जिसने उसका चीर हरण किया,उसी को मित्र बनाया है
डूब मरो चुल्लू भर पानी में,उसको जरा शर्म न हाया है
जो अपना सम्मान न बचा सकी,औरो का क्या बचायेगी
सत्ता की लोलुपता के कारण, अपना सब कुछ गवायेगी
गेस्ट हाउस की घटना को,कुर्सी के लिये उसने भुला दिया
जिन हाथो ने अपमान किया था,उन्ही हाथो को थाम लिया
ये गठबन्धन नहीं ठगबंधन है,जहाँ सारे ठग इकठ्ठा हुये है
पी एम की कुर्सी के लिये वे कितना अभी से बेहाल हुये है
ये गठबंधन चुनाव तक सीमित है,वे बाद में बिखर जायेंगे
चूकि उनकी अपनी अपनी ढपली है,वे अपना ही राग गायेगे
उनका बस एक ही नारा है,मोदी को अपने रास्ते से हटायेगे
वे अपना विकास करते है,ये देश का क्या विकास कर पायेगे
आर के रस्तोगी