बच्चों का पन्ना लेख प्रेरणा एवं प्रोत्साहन दें मां-बाप April 30, 2025 / April 30, 2025 | Leave a Comment डॉ घनश्याम बादल बच्चों का पालन पोषण आज के ज़माने में कोई आसान नहीं है बल्कि उन्हें बचपन से ही सही दिशा दिखाने एवं उनके करियर संवारने के लिए माता-पिता को सजग रहना पड़ता है । एक ओर जहां उनके स्वास्थ्य एवं खान-पान पर ध्यान देना होता है वहीं उतना ही जरूरी है शिक्षा के […] Read more » प्रेरणा एवं प्रोत्साहन दें मां-बाप
राजनीति हर हाल में नोचने होंगे आतंक के पंख April 23, 2025 / April 23, 2025 | Leave a Comment बस, अब और नहीं …. राजनीति करने के बजाय सरकार के साथ खड़े हो इस मुद्दे पर सभी दल। डॉ घनश्याम बादल आतंकवाद का एक और घिनौना चेहरा पहलगाम में सामने आया है. जब से कश्मीर से धारा 370 हटाई गई है एवं नई विधानसभा का गठन हुआ है, तभी से आतंकवाद लगातार सर उठाने […] Read more » The wings of terror must be clipped at all costs हर हाल में नोचने होंगे आतंक के पंख
लेख सही नहीं धर्म राष्ट्र एवं संप्रदाय को व्यापार से जोड़ना April 16, 2025 / April 16, 2025 | Leave a Comment डॉ घनश्याम बादल बाबा रामदेव एक बार फिर चर्चा में हैं । वैसे वे ऐसे बाबा हैं जिन्हें चर्चा में रहने के ‘फन’ में उस्तादी हासिल है । कभी साइकिल के करियर पर लकड़ी की संदूकची रखकर चूरण और दवाइयां बेचने वाला हरियाणा का दुबला पतला यदुवंशी दाढ़ीधारी रामदेव नाम का साधु जैसा व्यक्ति किस […] Read more » धर्म राष्ट्र एवं संप्रदाय को व्यापार से जोड़ना
राजनीति दलों , दलितों और देश के अंबेडकर April 13, 2025 / April 16, 2025 | Leave a Comment डॉ० घनश्याम बादल अंबेडकर का राजनीतिक दर्शन भारतीय राजनीति और समाज में क्रांतिकारी परिवर्तन लाने वाला रहा है। उनका दर्शन सामाजिक न्याय, समानता, स्वतंत्रता और बंधुत्व के सिद्धांतों पर आधारित था। अंबेडकर का मानना था कि जब तक समाज में छुआछूत, जातिवाद और असमानता बनी रहेगी, तब तक लोकतंत्र केवल एक दिखावा होगा। उन्होंने सामाजिक […] Read more » Dalits and Ambedkar of the country Parties दलितों और देश के अंबेडकर
लेख आओ बनाएं एक स्वस्थ संसार April 7, 2025 / April 7, 2025 | Leave a Comment विश्व स्वास्थ्य दिवस 7 अप्रैल डॉ० घनश्याम बादल खानपान की ग़लत आदतें, फास्ट फूड की बढ़ती लत, भोजन में लगातार बढ़ती रसायन एवं कीटनाशकों की मात्रा, ज़मीन में निरंतर बढ़ते खाद एवं रसायनों के प्रयोग से उसका ज़हरीला हो जाना, भौतिक प्रगति की लालसा के चलते लगातार बढ़ते प्रदूषण एवं अन्य कारणों से दुनिया भर में करोड़ों लोगों का स्वास्थ्य ख़तरे में है।रोज नई नई बीमारियाँ पैदा हो रही हैं। पेट्रोल, डीज़ल, केरोसिन एवं कारखाने तथा वाहनों में प्रयोग होने वाले विभिन्न इंधनों से एक ओर जलवायु संकट बढ़ रहा है वहीं स्वच्छ हवा में सांस लेने के हमारे अधिकार को भी छीन रहा है,वायु प्रदूषण हर पांच सेकंड में एक जीवन का लील रहा है। डब्ल्यूएचओ का निष्कर्ष हैं कि अधिकांश देशों की बड़ी आबादी को समुचित स्वास्थ्य सेवाएं प्राप्त नहीं मिल रहीं है। रसायनों एवं प्रदूषण ने न हवा शुद्ध छोड़ी है और न पानी , पहाड़ों की ऊंचाई से लेकर, समुद्र व ज़मीन की गहराइयों तक उनकी उपस्थिति खतरनाक सिद्ध हो रही है। आंकड़े कहते हैं कि कम से कम 4.5 बिलियन आवश्यक स्वास्थ्य सेवाओं से आज भी वंचित है । ऐसी ही स्वास्थ्य से संबंधित चुनौतियों से निपटने के लिए साल 7 अप्रैल को विश्व स्वास्थ्य दिवस के रूप में मनाया जाता है। विश्व स्वास्थ्य दिवस 2025 की थीम सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज प्राप्त करने की प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है, इसका लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि सभी व्यक्तियों और समुदायों को वित्तीय कठिनाई का सामना किए बिना उनकी ज़रूरत की स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुँच हो। यह स्वास्थ्य समानता, पहुँच और गुणवत्ता में अंतर को पाटने के लिए वैश्विक प्रयास का आह्वान करता है। विश्व स्वास्थ्य दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य दुनिया भर के लोगों के अच्छे स्वास्थ्य के अधिकार की रक्षा करना और उन्हें स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करना है । विश्व स्वास्थ्य संगठन के स्थापना दिवस के उपलक्ष्य एवं दुनिया को अपनी सेहत के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य के साथ 1950 से 7 अप्रैल के दिन दुनिया भर में विश्व स्वास्थ्य दिवस मनाना शुरू किया गया था। स्वास्थ्य क्या है ? आमतौर पर माना जाता है कि जो व्यक्ति बीमार नहीं है वह स्वस्थ है परंतु स्वास्थ्य सिर्फ बीमारियों के न होने का नाम नही है । विश्व स्वास्थ्य संगठन” के अनुसार स्वास्थ्य “शारीरिक, मानसिक, मनोवैज्ञानिक अध्यात्मिक और सामाजिक दृष्टि से सही होने की संतुलित स्थिति का नाम स्वास्थ्य है । हमें बहुमुखी स्वास्थ्य के बारें में नई सोच से संबंधित जानकारी अवश्य होनी चाहिए| स्वास्थ्य को मुख्य रूप से शारीरिक , मानसिक , बौद्धिक एवं आध्यात्मिक स्वास्थ्य में बांटा जाता सकता है । शारीरिक स्वास्थ्य – शारीरिक स्वास्थ्य शरीर की उस स्थिति को दर्शाता है जब शरीर के आंतरिक और बाह्य अंग, ऊतक व कोशिकाएं ठीक से काम करते हैं । इसमें शरीर की संरचना, विकास, कार्यप्रणाली और रख रखाव शामिल होता है। जब शरीर के सभी अंग सही तरह से काम करते हैं जैसे सुनाई देना, दौड़ना , चलना, दिखाई देना व अन्य सामान्य गतिविधियां| अच्छे शारीरिक स्वास्थ्य के मापदंडों में संतुलित आहार की आदतें, सही श्वास का क्रम गहरी नींद । बड़ी आंत की नियमित गतिविधि व संतुलित शारीरिक गतिविधियां नाड़ी स्पंदन, ब्लडप्रेशर, शरीर का वजन व व्यायाम, सहने की क्षमता आदि सब कुछ व्यक्ति के ऊंचाई, आयु व लिंग के लिए सामान्य मानकों के अनुसार होना चाहिए। शरीर के सभी अंग सामान्य आकार के हों तथा उचित रूप से कार्य कर रहे हों। पाचन शक्ति सामान्य एवं सही हों। बेदाग एवं कोमल सुंदर त्वचा हो, आंख नाक, कान, जिव्हा, आदि ज्ञानेन्द्रियाँ स्वस्थ हों। जिव्हा स्वस्थ एवं दुर्गंध मुक्त हों। दांत साफ सुथरे व मोतियों जैसे चमकदार हों। मुंह से दुर्गंध न आती हो।समय पर भूख लगती हो। रीढ़ की हड्डी सीधी हो। चेहर पर कांति ओज तेज हो।चेहर से सकारात्मकता का आभास हो। कर्मेन्द्रियां (हाथ पांव आदि) स्वस्थ हों। मल विसर्जन सम्यक् मात्रा में समयानुसार हो।शरीर की आकार और उंचाई के हिसाब से वजन हो। शारीरिक संगठन सुदृढ़ एवं लचीला हो। मानसिक स्वास्थ्य मानसिक स्वास्थ्य का अर्थ हमारे भावनात्मक और आध्यात्मिक लचीलेपन से है जो हमें अपने जीवन में पीड़ा आशाहीन और उदासी, दुःख की स्थितियों में जीवित रहने के लिए सक्षम बनाती है। मानसिक स्वास्थ्य हमारी मजबूत इच्छा शक्ति को भी दिखाती है। इसे यूं समझिए कि मन में प्रसन्नताव शांति हो, भीतर ही भीतर कोई संघर्ष न हो, भय क्रोध, इर्ष्या, से दूरी हो। मानसिक तनाव एवं अवसाद न हो तभी कहा जा सकता है कि व्यक्ति का मानसिक स्वास्थ्य है अच्छा है। बौद्धिक स्वास्थ्य – बौद्धिक स्वास्थ्य हमारी रचनात्मकता और निर्णय लेने की क्षमता में सुधार करने में मदद करता है। बौद्धिक रुप से हम मजबूत होते हैं तो आलोचना को सहज स्वीकार करने की क्षमता व विषम परिस्थितियों से व्यथित न होकर सकारात्मक रहना सहज में सरल हो जाता है । किसी की भी भावात्मक आवश्यकताओं की समझ, व्यवहार में शिष्ट रहना व दूसरों के सम्मान को भी ध्यान में रखना, नए विचारों को सहजता से स्वीकार करना, आत्मनियंत्रण , डर , क्रोध, मोह, ईर्ष्या या तनाव मुक्त रहना भी अच्छे बौद्धिक स्वास्थ्य की पहचान है । आध्यात्मिक स्वास्थ्य – हमारा स्वास्थ्य आध्यात्मिक स्वास्थ्य बिना वर्ड व्यर्थ है। जीवन के वास्तविक अर्थ और उद्देश्य की खोज करना हमें आध्यात्मिकता की ओर ले जाता है। अच्छे आध्यात्मिक स्वास्थ्य को प्राप्त करने का कोई निश्चित तरीका नहीं है। श्रीकृष्ण ने अर्जुन को गीता में जीवन का सार आध्यात्मिकता के माध्यम से समझाया -कि ज़िंदगी को जो न समझे उसका जीना व्यर्थ है। तो लिए इस विश्व स्वास्थ्य दिवस पर संकल्प लें कि हमने केवल अपने स्वास्थ्य का ख्याल रखें अपितु हवा पानी धरती एवं आसमान के स्वास्थ्य को भी अच्छा रखने के लिए निरंतर प्रयास करें। डॉ० घनश्याम बादल Read more » विश्व स्वास्थ्य दिवस
कला-संस्कृति धर्म-अध्यात्म मन की शुद्धता से प्रसन्न होती हैं महागौरी April 4, 2025 / April 4, 2025 | Leave a Comment दुर्गा अष्टमी डॉ घनश्याम बादल व्रत, उपवास और पूजा-पाठ हिंदू धर्म की पहचान हैं । उसकी यह विशेषता उसे अन्य धर्मों से विशिष्ट बनाती है । वर्ष में एक से अधिक बार ऐसे अवसर आते हैं जब श्रद्धालु हिंदू एक या दो दिन नहीं बल्कि कई कई दिन व्रत एवं उपवास करके अपने इष्ट देव […] Read more » महागौरी
मनोरंजन सिनेमा थिएटर : दशा, दिशा एवं संभावना March 26, 2025 / March 26, 2025 | Leave a Comment विश्व थिएटर दिवस (27 मार्च) डॉ घनश्याम बादल एक समय था जब थिएटर न केवल मनोरंजन का सबसे महत्वपूर्ण माध्यम ही नहीं अब समाज का दर्पण भी था और विभिन्न नाटकों के माध्यम से समसामयिक मुद्दों को प्रस्तुत करता था मगर आज विभिन्न डिजिटल प्लेटफॉर्म एवं फिल्म जगत तथा सोशल मीडिया के बढ़ते वर्चस्व […] Read more » Direction and Possibility Theatre: Condition विश्व थिएटर दिवस (
लेख किधर जा रही है हिंदी कविता ? March 24, 2025 / March 24, 2025 | Leave a Comment डॉ घनश्याम बादल 21 मार्च को विश्व कविता दिवस मनाया गया विश्व भर की लगभग सभी भाषाओं में गद्य के बाद पद्य यानी कविता का ही वर्ष हो रहा है जहां तक देवनागरी हिंदी की बात है इसमें तो गद्य से अधिक कविताएं अधिक लोकप्रिय रही है क्योंकि कविता के माध्यम से कई सामाजिक परिप्रेक्ष्य […] Read more » Where is Hindi poetry going?
राजनीति होली, रमजान, राम और जान : पत्थरों की नहीं, फूलों की बारिश हो March 17, 2025 / March 17, 2025 | Leave a Comment डॉ घनश्याम बादल भारत में सभी धर्मानुयायी अपने-अपने तीज त्यौहार हमेशा से साथ-साथ मनाते आए हैं और इसमें कभी भी किसी तरह का वैमनस्य या प्रतिस्पर्धा अथवा एक दूसरे के प्रति कटुता का भाव देखने को नहीं मिला लेकिन इस वर्ष जब होली 13 एवं 14 मार्च को मनाई जा रही है और रमजान भी […] Read more » रमजान राम और जान : पत्थरों की नहीं होली
राजनीति बहुत विश्वसनीय नहीं ट्रंप की दोस्ती March 12, 2025 / March 12, 2025 | Leave a Comment जेलेंस्की-ट्रंप बहस के बहाने से भुलावे में न रहे भारतीय नेतृत्व डॉ घनश्याम बादल अमेरिका राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पूरी तरह फॉर्म में हैं । चाहे वह ,’अमेरिका फर्स्ट’ का मुद्दा हो या यूक्रेन का अथवा कनाडा के प्रधानमंत्री ट्रूडो को धमकाना हो अथवा भारत के साथ टैरिफ के मुद्दे को लेकर उलझना हो, ट्रंप हर […] Read more » Trump's friendship is not very reliable जेलेंस्की-ट्रंप बहस बहुत विश्वसनीय नहीं ट्रंप की दोस्ती।
महिला-जगत लेख स्त्री : बहुत कुछ पाना शेष अभी March 7, 2025 / March 7, 2025 | Leave a Comment लड़ी, आगे बढ़ी, पर क्षितिज बहुत दूर डॉ० घनश्याम बादल पहले अंतरराष्ट्रीय महिला वर्ष 1975 के बाद से 8 मार्च स्त्री के ‘पौरुष’ की पहचान का दिन बन गया है. इस दिन सारी दुनिया अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाती है । घर की चारदीवारी से निकलकर विस्तृत कर्म क्षेत्र में उतरने के बाद अब वह अपना धरातल […] Read more » Woman: There is still much left to achieve
बच्चों का पन्ना लेख एक दुधारी तलवार है मासूम हाथों में स्मार्टफोन March 6, 2025 / March 6, 2025 | Leave a Comment ज़रूरी है क्या स्कूलों में स्मार्टफोन ? डॉ घनश्याम बादल अभी-अभी न्यायालय में दायर याचिका पर निर्णय देते हुए दिल्ली हाई कोर्ट ने कोर्ट ने साफ किया कि विद्यालय परिसर में स्मार्टफोन ले जाने से रोकना विधि सम्मत नहीं है और अभी तक विद्यालय में छात्र-छात्राओं द्वारा स्मार्टफोन ले जाने के कोई हानिकारक परिणाम भी […] Read more » ज़रूरी है क्या स्कूलों में स्मार्टफोन