
मुलाकात नहीं हुई है कई रोज से
हालांकि हम साथ-साथ रहते हैं।
शाम को जल्दी आ जाना डॉक्टर के पास जाना है
या फिर, जमा कर दिया है बिजली का बिल-
नहीं होती है बात।
बरसों-बरस साथ रहते, सोते, खाते
दफ्तर जाते- नहीं होती मुलाकात।
जिम्मेदारियां निभाते, काम निबटाते,
खो जाती है बात।
देख रही हूं लंबे समय से व्यस्त हो तुम
मकान की किस्त चुकाने में
चिंतित हूं मैं बिटिया की पढ़ाई
और सोहबत को लेकर-
जरूरी हैं ये सभी काम।
तो चलो ऐसा करते हैं
आज दफ्तर से लौट कर
घर-बाहर के काम से निबट कर
बैठते हैं साथ-साथ, खुली छत पर
ठीक आसमान तले
मकान, बीमारी, जिम्मेदारी—
किसी पर कोई बात नहीं
बस, बैठेंगे खामोश, चुपचाप…
कि बड़ी तलब –सी उठ रही है
अरसा हुए मुलाकात नहीं हुई
जाने कब से बात नहीं हुई।