राजनीति यह कैसी विचारधारा है जो खून मांगती है…? April 13, 2010 / December 24, 2011 by गिरीश पंकज | Leave a Comment छत्तीसगढ़ के बस्तर में नक्सलियों की हिंसा के कारण ७८ से ज़्यादा लोगों की जानें चली गयी. बेशक नक्सली अपनी सफलता का जश्न मना रहे होंगे. लेकिन मानवता खून के आँसू रो रही है. लोग सवाल कर रहे है कि यह कैसा नक्सलवाद है..? यह कैसी विचारधारा है..? ये कैसा माओवाद है जो खून से […] Read more » Girish Pankaj गिरीश पंकज
जब-तक सूरज चाँद रहेगा, प्रभाष जोशी का नाम रहेगा – गिरीश पंकज November 6, 2009 / November 6, 2009 by गिरीश पंकज | 3 Comments on जब-तक सूरज चाँद रहेगा, प्रभाष जोशी का नाम रहेगा – गिरीश पंकज प्रभाष जोशी का अचानक ऐसे चला जाना उन लोगों के लिए दुखद घटना है जो पत्रकारिता को मिशन की तरह लेते थे और वैसा व्यवहार भी करते थे। जोशी जी के जाने के वाद अब लम्बे समय तक दूसरा प्रभाष जोशी पैदा नहीं होगा। राजेंद्र माथुर जी के जाने के बाद प्रभाष जोशी ने उनके […] Read more » Girish Pankaj Prabhash Joshi गिरीश पंकज प्रभाष जोशी
कविता साधो हर नेता मधु कोडा.. – गिरीश पंकज November 4, 2009 / December 26, 2011 by गिरीश पंकज | 1 Comment on साधो हर नेता मधु कोडा.. – गिरीश पंकज साधो हर नेता मधु कोडा. जिसे मिला वो डट कर खाए, नहीं किसी ने मौका छोडा. साधो हर नेता मधु कोडा……. (१) मौका पा कर नेता लूटे, क्या जाने कब कुर्सी छूटे. राजनीति में अपराधी है. बहुत बड़ी अब ये व्याधी है. जनता अब तो जागे थोडा…. साधो हर नेता मधु कोडा….. (२) राजनीति अब […] Read more » Girish Pankaj गिरीश पंकज
व्यंग्य बिल है कि मानता नहीं.. October 30, 2009 / December 26, 2011 by गिरीश पंकज | 1 Comment on बिल है कि मानता नहीं.. बिल, टैक्स, सेक्स और सेंसेक्स… जीवन का अर्थशास्त्र इन सबके इर्द-गिर्द घूम रहा है। उधर दुनिया में बिलगेट्स छाए हुए हैं, इधर हम बिल-टैक्स से जूझ रहे हैं। कई बार लगता है कि मनुष्य का जन्म बिल और टैक्स भरने के लिए ही हुआ है। इन बिलों का भरते-भरते मनुष्य का दिल बैठा जाता है […] Read more » Bill Girish Pankaj गिरीश पंकज बिल है कि मानता नहीं व्यंग्य
हिंद स्वराज गाँधी जी और आज की यांत्रिक सभ्यता – भाग-3 October 28, 2009 / December 26, 2011 by गिरीश पंकज | Leave a Comment गाँधी जी ने सभ्यता के जो रूप बताए है, वे विचारणीय है। संवेदनशील पाठक आत्म-मंथन के लिए विवश होगा और सोचेगा, कि क्या सभ्यता के ये ही नए कँटीले शिखर हैं? गाँधी जी के विचारों का एक लम्बा अंश यहाँ प्रस्तुत करने का मोह संवरण नहीं कर पा रहा हूँ. उन्होंने कहा कि सौ साल […] Read more » Gandhi Girish Pankaj Mahatma Gandhi गाँधी जी गिरीश पंकज महात्मा गाँधी यांत्रिक सभ्यता हिंद स्वराज
हिंद स्वराज गाँधी जी और आज की तथाकथित यांत्रिक सभ्यता – भाग-1 October 24, 2009 / December 26, 2011 by गिरीश पंकज | 2 Comments on गाँधी जी और आज की तथाकथित यांत्रिक सभ्यता – भाग-1 ‘प्रवक्ता’ के माध्यम से ‘हिंद स्वराज्य’ पर गंभीर-विमर्श की एक सार्थक शुरुआत हुई. पूरी टीम को बधाई. अनेक विचार पढने के बाद मेरे मन भी हलचल हुई. सोचा, कि कुछ तो लिखा जाये. ‘हिंद स्वराज्य’ में गाँधी जी ने यंत्रो को लेकर भी गंभीर चर्चा की है. मै गाँधी जी के दर्शन के सन्दर्भ में […] Read more » Gandhi Ji Girish Pankaj Machinery Civilization गाँधी जी गिरीश पंकज यांत्रिक सभ्यता हिंद स्वराज
व्यंग्य योगा: नया आइटम सांग…. गिरीश पंकज October 23, 2009 / December 26, 2011 by गिरीश पंकज | 2 Comments on योगा: नया आइटम सांग…. गिरीश पंकज पहले सड़कों पर तमाशा दिखाने वाले मदारियों का ड्रेस कोड नहीं होता था। अब वे समझदार हो गए हैं। आजकल वे भगवा ड्रेस में नज़र आते हैं। उस दिन शहर में एक हाइटेक मदारी आया। वह भगवा ड्रेस पहने हुए था। मदारी ने डुगडुगी बजाई । भीड़ जुटी। मदारी ने पापी पेट के लिए सबके […] Read more » Girish Pankaj Item Song Yoga आइटम सांग गिरीश पंकज योगा