सोनिया, सुदर्शन और शातिर कांग्रेस

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क्या सोनिया गाँधी सभी सवालों से ऊपर हैं? क्या भ्रष्टाचार में आकंठ डूबी और आम हिन्दुस्तानियों की नेहरु परिवार से जुड़ी भावनाओं का शातिराना इस्तेमाल करके राजसत्ता पर अपना कब्ज़ा जमाये बैठी कांग्रेस, लोकतंत्र की सामान्य परिभाषा भी भूल गयी है? क्या राजनीति की गन्दगी, जनभावनाओं की चादर से ढकी जा सकती है? शायद इन सभी सवालों का उत्तर हाँ है| जहाँ जाति, धर्म और परिवार सत्ता का स्वरुप निर्धारित करते हों, जहाँ सीमा पर अपनी जान कुर्बान कर देने वाले जवानों की कफ़नखसोटी में भी गुरेज नहीं किया जाता, जहाँ भूखी-बावरी जनता खाली पेट व्यक्ति उपासना करती हो, वहां यूँ ही होता है जो आज हिंदुस्तान में हो रहा है| आर एस एस के पूर्व प्रमुख सुदर्शन ने एक बयान दिया और देश का मौसम बदल गया| आर एस एस हवा के रुख़ को पहचानती थी सो उसने फूंक मार दी, सोनिया गाँधी एंड कम्पनी के लिए भ्रष्टाचार के मुद्दे पर मंहगाई से पलायन करने का इससे अच्छा मौका कोई हो नहीं सकता था सो उन्होंने आर एस एस के खिलाफ पूरे देश में मोर्चा खोल दिया|

ऐसा नहीं है कि सोनिया गांधी पर विदेशी ख़ुफ़िया एजेंसियों के साथ सम्बंध को लेकर पहले आरोप नहीं लगे हैं, बार बार अलग अलग मंचों से इस सम्बंध में सवाल उठाये गए हैं| ये बात दीगर है कि सुदर्शन का मौज़ूदा बयान अज्ञातवास झेल रहे किसी व्यक्ति और बूढ़े होते जा रहे किसी संगठन के भीतर पल रही कुंठाओं के परिमार्जन का प्रतीक है| मगर उनके द्वारा कही गयी बात सच नहीं तो सच के आस पास जरुर है| सोनिया गांधी पर आर एस एस के किसी कैडर ने पहली बार इस तरह का बयान दिया है, जबकि इसके पहले तमाम राजनैतिक और गैर राजनैतिक व्यक्तियों ने उनके और केजीबी के बीच साठ- गाँठ के आरोप लगाये| हालाँकि एक बार भी सोनिया गांधी ने खुद पर लगाये गए आरोपों का जवाब नहीं दिया| सोनिया गाँधी और कांग्रेस दोनों को ये समझ होनी चाहिए कि राजनीति में, वो भी तब जब आप एक देश चला रहे हों, किसी भी सवाल को निराधार कह कर खारिज नहीं किया जा सकता| जवाबदेही से जी चुराना कांग्रेस पार्टी के चरित्र का सबसे गहरा दाग है, जिसे देश की जनता ने कभी आपातकाल, कभी बोफोर्स तो अब घोटालों के कभी ख़त्म न होने वाले सिलसिले के रूप में बार बार झेला है|

अभी कुछ ही दिन हुए जब राहुल गाँधी ने आर एस एस को आतंकवादियों का संगठन करार दिया| जिस वक़्त उनका ये बयान आया ठीक उसी के पहले अरुंधती रॉय ने भारत से कश्मीर को आज़ाद करने की बात कही थी| अजीब बात ये रही कि कांग्रेस के किसी भी नेता ने अरुंधती के बयान पर किसी प्रकार की टिप्पणी नहीं की, हाँ चिदम्बरम ने इतना जरुर कहा कि अरुंधती के खिलाफ़ किसी प्रकार की कार्यवाही उनको लाइम लाईट में लाना होगा, हम इससे बचेंगे| अगर अरुंधती, गिलानी और कश्मीर की आज़ादी की बात करने वाले तमाम लोगों पर टिप्पणी करना सही नहीं था, तो आर एस एस पर राहुल गाँधी के बचकानी टिप्पणी का क्या मतलब था? एक मतलब तो साफ़ समझ में आता है कि कांग्रेस हिंदूवादी संगठनों के साथ विवाद खड़े करके अपने अंक बढ़ाने की तकनीक जान गयी है| इस तकनीक का इस्तेमाल पहले राहुल गाँधी ने किया और अब पूरी कांग्रेस पार्टी सुदर्शन के बयान की आड़ में कर रही है| शायद इस एक जगह पर आकर आर एस एस का चरित्र कांग्रेस के चरित्र से बड़ा हो जाता है, जब आतंकवादी संगठन करार दिए जाने के बावजूद हाफ पैंट वाले शांति बनाये रखते हैं| न तो कहीं धरना दिया जाता है न कोई प्रदर्शन होता है और न ही कहीं कोई बयानबाजी होती है|

ऐसा नहीं है कि देश में पहली बार किसी के सन्दर्भ में इस तरह की अतिश्योक्तिपूर्ण बातें कही गयी हों, जैसे सोनिया के बारे में कही गयी| समकालीन राजनीति कई बार मनगढ़ंत तो कभी कभी वास्तविक चरित्र विश्लेषण से ही फल फूल रही है| मायावती, नीतीश कुमार से लेकर जार्ज फर्नांडिस तक जैसे सैकड़ों नाम हैं जिन्हें इससे बार बार दो चार होना पड़ा है, मगर कभी भी इन नेताओं ने या फिर इनकी पार्टियों ने इन विश्लेषणों को तवज्जो नहीं दी और न ही इन पर किसी प्रकार की राजनीति की, बस सीधे सीधे जवाब देकर उन विश्लेषणों को वहीं दफ़न कर दिया| लेकिन कांग्रेस ऐसे सवालों को बर्दाश्त नहीं कर पाती और जब फूट पड़ती है तो उसका असली चेहरा सामने आ जाता है| यही वजह है कि लोकमत हासिल करने के बावजूद कांग्रेस लोकप्रिय होने में असफल रही है| देश इस वक़्त संक्रमण काल से गुजर रहा है, अमीर गरीब के बीच की खाई निरंतर बढती जा रही है| अपनी मुश्किलों से निजात पाने के लिए वो जिन्हें चुन रही है वही उसके पीठ में खंजर भोंक रहे हैं| घरेलु मोर्चों पर पूरी तरह से विफल गाँधी परिवार की प्राइवेट प्रापर्टी बन चुकी कांग्रेस के पास आम आदमी की जिंदगी को आसान बनाने के लिए न तो कोई चिंतन है न तो कोई कार्यक्रम| हाँ, गुलामी की आनुवंशिकता का अभिशाप झेल रही एक अरब की जनता के गुणसूत्रों की जानकारी जरुर है, जिसका प्रयोग वो बार बार कर रही है|

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आवेश तिवारी
पिछले एक दशक से उत्तर भारत के सोन-बिहार -झारखण्ड क्षेत्र में आदिवासी किसानों की बुनियादी समस्याओं, नक्सलवाद, विस्थापन,प्रदूषण और असंतुलित औद्योगीकरण की रिपोर्टिंग में सक्रिय आवेश का जन्म 29 दिसम्बर 1972 को वाराणसी में हुआ। कला में स्नातक तथा पूर्वांचल विश्वविद्यालय व तकनीकी शिक्षा बोर्ड उत्तर प्रदेश से विद्युत अभियांत्रिकी उपाधि ग्रहण कर चुके आवेश तिवारी क़रीब डेढ़ दशक से हिन्दी पत्रकारिता और लेखन में सक्रिय हैं। उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जनपद से आदिवासी बच्चों के बेचे जाने, विश्व के सर्वाधिक प्राचीन जीवाश्मों की तस्करी, प्रदेश की मायावती सरकार के मंत्रियों के भ्रष्टाचार के खुलासों के अलावा, देश के बड़े बांधों की जर्जरता पर लिखी गयी रिपोर्ट चर्चित रहीं| कई ख़बरों पर आईबीएन-७,एनडीटीवी द्वारा ख़बरों की प्रस्तुति| वर्तमान में नेटवर्क ६ के सम्पादक हैं।

12 COMMENTS

  1. तिवारी जी साधुवाद ,
    शातिर कांग्रेस पर बहुत सधा लेख, दरअसल अब कांग्रेस किसी भी कीमत पर सत्ता नहीं छोड़ना छह रही है, क्योंकि भ्रस्टाचार के खिलाफ उठती आवाजो ने उसे डराना शुरू कर दिया है . इसलिए कि यदि निष्पक्ष जाँच हुई तो वो बेनकाब हो जाएगी.

  2. ”कांग्रेस हिंदूवादी संगठनों के साथ विवाद खड़े करके अपने अंक बढ़ाने की तकनीक जान गयी है| ”
    १०००% सही बात कही आपने. एक वाकई में शानदार और सटीक विश्लेषण. साधुवाद.

  3. “सोनिया, सुदर्शन और शातिर कांग्रेस” – by – आवेश तिवारी

    – माननीय सुदर्शन जी ने कमाल कर दिया. उनके एक वक्तव्य ने देश में भूचाल ला दिया है.
    सोनिया जी का सच देश के सामने आना ही चाहिए

    – ब्यान में बुराई का जबाब उसी भाषा में देना ठीक दिख रहा है. कांग्रेसियों की अकल ठिकाने आ लग रही है.
    संघ तो इस प्रचार से और मज़बूत होगा.

    – इतने वर्षों से डाक्टर सुब्रमण्यम स्वामी आदि, सोनिया जी का सच व्यापक रूप से आम आदमी के सामने लाने में सफल नहीं हो पाए.
    सुदर्शन जी ने एक बयान से घर-घर सन्देश पहुंचा दिवा है.

    कांग्रेस या संघ – किसकी रण नीति सफल रही, यह कैसे मापा जा सकता है ? ऐसे मामलों में अदालतों के दावों का कुछ असर नहीं.

    – अनिल सहगल –

  4. अगर सुदर्शन जी ने कहा तो ऐसे ही नहीं कहा होगा, जरुर कहीं न कहीं ये बात कुच्छ हद तक सच होगी ! ज्यादा जानकारी के लिए पढ़ें डॉ. सुब्रमनियम स्वामी द्वारा लिखे इस लेख को जो सुप्रीम कोर्ट में वकील हैं . इन्होंने यह सारी जानकारी उस समय के प्रधान मंत्री अटल जी और गृह मंत्री आडवानी जी को भी दी थी, पर इसे वे इगनोरे कर दिए थे, फिर वो सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर भी करने की कोशिश भी की थी जो कोर्ट ने डिसमिस कर दिया इसे पर्सनल गोपिनियता में दखल कह के …..
    लेख बहुत जयादा लम्बा है पूरा लेख पढ़ें https://janataparty.org/sonia.html

    Do You Know Your Sonia Gandhi?
    by
    Dr. Subramanian Swamy
    (National President, Janatha Party)

    INTRODUCTION
    THREE LIES
    SONIA’S INTRODUCTION INTO INDIA
    SONIA’S KGB CONNECTIONS
    SONIA’S CONTEMPT FOR LAWS OF INDIA
    SONIA GANDHI IS THE MODERN ROBERT CLIVE
    WHAT PATRIOTIC INDIANS CAN DO

  5. हेस अण्डरसन की कहानी दी एम्पररस न्यु क्लाथ की याद आ रही है। ठगो ने बडा भ्रम फैला रखा था लेकिन जब बच्चे ने जब कहा की राजा नंगा है तो वह भ्रम-जाल फट गया। वैसे ही सुदर्शन जी ने जो बाल-सुलभ ढंग से जो बाते कही वह झुठ के पर्दे को फाड डालेगी।

  6. सच वो नहीं जो दीखता है!!!! लम्बे समय मैं आने वाले परिणाम ही षड़यंत्र का खुलासा करते हैं
    इतने सालों मैं देश की दुर्गति क्यों हुयी…?
    अमीर लोग अरबपति बन बैठे क्यों?
    गरीब लोग दाने दाने को मोहताज़ हैं ?
    स्विस बैंकों मैं देश का धन क्यों जा रहा है?
    हिन्दू धर्म पर हमले क्यों?
    अन्य धर्मो द्वारा धर्मान्तरण क्यों?
    विदेशी कम्पनियां देश के उधोगों को नष्ट कर रही है?
    देश के महत्वपूर्ण संसाधनों पर विदेशियों का कब्ज़ा होता जा रहा है?

    गंभीरता से विचार करे कोन लोग एजेंट का काम कर रहे हैं?

  7. सही कहा आवेश जी ..संघियों का चरित्र बाकई कांग्रेससे बहुत बड़ा है {?] अब देखो न इंदौर में और मध्यप्रदेश में लगातार दो दिन से हर जगह कांग्रेसी ही पिट रहे हैं ..मध्यप्रदेश में भाजपा सरकार की शह पर पुलिस और संघ के निर्देश पर गुंडे दोनों ने सरे आम सडक चलते निर्दोष नागरिकों {हिन्दू}..को बुरी तरह कूटा …इस जन कुटावसे आहत आम जनता संघियों से बेहद नफरत करने लगी है …आज इंदौर में हजारों हिदू महिलाओं ने पुलिस और संघ तथा भाजपा के खिलाफ मोर्चाव्न्दी की है .
    कांग्रेसियों की अकाल ठिकाने आ गई .केंद्र में अपनी सरकार के रहते गली गली चौराहों पर मार खा रहे हैं .यह उस सत्ता लोलुपता का और वैयक्तिक चाटुकारिता का ही परिणाम है की आज वे लोग मार खा रहे हैं जो संजय गाँधी के राज में ,श्यामा भैया के राज में .अर्जुन दाऊ
    के राज में आम जनता को आखें दिखाते थे .अब स्यारों पर गीदड़ भारी पड रहे हैं …
    देश की लोकतान्त्रिक धर्मनिरपेक्षत स्थिति डगमगाने लगी है …बाहरी खतरों से लड़ने की क्षमता बेफालतू नष्ट हो रही है .

  8. वाह बाबा सुदर्शन – आपने तो कमाल कर दिया। कांग्रेसी अब सारे देश में अपनी रानी मधुमक्खी की असलियत बयान करते हुए प्रदर्शन कर रहे है। देशवासियो को असलियत से वाकिफ कराने का इस से अच्छा तरिका और क्या हो सकता था। वैसे विदेशी निवेष वाले टीवी चैनल बडे दुष्ट है – वह सिर्फ ईत्ता भर कह रहे है की बाबा जी सोनिया के खिलाफ “आपत्तिजनक बाते” कही हैं। सारी बाते खोल कर नही कह रहे है। वैसे बांकी का काम कांग्रेसीजन भुंक भुंक कर कह रहे हैं। वैसे आरोपो पर विस्तार से चर्चा हो तो अच्छा है। कोई टीवी चैनल वाला चर्चा क्यो कही करवा रहा है।……… खास कर सोनिया के सीआईए रिश्ते और राजीव गांधी के हत्या वाले दिन उनका विशेष रुप से प्रचार मे उनके साथ ना जाना। इन बातो के निहितार्थ को भारतीय मानस बहुत ढंग से ग्रहण करेगा।

  9. आपने सही लिखा है लेकिन इक बात और कहूँगा बुराई तभी बड़ती है जब उसका उसी भाषा में तुरंत जबाब नहीं दिया जाता संघ की अत्यधिक सहनशीलता भी इन बातो के लिए कही न कही उत्तरदायी है

  10. यह सब नाटक-नौटंकी कांग्रेस जानबूझ कर रही है। वह जनता का ध्यान भटकाना चाहती है क्योंकि इस समय वह भ्रष्टाचार और अन्य मुद्दों से घिरी हुई है। जिस सोनिया के लिए इतना हो हल्ला हो रहा है। इसी सोनिया गांधी ने भाजपा के स्टार नेता नरेन्द्र मोदी को मौत का सौदागर कहा था। यह अभद्र भाषा नहीं थी क्या? और उनके सपूत ने भी बिना किसी सबूत के संघ पर गंभीर आरोप लगाए। तब इन कांग्रेसियों ने कोई आपत्ति नहीं जताई। अपनी बारी आई तो सबकी नानी मर गई। सोनिया का सच सबके सामने आना ही चाहिए। देश के विरोध में जो हरकतें हो रही हैं उनका विरोध इन कांग्रेसियों ने कभी नहीं कहा। गिलानी और अरुंधती देश बांटने का बयान दे गई दिल्ली में इनकी नाक के नीचे किसी कांग्रेसी ने कुछ नहीं किया। जनता चिल्लाती रही देश के गद्दारों के खिलाफ देशद्रोह का मुकद्मा दर्ज किया जाए, लेकिन जनता की आवाज यूपीए सरकार तक नहीं पहुंची। क्योंकि यूपीए सरकार आंख-कान बंद करके बैठ गई थी। उनके खिलाफ कुछ करती तो उनका खास वोट बैंक टूट जाता। संघ और हिन्दुओं का विरोध करने से वह बैंक फलता और फूलता है। फिर अभी तो उसे जनता का ध्यान भी भटकाना था, भ्रष्टाचार के आरोपों से।

  11. बस !!! अब कांग्रेस और नहीं…और नहीं और नहीं…
    बस !!! अब देशद्रोही और नहीं…और नहीं और नहीं…
    बस !!! अब भ्रष्टाचारी और नहीं…और नहीं और नहीं…
    बस !!! अब कांग्रेस और नहीं…और नहीं और नहीं…
    बस !!! अब महंगाई और नहीं…और नहीं और नहीं…
    बस !!! अब गरीबी और नहीं…और नहीं और नहीं…
    बस !!! अब विस्फोट और नहीं…और नहीं और नहीं…
    बस !!! अब कांग्रेस और नहीं…और नहीं और नहीं…

  12. ये कांग्रेस बहुत धूर्त है . जब देश की जनता घोटालो का हिसाब मांग रही है तब ये ध्यान भटका रहे है .
    घोटालो का बाप पौने २ लाख करोड़ का घोटाला करने वाला केन्द्रीय मंत्री राजा अब भी मंत्री की कुर्सी से चिपका बैठा है और ये कहते है की ये उस की पार्टी का अंदरूनी मामला है .
    चीन और पाकिस्तान जैसे शत्रुओ के घिरे देश का रक्षा बजट एक लाख पैतीस हजार करोण है यानि की घोटाले से ४० हजार करोण कम .
    गरीब जनता के खून पसीने की कमी खा जाने वालो , कुछ सरम है तो सोनिया मम्मी जी के साथ चिल्लू भर पानी में डूब मरो

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