथ होने पर भी नहीं हटता है ये अकेलापन कभी किया करती हूँ खुद से बातें मैं बेपर्दा कि _छुप के देखता है मुझको ये अकेलापन हृदय के एक कोने में जब याद उठती है तुम्हारी कि_छुप के साँस लेता है मुझमें ये अकेलापन कितनी […] Read more » ये अकेलापन