शख्सियत अपराजेय योद्धा छत्रपति शिवाजी March 11, 2020 / March 11, 2020 | Leave a Comment — बृजनन्दन राजू विदेशी आक्रान्ताओं ने जब से भारत की धरती पर पैर रखा तब से हिन्दुओं का प्रतिकार संग्राम अविरत और अखण्ड चलता रहा। महाराजा दाहिर से लेकर, विजय नगर का साम्राज्य, राणा सांगा, महाराणा प्रताप और गुरू गोविन्द सिंह के अलावा बहुत से प्रतापी महापुरूषों ने मुगलों से संघर्ष किया। युद्ध के मैदान […] Read more » Chhatrapati Shivaji Invincible warrior Chhatrapati Shivaji
विधि-कानून राष्ट्र की अस्मिता का बोध कराने वाला होना चाहिए संविधान January 28, 2020 / January 28, 2020 | 1 Comment on राष्ट्र की अस्मिता का बोध कराने वाला होना चाहिए संविधान बृजनन्दन राजू आजादी के बाद दुर्भाग्य से देश के तत्कालीन नेताओं के मन में भारत को भारत जैसा बनाने की कल्पना नहीं थी। वह भारत को अमेरिका,ब्रिटेन और रूस जैसा बनाना चाहते थे। उसी आधार पर शुरूआती प्रयास भी हुए। वहीं संविधान भी अन्य देशों की नकल कर बनाया गया। जिसके कारण बहुत सारी विसंगतियां […] Read more » Constitution Day संविधान
विविधा व्यक्ति प्रकृति और संस्कृति के अनुकूल बनें शासन की नीतियां September 11, 2019 / September 11, 2019 | Leave a Comment बृजनन्दन राजू भविष्य के भारत की कल्पना करने से पहले हमें अपनी गौरवशाली परंपरा का स्मरण करना होगा। हम क्या थे कहां थे आज कहां हैं। वैदिक काल से ही हमने विश्व को देने का ही काम किया। आज हम जिस स्थिति में हैं हम विश्व को क्या दे सकते हैं इस पर विचार करना […] Read more » प्रकृति और संस्कृति
लेख भ्रष्टाचार के खात्मे के लिए जनान्दोलन की आवश्यकता October 29, 2011 / December 5, 2011 | Leave a Comment बृजनन्दन यादव भ्रष्टाचार एक विश्वव्यापी समस्या है। विश्व के अधिकांश देश इसकी चपेट में हैं। इसका अर्थ यह कदापि नहीं है कि विश्व के अधिकांश देशों की तरह भारत को भी इसकी चपेट में होना चाहिए। परन्तु भारत में भ्रष्टाचार चरमोत्कर्ष पर है। भारत के इतिहास में यह पहला मौका है जब भारत में व्यापक […] Read more » Corruption जनान्दोलन की आवश्यकता भ्रष्टाचार
लेख एकात्म मानववाद के प्रणेता पं0 दीनदयाल उपाध्याय October 1, 2011 / December 6, 2011 | 2 Comments on एकात्म मानववाद के प्रणेता पं0 दीनदयाल उपाध्याय बृजनन्दन यादव वे एक ऐसे राजनेता थे जिन्हें सत्ता में कोर्इ आकर्षण नहीं था। फिर भी अपने अनुयायियों के दिलों पर राज करते थे। वे राजनीति को राष्ट्रसेवा का अंग मानते थे। पंडित दीनदयाल जी का जन्म 25 सितम्बर 1916 को मथुरा के निकट नगला चन्द्रभान नामक गांव में एक साधारण परिवार में हुआ था। […] Read more » pt. deendayal upadyay एकात्म मानववाद के प्रणेता पं0 दीनदयाल उपाध्याय