कविता स्नेह January 15, 2021 / January 15, 2021 | Leave a Comment न वफ़ा है न शर्त हैरुसवाई है न बेवफाईइसमें न कुछ खोजते हैंन इसमें कुछ तौलते हैं खुद-ब-खुद बहती हैखुद-ब-खुद सिमटती हैहिसाब मांगती नहीं कभीउत्तर चाहती नहीं कभी सिर्फ देती ही रहती हैलेती नहीं कभी भी कुछन कुछ बोलते हुए भीबोलती रहती सब कुछ निर्गुण है पर सघन हैहँसता हुआ रुदन हैबहती है तो खिलतीरुकती […] Read more » स्नेह