जिसने उसका चीर हरण किया,उसी को मित्र बनाया है

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जिसने उसका चीर हरण किया,उसी को मित्र बनाया है
डूब मरो चुल्लू भर पानी में,उसको जरा शर्म न हाया है

जो अपना सम्मान न बचा सकी,औरो का क्या बचायेगी
सत्ता की लोलुपता के कारण, अपना सब कुछ गवायेगी

गेस्ट हाउस की घटना को,कुर्सी के लिये उसने भुला दिया
जिन हाथो ने अपमान किया था,उन्ही हाथो को थाम लिया

ये गठबन्धन नहीं ठगबंधन है,जहाँ सारे ठग इकठ्ठा हुये है
पी एम की कुर्सी के लिये वे कितना अभी से बेहाल हुये है

ये गठबंधन चुनाव तक सीमित है,वे बाद में बिखर जायेंगे
चूकि उनकी अपनी अपनी ढपली है,वे अपना ही राग गायेगे

उनका बस एक ही नारा है,मोदी को अपने रास्ते से हटायेगे
वे अपना विकास करते है,ये देश का क्या विकास कर पायेगे

आर के रस्तोगी

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आर के रस्तोगी
जन्म हिंडन नदी के किनारे बसे ग्राम सुराना जो कि गाज़ियाबाद जिले में है एक वैश्य परिवार में हुआ | इनकी शुरू की शिक्षा तीसरी कक्षा तक गोंव में हुई | बाद में डैकेती पड़ने के कारण इनका सारा परिवार मेरठ में आ गया वही पर इनकी शिक्षा पूरी हुई |प्रारम्भ से ही श्री रस्तोगी जी पढने लिखने में काफी होशियार ओर होनहार छात्र रहे और काव्य रचना करते रहे |आप डबल पोस्ट ग्रेजुएट (अर्थशास्त्र व कामर्स) में है तथा सी ए आई आई बी भी है जो बैंकिंग क्षेत्र में सबसे उच्चतम डिग्री है | हिंदी में विशेष रूचि रखते है ओर पिछले तीस वर्षो से लिख रहे है | ये व्यंगात्मक शैली में देश की परीस्थितियो पर कभी भी लिखने से नहीं चूकते | ये लन्दन भी रहे और वहाँ पर भी बैंको से सम्बंधित लेख लिखते रहे थे| आप भारतीय स्टेट बैंक से मुख्य प्रबन्धक पद से रिटायर हुए है | बैंक में भी हाउस मैगजीन के सम्पादक रहे और बैंक की बुक ऑफ़ इंस्ट्रक्शन का हिंदी में अनुवाद किया जो एक कठिन कार्य था| संपर्क : 9971006425

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