आशा की किरण

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आज अंधेरा है,कल उजाला भी आयेगा,
आज किसी का है,कल हमारा भी आयेगा।
उम्मीद पर है दुनिया कायम ए मेरे दोस्तो,
ये अंधेरा इस संसार का कल मिट जायेगा।।

रखो आशा की किरण,निराशा से क्या होगा,
निराश होकर कभी भी कोई काम नहीं होगा।
निराशा मे ही आशा छिपी है ध्यान से देखो,
कल फिर यह हमारा भविष्य उज्ज्वल होगा।।

ध्वनि एक प्रतिध्वनि है,फिर लौट कर आयेगी,
जो कुएं में ध्वनि करोगे,वहीं ध्वनि फिर आयेगी।
यही प्रकृति का नियम ,जो सदियों से चल रहा,
आज गम है जीवन में,कल खुशी लौट आएगी।।

आर के रस्तोगी

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जन्म हिंडन नदी के किनारे बसे ग्राम सुराना जो कि गाज़ियाबाद जिले में है एक वैश्य परिवार में हुआ | इनकी शुरू की शिक्षा तीसरी कक्षा तक गोंव में हुई | बाद में डैकेती पड़ने के कारण इनका सारा परिवार मेरठ में आ गया वही पर इनकी शिक्षा पूरी हुई |प्रारम्भ से ही श्री रस्तोगी जी पढने लिखने में काफी होशियार ओर होनहार छात्र रहे और काव्य रचना करते रहे |आप डबल पोस्ट ग्रेजुएट (अर्थशास्त्र व कामर्स) में है तथा सी ए आई आई बी भी है जो बैंकिंग क्षेत्र में सबसे उच्चतम डिग्री है | हिंदी में विशेष रूचि रखते है ओर पिछले तीस वर्षो से लिख रहे है | ये व्यंगात्मक शैली में देश की परीस्थितियो पर कभी भी लिखने से नहीं चूकते | ये लन्दन भी रहे और वहाँ पर भी बैंको से सम्बंधित लेख लिखते रहे थे| आप भारतीय स्टेट बैंक से मुख्य प्रबन्धक पद से रिटायर हुए है | बैंक में भी हाउस मैगजीन के सम्पादक रहे और बैंक की बुक ऑफ़ इंस्ट्रक्शन का हिंदी में अनुवाद किया जो एक कठिन कार्य था| संपर्क : 9971006425

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