समाज साठ में से चार पोस्ट सेक्स पर क्या लिखा हो गया बबाल September 28, 2009 / December 26, 2011 by जयराम 'विप्लव' | 2 Comments on साठ में से चार पोस्ट सेक्स पर क्या लिखा हो गया बबाल अरे , भाई यह क्या गजब हो गया .मैंने तो सेक्स / काम - चर्चा की कड़ियाँ लिखनी शुरू कर दी .अब लोगों को कैसे साबित करूँगा कि मैं ब्लॉग हित ,देश हित ,जन हित .... में लिखता हूँ ! . सेक्स /काम का जन से क्या सरोकार ! कुछ अन्य ब्लॉगर को देखो धर्म -चर्चा में विलीन हैं, अपने -अपने ब्लॉग पर अवतारों की चर्चा करते हैं , और मैं मूढ़ सेक्स की बात करता हूँ ! छि छि छि ..... Read more » Love Osho Sex and Society Sex in Indian Philosophy Spritualism Vatsyayan Kamsutra सेक्स चर्चा
समाज सेक्स चर्चा (भाग-४) September 25, 2009 / December 26, 2011 by जयराम 'विप्लव' | 2 Comments on सेक्स चर्चा (भाग-४) पिछले दिनों कई पोस्ट में मैंने सेक्स और समाज को मुद्दा बना लिखा .आम तौर पर लोगों ने मज़े लेने के लिए पढ़े और वाहवाही कर चलते बने . हाँ कुछेक साथियों ने बहस में भाग लेने की कोशिश जरुर की जो कामयाब न हो पाई . सेक्स की बात सुन कर हम मन ही मन रोमांचित होते हैं .जब भी मौका हो सेक्स की चर्चा में शामिल होने से नहीं चूकते .इंटरनेट पर सबसे अधिक सेक्स को हीं सर्च करते हैं . Read more » Osho Sex and Society Sex in Indian Philosophy Sex in Life Spritualism Vatsyayan Kamsutra सेक्स सेक्स चर्चा
धर्म-अध्यात्म समाज सेक्स चर्चा (भाग -3) September 18, 2009 / December 26, 2011 by जयराम 'विप्लव' | 11 Comments on सेक्स चर्चा (भाग -3) हम जीवन के मूल तत्व ' काम ' अर्थात 'सेक्स' के ऊपर विभिन्न विचारकों और अपने विचार को आपके समक्ष रखेंगे . काम का जीवन में क्या उपयोगिता है ? सेक्स जिसे हमने बेहद जटिल ,रहस्यमयी ,घृणात्मक बना रखा है उसकी बात करने से हमें घबराहट क्यों होती है ? क्यों हमारा मन सेक्स में चौबीस घंटे लिप्त रहने के बाद भी उससे बचने का दिखावा करता है Read more » Osho Sex and Society Sex in Indian Philosophy Sex in Life Spritualism Vatsyayan Kamsutra सेक्स चर्चा