कविता

एक से दस तक गिनती

एक बड़े राजा का बेटा,

दो दिन से मुर्दा सा लेटा।

तीन महात्मा सुन कर आए,

चार दवा के वे टुकड़े लाए।

पांच मिनिट घिस गर्म कराई

छः छः घंटे बाद दवा पिलाई।

सातवे दिन कुछ नैना खोले,

आठवें दिन रानी से बोले।

नवे दिन कुछ हिम्मत आई,

दसवें दिन उसने दौड़ लगाई।

राजा रानी की कहानी सुनाई,

एक से दस तक गिनती सुनाई।

आर के रस्तोगी