पंद्रहअगस्त सिर्फ नहीं तिथि

—विनय कुमार विनायक
पन्द्रह अगस्त सिर्फ नहीं तिथि!
बल्कि यह एक इतिहास है
उन पूर्वजों के एहसास की,
जिनकी उनसबकोतलाश थी,
बंद हुई चक्षु से देखने की,
पन्द्रहअगस्तसिर्फ नहीं तिथि!

कैसी थी उनकी नियति,
जान गंवा कर पाने की,
यह अनोखी थी नवरीति,
ये‘न भूतो न भविष्यति’
पन्द्रहअगस्त सिर्फनहींतिथि!

पन्द्रह अगस्त स्वतंत्रता दिवस,
उनकी लाश पर थी पड़ी मिली
यह अमूल्य सी महा निधि!
उनके शोणित की उपलब्धि,
पन्द्रहअगस्त सिर्फनहीं तिथि!

इस पर है अधिकार उसे ही,
जिनमें उनकी चिता की राख,
जिनमें उनकी अकुलाईआंख,
जोहैंउनपूर्वजोंकीसंतति,
पन्द्रहअगस्तसिर्फ नहीं तिथि!

जिनमें उनकी आखिरीसांस,
जिनमें उनकी रुह की वास,
जिनमें उनके गर्म रक्त की बू,
जो उतारे उनकीसदा आरती,
पन्द्रहअगस्तसिर्फ नहीं तिथि!

पन्द्रहअगस्तहैएकउपलब्धि
उनकी और उनके प्रियइस
जन्म भूमि भारत माता की,
जय भारत की, जय भारती !
पन्द्रह अगस्त सिर्फ नहीं तिथि!

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

* Copy This Password *

* Type Or Paste Password Here *

17,871 Spam Comments Blocked so far by Spam Free Wordpress