लेख शख्सियत प्रेमचन्द का पोएटिक जस्टिस August 2, 2020 / August 2, 2020 | Leave a Comment प्रेमचन्द हिंदी साहित्य के एक ऐसे वट वृक्ष हैं जिनकी छाया में साहित्य का हर पल्लव पल्लवित होता है ,उनकी रचनाओं की छाँह में एक सुख है ,एक सुकून है ।उनके पुत्र अमृतराय ने भी एक बार कहा था कि “प्रेमचन्द सिर्फ उनके नहीं,बल्कि सभी के हैं “।अब ये बात और भी समीचीन मालूम पड़ती है […] Read more » प्रेमचन्द
व्यंग्य “चीनी कम” July 16, 2020 / July 16, 2020 | Leave a Comment कुछ समय पहले टीवी पर एक इश्तहार आता था जिसमें सब झूम झूम कर कहा करते थे कि “जो तेरा है वो मेरा है जो मेरा है वो तेरा”इस थीम को ध्येय वाक्य बना लिया चीन ने और चौदह देशों से सटी अपनी सीमाओं पर यही फार्मूला अपना लिया और हर तरफ हाथ पांव मारने लगा कि […] Read more » चीनी कम
व्यंग्य चाँद और रोटियां June 23, 2020 / June 23, 2020 | Leave a Comment दिलीप कुमार प्रगतिशीलता के पुरोधा,परम्पराओं को ध्वस्त करने वाले कवि करुण कालखंडी जी देश में मजदूरों के पलायन से बहुत दुखी थे ,उन्होंने लाक डाउन के पहले दिन से बहुत मर्माहत करने वाली तस्वीरें और करुणा से ओत प्रोत कविताएं लिखी थीं ।वो सरकार पर बरसते ही रहे थे कि सरकार ने ऐसा क्यों किया ?कोई […] Read more » चाँद और रोटियां
व्यंग्य वादा तेरा वादा May 12, 2020 / May 12, 2020 | Leave a Comment दिलीप कुमार “परनिंदा जे रस ले करिहैं निसच्य ही चमगादुर बनिहैं” अर्थात जो दूसरों की निंदा करेगा वो अगले जन्म में चमगादड़ बनेगा।परनिंदा का अपना सुख है ,ये विटामिन है ,प्रोटीन डाइट है और साहित्यकार के लिये तो प्राण वायु है ।परनिंदा एक परमसत्य पर चलने वाला मार्ग है और मुफ्त का यश इसके लक्ष्य हैं।चतुर्दिक परनिंदा के […] Read more » वादा तेरा वादा
व्यंग्य घर बैठे -बैठे March 29, 2020 / March 29, 2020 | Leave a Comment “पुल बोये से शौक से उग आयी दीवारकैसी ये जलवायु है हे मेरे करतार”दुनिया को जीत लेने की रफ्तार में ,चीन ने ये क्या कर डाला ,जलवायु ने सरहद की बंदिशों को धता बताते हुए सबको घुटनों पर ला दिया है ।इस स्वास्थ्य के खतरे ने भस्मासुर की भांति सबको लपेटा और दोस्त-दुश्मन सभी का फर्क भुला […] Read more » घर बैठे -बैठे
व्यंग्य वर्क फ्रॉम होम March 18, 2020 / March 18, 2020 | Leave a Comment आये दिन अख़बारों में इश्तहार आते रहते हैं कि घर से काम करो ,घण्टों के हिसाब से कमाओ,डॉलर,पौंड में भुगतान प्राप्त करो।जिसे देखो फेसबुक,व्हाट्सअप पर भुगतान का स्क्रीनशॉट डाल रहा है कि इतना कमाया,उतना माल अंदर किया ।महीने भर की नौकरी पर एक दिन वेतन पाने वाला फार्मूला अब आदिम लगने लगा था।यूट्यूब पर भी […] Read more » work from home वर्क फ्रॉम होम
राजनीति ब्लैक स्वान इवेंट February 25, 2020 / February 25, 2020 | Leave a Comment “तुलसी बुरा ना मानिए, जौ गंवार कहि जाय, जैसे घर का नरदहा, भला बुरा बहि जाय “अर्थात बाबा तुलसीदास कहते हैं कि गंवार व्यक्ति की कही गयी कड़वी बात का बुरा नहीं मानना चाहिए ,जिस प्रकार घर की नाली में घर के कूड़े के साथ अच्छी चीजें भी बह जाती हैं गंदगी के साथ-साथ ,वैसे […] Read more » anti caa anti nrc आइडिया ऑफ़ ब्लैक स्वान ब्लैक स्वान इवेंट
व्यंग्य अंकल कम्यूनलिज्म February 13, 2020 / February 13, 2020 | Leave a Comment “वो सादगी कुछ भी ना करे तो अदा ही लगे वो भोलापन है कि बेबाकी भी हया ही लगे अजीब शख्स है नाराज हो के हँसता है मैं चाहता हूँ कि वो खफा हो तो खफा ही लगे” पोस्ट ट्रुथ के बाद ये फिलहॉल एक नया फैंसी शब्द है जो अपने को डिफेंड करते हुए […] Read more » communalism कम्यूनलिज्म
व्यंग्य साहित्य खिचड़ी बनाम बिरयानी February 4, 2020 / February 4, 2020 | Leave a Comment “मालिन का है दोष नहीं ,ये दोष है सौदागर का, जो भाव पूछता गजरे का और देता दाम महावर का” ऐसा ही कुछ आजकल के धरना प्रदर्शनों का है जो किसी अन्य वजहों की वजह चर्चा में आ जाते हैं बजाय उसके जो वजह उन्होंने चुनी है ।धरना ,वैचारिक मतभेदों को लेकर है ,चर्चा में बिरयानी […] Read more » biryani serving to shahin bagh protester protest at shahin bagh बिरयानी
राजनीति व्यंग्य कागज़ नहीं दिखाएंगे January 21, 2020 / January 21, 2020 | Leave a Comment “युग के युवा,मत देख दाएंऔर बाएं और पीछे ,झाँक मत बगलेंन अपनी आँख कर नीचे,अगर कुछ देखना है देख अपने वे वृषभ कंधे,जिन्हें देता निमंत्रणसामने तेरे पड़ा, युग का जुआ “युग का जुआ युवाओं को अपने कंधों पर लेने की हुंकार देने वाले कविवर हरिवंश राय बच्चन अपने अध्यापन के दिनों में डिग्री लेकर पास आउट […] Read more » कागज़ नहीं दिखाएंगे
व्यंग्य मेरा वो मतलब नहीं था January 14, 2020 / January 15, 2020 | Leave a Comment “जामे जितनी बुद्धि है,तितनो देत बतायवाको बुरा ना मानिए,और कहाँ से लाय” देश में धरना -प्रदर्शन से विचलित ,और अपनी उदासीन टीआरपी से खिन्न फिल्म इंडस्ट्री के कुछ अति उत्साही लोगों ने सोचा कि तीन घण्टे की फिल्म में तो वे देश को आमूलचूल बदल ही देते हैं तो क्यों ना वास्तव में वो देश […] Read more » मेरा वो मतलब नहीं था
प्रवक्ता न्यूज़ लोग सड़क पर January 7, 2020 / January 7, 2020 | Leave a Comment “नानक नन्हे बने रहो, जैसे नन्ही दूब बड़े बड़े बही जात हैं दूब खूब की खूब “ श्री गुरुनानक देव जी की ये बात मनुष्यता को आइना दिखाने के लिये बहुत महत्वपूर्ण है।ननकाना साहब में जिस तरह गुरूद्वारे को घेर कर सिख श्रद्धालुओं पर पत्थर बाज़ी की गयी और एक कमज़र्फ ने धमकी दी कि […] Read more » लोग सड़क पर