चिंतन पालतू होकर आका बदलते रहें April 29, 2012 / April 29, 2012 | Leave a Comment डॉ. दीपक आचार्य मस्ती चाहें तो स्वाभिमान से रहें वरना पालतु होकर आका बदलते रहें जीवन का सबसे बड़ा दर्शन है आनंद से जीवनयापन और मानवीय लक्ष्यों की पूर्णता। इसके लिए विभिन्न मार्ग हैं जिन पर चलकर आनंदमय जीवन जीया जा सकता है। एक मार्ग परम्परा से चला आ रहा है और वह है ईश्वरीय […] Read more » पालतु होकर आका बदलते रहें स्वाभिमान से रहें
चिंतन परायेपन का अहसास April 26, 2012 / April 26, 2012 | Leave a Comment डॉ. दीपक आचार्य परायी सामग्री देती है परायेपन का अहसास जो अपना है वही दे सकता है अपनेपन का अहसास। जो पराया है उसे अपनाने पर जीवन के हर क्षण में परायेपन का अहसास होता है। यहाँ बात किसी व्यक्ति के बारे में नहीं बल्कि सामग्री के बारे में की जा रही है। पुरुषार्थ से […] Read more » परायेपन का अहसास
चिंतन वर्तमान को प्रसन्नता से स्वीकारें April 26, 2012 / April 26, 2012 | 1 Comment on वर्तमान को प्रसन्नता से स्वीकारें डॉ. दीपक आचार्य वर्तमान को प्रसन्नता से स्वीकारें भविष्य की आशंकाओं से मुक्त रहे जो लोग आज को सामने रखकर प्रसन्नता का भाव रखते हैं वे जीवन में भविष्य की समस्याओं से मुक्त रहते हैं। जिसका वर्तमान अच्छा होता है उसका भविष्य अपने आप अच्छा होता चला जाता है। इसलिए वर्तमान की प्रत्येक घटना को […] Read more » be happy in present वर्तमान को प्रसन्नता से स्वीकारें
चिंतन औरों पर न थोपें अपनी कार्यशैली दूसरों की मौलिकता को भी दें आदर April 24, 2012 / April 24, 2012 | Leave a Comment – डॉ. दीपक आचार्य जब से आत्म मूल्यांकन, चिंतन और विश्लेषण की प्रवृत्तियाँ समाप्त हो चली हैं, हमारे यहाँ हर क्षेत्र में स्वयं को महानतम बुद्धिमान और योग्यतम समझने का शौक दूर-दूर तक अपने पाँव पसार चुका है। कहीं भी आदमी की योग्यता की कोई कसौटी नहीं रही। व्यक्तित्व की ऊँचाइयों को दर्शाने वाले मानदण्ड […] Read more » conclusion चिंतन मूल्यांकन विश्लेषण
चिंतन दुर्भाग्य के साये में जीते हैं पेढ़ियों पर बैठने वाले April 24, 2012 / April 24, 2012 | Leave a Comment – डॉ. दीपक आचार्य हमारा बैठना-उठना भी हमारे व्यक्तित्व और भविष्य का संकेत देता है। आम तौर पर मनुष्य को निरन्तर कर्मशील रहना चाहिए और जो ऐसा नहीं कर पाते हैं और समय गुजारने के लिए अवसर और स्थान तलाशते रहते हैं वे अपने जीवन के अमूल्य क्षणों को खो देते हैं और टाईमपास जिन्दगी […] Read more » badluck दुर्भाग्य
चिंतन समस्याओं के वक्त स्नेह का सम्बल दें, उपेक्षा और प्रताड़ना का भाव त्यागें April 24, 2012 / April 24, 2012 | 1 Comment on समस्याओं के वक्त स्नेह का सम्बल दें, उपेक्षा और प्रताड़ना का भाव त्यागें – डॉ. दीपक आचार्य समस्याएँ हर किसी के जीवन में सामने आती हैं। मनुष्य के जीवन में समस्याओं और इच्छाओं का कोई अंत नहीं है ये सागर की तरह गहरी और आसमान की तरह विराट व्यापक हैं। कई पीड़ाएं और समस्याएं पूर्व जन्मों के कर्मों का परिणाम होती हैं तो कुछ वर्तमान जन्म के असंयम […] Read more » problems wishes इच्छाओं समस्याओं
व्यंग्य बेवजह जमा न करें परायी पुस्तकें April 23, 2012 / April 23, 2012 | 2 Comments on बेवजह जमा न करें परायी पुस्तकें डॉ. दीपक आचार्य तनावग्रस्त रहते हैं पुस्तक चुराने वाले बेवजह जमा न करें परायी पुस्तकें दुनिया में हर कहीं एक से बढ़कर एक अजीब लोग रहते हैं। इनमें मनुष्यों की एकदम अलग प्रजाति है पुस्तक चोर। ये वो किस्म है जिसमें सारे के सारे पढ़े-लिखे होते हैं। इनमें कई तो लोगों की नज़र में विद्वान […] Read more » book theif तनावग्रस्त रहते हैं पुस्तक चुराने वाले
चिंतन शांत चित्त ही दे सकता है सुकून April 22, 2012 / April 22, 2012 | Leave a Comment डॉ. दीपक आचार्य शोरगुल में रमना पागलपन से कम नहीं, आज का सफर कई जोखिमों से भरा हो चला है। जोखिम बाहर के भी हैं और भीतर के भी। कई जोखिम दुर्भाग्यजनित हैं तो कई मानवजनित। अनायास आ टपकने वाले जोखिमों के बारे में कोई कुछ नहीं कर सकता मगर मानवजनित हरकतें खतरनाक से कम […] Read more » be quiet and peaceful
चिंतन खान-पान में शुचिता रखें, April 19, 2012 / April 19, 2012 | Leave a Comment डॉ.दीपक आचार्य खान-पान में शुचिता रखें,दृष्टिदोष से बचें पुराने जमाने से हमारे जीवन में मर्यादाओं की परिधियां चली आ रही हैं। आधुनिक लोग भले ही इन्हें कुछ भी कहें मगर सच तो यह है कि ये सारी मर्यादाएँ हमारे सम्पूर्ण जीवन के लिए अभेद्य सुरक्षा कवच का काम करती हैं और जीवन में सुरक्षित एवं […] Read more » how to eat food where to eat food खान-पान में शुचिता रखें
विविधा बड़े काम की छोटी बातें April 19, 2012 / June 10, 2012 | 2 Comments on बड़े काम की छोटी बातें डॉ. दीपक आचार्य मानव जीवन योगमाया, भाग्यफल और कर्मयोग की त्रिवेणी पर आधारित है। रोजमर्रा की जिन्दगी के कामों के साथ ही हर व्यक्ति की पसंद और ध्येय अलग-अलग होते हैं जिनको पाने के लिए वह दिन-रात चिंतन करता है और उसी दिशा में उद्यम करता चला जाता है। प्राचीन काल से समस्याओं के निराकरण […] Read more » काम की छोटी बातें यज्ञोपवीत से न बाँधे चाभी यों धारण करें नवीन वस्त्र वस्त्रों का परित्याग
चिंतन भवन शिलान्यास के साथ ही करें पौधारोपण जीवन में हरियाली का सुकून पाएँ April 17, 2012 / April 17, 2012 | Leave a Comment – डॉ. दीपक आचार्य हरियाली भरा परिवेश तन-मन को सुकून देने के साथ ही जीवन के हर पहलू में सुख-समृद्धि लाता है। पानी और हरियाली का अपना अलग ही आकर्षण है। जो इन्हें देखता है उसे तत्क्षण सुकून व आत्मतोष मिलने लगता है। हरियाली भरे परिवेश में जीवन को आनंद देने वाले रंगों और रसों […] Read more » plants पौधारोपण भवन शिलान्यास हरियाली
चिंतन उद्विग्नता मानसिक बीमारी का लक्षण April 17, 2012 / April 17, 2012 | Leave a Comment डॉ. दीपक आचार्य धैर्य से करें काम-काज सांसारिक काम-धाम की आपाधापी में आज हर कोई कम से कम समय में ज्यादा से ज्यादा पा लेने को उतावला बना हुआ है। सभी को लगता है कि जैसे कामों का बोझ खूब ज्यादा है और समय कम। कइयों को लगता है कि जो मौका मिला है उसे […] Read more » Mental illness मानसिक बीमारी