लेख मौलिकता में समायी है सृजन की सुगंध October 8, 2013 | Leave a Comment मौलिकता में समायी है सृजन की सुगंध बाकी सब शब्दों का आडम्बरी व्यापार – डॉ. दीपक आचार्य सृजन अपने आप में विराटकाय और व्यापक अर्थ लिए हुए है। इस शब्द का संबंध मन के विचारों से लेकर सृष्टि के मूर्तमान स्वरूप तक को परिभाषित करने का सामथ्र्य रखता है। यह सृजन जहां है वहाँ सकारात्मक […] Read more » मौलिकता में समायी है सृजन की सुगंध
विविधा मन से स्वीकारें स्त्री के वजूद को तभी है देवी उपासना का अधिकार October 5, 2013 | 2 Comments on मन से स्वीकारें स्त्री के वजूद को तभी है देवी उपासना का अधिकार डॉ. दीपक आचार्य देवी उपासना का सीधा संबंध स्त्री के वजूद और परम व्यापक अस्तित्व की मन से स्वीकार्यता से जुड़ा है जहाँ स्त्री को अपने से ऊपर और अपेक्षाकृत अधिक शक्तिमान स्वीकारा गया है और यह साफ-साफ कह दिया गया है कि इसके बगैर पुरुष का न अस्तित्व है, न सामथ्र्य। शक्ति […] Read more » देवी उपासना
धर्म-अध्यात्म इंसान से भी गए बीते हैं वे जो खुद को भगवान समझते हैं October 2, 2013 / October 2, 2013 | 2 Comments on इंसान से भी गए बीते हैं वे जो खुद को भगवान समझते हैं डॉ. दीपक आचार्य पिछले कुछ समय से स्वयंभू लोगों की हमारे यहाँ जबरदस्त बाढ़ आयी हुई है। इनमें सभी धंधों, गोरखधंधों, वर्गों, क्षेत्रों और हुनरों वाले लोग हैं जो स्वयंभू बने हुए अपने आपको भगवान से कम नहीं समझते हैं। इनमें कई दीर्घकालीन हैं, कई अंशकालीन और कई सारे किश्तों-किश्ताेंं में भगवान मानने वाले। खूब […] Read more »
वर्त-त्यौहार कलाई पर रक्षासूत्र बाँधे फैशन या दिखावा नहीं August 19, 2013 / August 19, 2013 | Leave a Comment डॉ. दीपक आचार्य रक्षाबंधन का पर्व रक्षा सूत्र की वजह से मशहूर है और इस दिन रक्षा सूत्र बाँधकर रक्षा और सुकून के पारस्परिक उत्तरदायित्वों को और अधिक प्रगाढ़ता देने के साथ ही बंधु-बांधवों की रक्षा के धर्म का पुनर्ऊर्जीकरण व प्राकट्य का विधान है। रेशम की डोर सुचालक होती है और इसीलिए प्राचीनकाल से […] Read more » कलाई पर रक्षासूत्र बाँधे
चिंतन आज की सबसे बड़ी समस्या मूर्ख और नादान लोग August 16, 2013 | 1 Comment on आज की सबसे बड़ी समस्या मूर्ख और नादान लोग डॉ. दीपक आचार्य जो लोग समझदार हैं, जिन्हें ईश्वर ने पर्याप्त बुद्धि से नवाजा है उन सभी प्रकार के लोगों में से अधिकांश लोगों के सामने जीवन की कोई और समस्या या पीड़ा हो न हो, मूर्ख और नासमझ लोग उनके लिए पूरी जिन्दगी समस्या बने रहते हैं। समझदार लोग चाहे कहीं रहें, उनका हर […] Read more »
चिंतन जश्न ही न मनाएँ देश के लिए कुछ करें भी August 14, 2013 / August 14, 2013 | Leave a Comment डॉ. दीपक आचार्य पिछले 66 साल से हम आजादी के पर्व का जश्न मनाते आ रहे हैं। इस दिन हम स्वतंत्रता सेनानियों और संग्राम में भागीदारी निभाने वाले लोगों को सिर्फ याद कर लिया करते हैं, उनके नामों की फेहरिश्त पढ़ लिया करते हैं और राष्ट्रीय एकता एवं अखण्डता की रक्षा के नाम पर […] Read more »
चिंतन निडर होकर करें बेबाक अभिव्यक्ति फिर देखें इसका चमत्कार August 7, 2013 / August 7, 2013 | Leave a Comment डॉ. दीपक आचार्य मन-मस्तिष्क और चेतन-अवचेतन को शुद्ध-बुद्ध बनाए रखने और संकल्प को बलवान बनाने के लिए यह जरूरी है कि अपने दिमाग में जो भी बात आए, उसे यथोचित स्थान पर पहुंचाने में तनिक भी विलंब नहीं करें और तत्काल सम्प्रेषित करें। बाहरी दुनिया के लिए तैयार और अपने मन-मस्तिष्क से बाहर निकल कर […] Read more » बेबाक अभिव्यक्ति
चिंतन प्रोत्साहन भले न दें प्रतिभाओं की हत्या तो न करें July 30, 2013 | Leave a Comment डॉ. दीपक आचार्य दुनिया में हर क्षेत्र में प्रतिभाओं का जन्म होता रहा है और उनकी वजह से विश्व समुदाय को कुछ न कुछ प्राप्त होता ही है। भगवान ने मनुष्य को सभी प्राणियाें में सबसे ज्यादा बुद्धि, कौशल और मौलिक प्रतिभाओं के साथ भेजा है और इस मामले में कोई किसी से कम नहीं […] Read more » प्रतिभाओं की हत्या तो न करें
चिंतन धर्म-अध्यात्म मनचाहा परिवर्तन जरूर पाएँ पर गलाकाट प्रतिस्पर्धा से नहीं July 8, 2013 / July 8, 2013 | 1 Comment on मनचाहा परिवर्तन जरूर पाएँ पर गलाकाट प्रतिस्पर्धा से नहीं अनचाहे से बचना और मनचाहे की प्राप्ति के लिए प्रयत्न करना प्रत्येक मनुष्य का परंपरागत स्वभाव रहा है और इस उद्देश्य की प्राप्ति के लिए यदि किसी भी प्रकार का प्रयास किया जाए तो अपने हित में हो, उसे बुरा नहीं कहा जा सकता है। लेकिन जब इस प्रकार का कोई प्रयास किसी दूसरे का […] Read more » मनचाहा परिवर्तन जरूर पाएँ पर गलाकाट प्रतिस्पर्धा से नहीं
चिंतन धर्म-अध्यात्म उत्तराखण्ड आपदा से सबक लें धर्म के नाम पर धंधा चलाने वाले July 2, 2013 | 2 Comments on उत्तराखण्ड आपदा से सबक लें धर्म के नाम पर धंधा चलाने वाले धर्म और अध्यात्म वे मार्ग हैं जो संसार की यात्राओं की परिपूर्णता अथवा सांसारिकता से वैराग्य अथवा अनासक्त जीवन से जुड़े हैं और इन रास्तों पर चलने वाले लोगों को अधर्म, अनाचार आदि सब कुछ छोड़ छुड़ा कर इस मार्ग की ओर आना चाहिए तभी वे सफल हो पाते हैं। सदाचार, शुचिता, ईश्वर के प्रति […] Read more » उत्तराखण्ड आपदा से सबक लें धर्म के नाम पर धंधा चलाने वाले
चिंतन धर्म-अध्यात्म इंसानियत अपनाएं वरना बहा ले जाएंगी नदियाँ July 1, 2013 | Leave a Comment इतना विराट महाप्रलय…. लाशों का अंबार….भूख और प्यास के मारे दम तोड़ती जिन्दगियाँ….नदियों का रौद्र रूप….कहीं वीरानी, सन्नाटा और कहीं चीख-चीत्कार….घोड़ों और खच्चरों की मौत…बस्तियां बह गई और आदमी बेघर हो गए, उजड़ गए परिवार, कुटुम्बी खो गए और भगवान भोलेनाथ केदार रह गए अकेले… जैसे पहले थे और रहे हैं। इस महाप्रलय ने जितना […] Read more » इंसानियत अपनाएं वरना बहा ले जाएंगी नदियाँ
चिंतन धर्म-अध्यात्म नज़रों से गिर जाते हैं टाईमपास और कामटालू लोग July 1, 2013 | 1 Comment on नज़रों से गिर जाते हैं टाईमपास और कामटालू लोग मनुष्य का सबसे बड़ा दुर्भाग्य यह है कि उसे जो अवसर दिए जाते हैं। जिन शक्तियों से समृद्ध किया जाता है और अपने आपको मनुष्यत्व से दैवत्व तक ले जाने के जो मौके दिए जाते हैं। उनका वह या तो उपयोग नहीं कर पाता है अथवा अपने छोटे-मोटे स्वार्थों और घृणित हितों से घिर जाता […] Read more » नज़रों से गिर जाते हैं टाईमपास और कामटालू लोग