रक्षाबन्धन का त्यौहार

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आया रक्षाबन्धन का त्यौहार
लाया भाई-बहन का ये प्यार
बहन सुंदर सा थाल सजाती
रोली राखी व मिठाई लगाती
भाई के माथे पर टीका लगाती
उसको बढ़िया मिठाई खिलाती
फिर हाथ में राखी पहनाती
बढ़िया सा भोजन खिलाती 
ये देखा कितना अदभुत प्यार
आया रक्षाबन्धन का ये त्यौहार

राखी नहीं है मामूली सा धागा
ये है  बहन की रक्षा का वादा
जो जीवन भर भाई निभाता
कभी नहीं इसको तोड़ पाता
रक्षा के बंधन में बंध जाता
अपना वचन वह सदा निभाता
इसलिए ये धागों का त्यौहार
रक्षाबंधन के नाम से कहलाता
देखा तुमने भाई बहन का प्यार
आया रक्षाबन्धन का त्यौहार

दुनिया में कितने रिश्ते अनेक
यह रिश्ता है लाखी में है एक
ये रिश्ता कच्चे धागे से जुड़ जाता
कभी नहीं इसको कोई तोड़ पाता
ये सावन की पूर्णिमा को मनाया जाता
चाँद गगन में पूरा निकल कर आता
इसका इतिहास सदियों है पुराना
जब से कृष्ण ने द्रोपदी को बहन माना
द्रोपदी ने रक्षा के लिये गुहार लगाई थी
कृष्ण भगवान् ने उसकी लाज बचाई थी
देखा तुमने ये भाई बहन का प्यार
आया रक्षाबन्धन का त्यौहार
लाया भाई-बहन का ये प्यार

आर के रस्तोगी  

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आर के रस्तोगी
जन्म हिंडन नदी के किनारे बसे ग्राम सुराना जो कि गाज़ियाबाद जिले में है एक वैश्य परिवार में हुआ | इनकी शुरू की शिक्षा तीसरी कक्षा तक गोंव में हुई | बाद में डैकेती पड़ने के कारण इनका सारा परिवार मेरठ में आ गया वही पर इनकी शिक्षा पूरी हुई |प्रारम्भ से ही श्री रस्तोगी जी पढने लिखने में काफी होशियार ओर होनहार छात्र रहे और काव्य रचना करते रहे |आप डबल पोस्ट ग्रेजुएट (अर्थशास्त्र व कामर्स) में है तथा सी ए आई आई बी भी है जो बैंकिंग क्षेत्र में सबसे उच्चतम डिग्री है | हिंदी में विशेष रूचि रखते है ओर पिछले तीस वर्षो से लिख रहे है | ये व्यंगात्मक शैली में देश की परीस्थितियो पर कभी भी लिखने से नहीं चूकते | ये लन्दन भी रहे और वहाँ पर भी बैंको से सम्बंधित लेख लिखते रहे थे| आप भारतीय स्टेट बैंक से मुख्य प्रबन्धक पद से रिटायर हुए है | बैंक में भी हाउस मैगजीन के सम्पादक रहे और बैंक की बुक ऑफ़ इंस्ट्रक्शन का हिंदी में अनुवाद किया जो एक कठिन कार्य था| संपर्क : 9971006425

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