कविता दादाजी January 24, 2021 / January 24, 2021 by आलोक कौशिक | Leave a Comment मुझे अपने पुत्र से इतना प्रेम नहींजितना अपने पोते से हैऐसा मेरे दादाजी कहते थे माँगते थे वो किसी से कुछ नहीं कभीदेकर सर्वस्व सबकोस्वयं अभावों में जीते थे यदा-कदा पिताजी की जिन बातों परनाराज़ होते थे दादाजीमेरी उन्हीं बातों पर मुस्कुराते थे दादाजी की हर बात सच हो जाती थीक्योंकि हर बात दादाजीअपने तजुर्बे […] Read more » poem on grandfather दादाजी