कविता अपरिचित चेहरों को भले होने चाहिए September 20, 2021 / September 20, 2021 by विनय कुमार'विनायक' | Leave a Comment —विनय कुमार विनायकमित्र कुटुम्ब भले हो ना होअपरिचित चेहरों को भले होने चाहिए! मित्र कुटुम्ब घरों में मिलतेअपरिचित हर चौक चौराहे पर मिलते! मित्र कुटुम्ब के बगैर रह सकतेपर अपरिचित के बगैर नहीं रह सकते! जब हम किसी यात्रा पर होतेतब अपरिचित चेहरे ही काम आते! चाहे हो स्टैंड के आटो रिक्शा, गाड़ी वालेचाहे हो […] Read more » Unfamiliar faces should be good अपरिचित चेहरों को भले होने चाहिए