व्यंग्य साहित्य राजनीति का भूत March 21, 2018 by विजय कुमार | Leave a Comment शर्मा जी की इच्छा थी कि मोहल्ले में उनका कद कुछ बढ़े। उनके भाव भी थोड़े ऊंचे हों। असल में नगर पंचायत के चुनाव पास आ रहे थे। उनका मन था कि इस बार वे भी किस्मत आजमाएं। यद्यपि इससे पहले उनका कोई राजनीतिक कैरियर नहीं था। 40 साल सरकारी दफ्तर में पैर पीटने के […] Read more » Featured राजनीति का भूत