
—विनय कुमार विनायक
अमीर खुसरो खड़ी बोली हिन्दी के जन्मदाता,
‘तूती ए हिन्द’ कहलाते थे उर्दू भाषा के पिता!
जब हिन्दू डिंगल-अपभ्रंश में साहित्य रचते थे,
मुसलमान फारसी भाषा की ओर मुखातिब थे!
ऐसे में हिंदू-मुस्लिम दोनों दूर थे जनभाषा से,
ऐसी घड़ी में भारत में एक मुस्लिम भारत भक्त;
अमीर खुसरो ने जन्म लिया बारह सौ तिरेपन में,
शैफुद्दीन व दौलत नाज; हिन्दू क्षत्रिय माता से!
खुसरो की पहेलियां,मुकरी भारतजन की आवाज थे,
वह अमीर खुसरो भारत को जन्नत कहा करते थे!
स्वर्ग से सुंदर भारत मां की बंदगी किया करते थे!
खुसरो की भारत भक्ति और इस्लाम परस्ती में,
कल भी नहीं और आज भी नहीं कोई शानी थी!
खुसरो विदेशी तुर्क मूल के आदर्श मुसलमान थे!
खुसरो की देशभक्ति प्रमाणित-तार्किक महान थी!
भारत वंदनीय देश था अमीर खुसरो की दृष्टि में,
इसलिए कि भारतीय समुदाय श्रेष्ठ था सृष्टि में!
भारत में ज्ञान-विद्या का प्रसार था उत्कर्ष पे,
विदेशी ज्ञान अर्जन हेतु आते थे भारतवर्ष में!
भारतवर्ष ज्ञान हेतु विदेश पर नहीं था निर्भर,
भारत जन विदेशी भाषा शुद्धता से बोलकर,
विदेशी व्यापार की स्थिति में था काफी उर्वर!
शून्य सहित अंको का विकास हुआ भारत में,
शतरंज खेल का आविष्कार हुआ है भारत में,
ग्रह नक्षत्र,खगोल विद्या जन्मा था भारत में
भारतीय संगीत विश्वभर में सबसे उत्कृष्ट है,
जिसपर मनुष्य नहीं हिरण भी झूमा करते थे,
खुसरो हिन्दी भाषा औ’ संगीत के जादूगर थे!
अमीर खुसरो तहे दिल से स्वीकार करते थे,
भारत की उत्कृष्टता,सहिष्णुता व भाषा को!
खुसरो ब्रजभाषा,खड़ीबोली,फारसी विद्वान थे,
गजल,खयाल, कव्वाली,सवाई के प्रायोजक थे!
खुसरो बलबन पुत्र सुल्तान मुहम्मद सहित
अलाउद्दीन खिलजी के भी,दरबारी कवि थे!
वो राज दरबारी रहे आठ-आठ सुलतान के,
खुसरो प्रथम हिन्दी प्रयोक्ता मुसलमान थे,
खुसरो ने तबला वाद्ययंत्र आविष्कार किया,
सितार वाद्य यंत्र में समुचित सुधार किया!
खुसरो निजामुद्दीन औलिया के अनुयाई थे,
अमीर खुसरो भारतीय हिन्दुओं के भाई थे!
—विनय कुमार विनायक