राजनीति वंदे मातरम्- देशगीत से राष्ट्रगीत के 150 वर्ष December 18, 2025 / December 18, 2025 | Leave a Comment राष्ट्रगीत के 150 वर्ष पूरे होने आज यह आवश्यक है कि यह जनगीत बने। देश का प्रत्येक नागरिक इसके महत्व को समझकर गौरवान्वित हो। आज यह भी आवश्यक है कि पूरा देश अपनी अपनी भक्ति और संकीर्णताओं को छोड़कर भारत माता की भक्ति करे। वंदे मातरम् एक शब्द युग्म मात्र नहीं है, यह माँ भारती की आराधना है। Read more » वंदे मातरम्
राजनीति गुलामी की मानसिकता से मुक्ति का मोदी संकल्प December 4, 2025 / December 4, 2025 | Leave a Comment मैकाले ने उक्त विभिन्न बिंदुओं को ध्यान में रखते हुए जो शिक्षा नीति तैयार की, उससे धीरे-धीरे भारत में भी अंग्रेजी मानसिकता का एक वर्ग तैयार हो गया। यह वर्ग आज भी अंग्रेजी को महान सिद्ध करते हुए हिंदी, संस्कृत और भारतीय भाषाओं को हीन मानता है। क्या यह सत्य नहीं है कि आज भी देश के विभिन्न रईस अंग्रेजी पढ़ने के लिए ब्रिटेन के खजाने भर रहे हैं? Read more » Modi's resolve to free oneself from the mentality of slavery गुलामी की मानसिकता से मुक्ति
लेख सार्थक पहल प्रत्येक प्रदेश में बनें लेखक गाँव November 18, 2025 / November 18, 2025 | Leave a Comment हाल ही में भारत के पहले लेखक गांव थानों, देहरादून जाना हुआ। अवसर था लेखक गांव में साहित्य, कला एवं संस्कृति के वार्षिक अंतरराष्ट्रीय महोत्सव का। Read more » Writer villages should be established in every state. लेखक गाँव
राजनीति लेख शख्सियत राष्ट्र नायक नरेंद्र मोदी September 16, 2025 / September 16, 2025 | Leave a Comment डॉ.वेदप्रकाश राष्ट्र का कोई पिता नहीं होता। राष्ट्र के पुत्र व राष्ट्र के नायक होते हैं क्योंकि वैदिक चिंतन कहता है- माता भूमि: पुत्रोअहं पृथ्विव्या: अर्थात् यह भूमि मेरी माता है और मैं इसका पुत्र हूं। प्रधानमंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी के व्यक्तित्व-कृतित्व ने युवा भारत के मन मस्तिष्क से राष्ट्रपिता के प्रायोजित नॉरेटिव को भी समझने हेतु नई दिशा प्रदान की है। वे जिस रूप में मां भारती के सच्चे सिपाही अथवा पुत्र और सेवक बनकर जन-जन की सेवा में लगे हुए हैं, उससे उनका व्यक्तित्व राष्ट्र नायक के रूप में उभरा है। विभिन्न योजनाओं और कार्य प्रणाली में जब वे पंक्ति में खड़े अंतिम व्यक्ति की आशाओं-आकांक्षाओं की चिंता करते हैं तो उनकी अनुभूति की व्यापकता स्पष्ट देखी जा सकती है। साक्षी भाव नामक रचना में वे लिखते हैं-मुझे तो जगत को भावनाओं से जोड़ना है।मुझे तो सबकी वेदना की अनुभूति करनी है…। प्रस्तुत पंक्तियों से यह भी स्पष्ट है कि उनका विचार और संस्कार भारतीय ज्ञान परंपरा के आलोक में पोषित हुआ है। भारतवर्ष की संत परंपरा, महापुरुषों एवं स्वर्गीय अटल जी जैसे विभिन्न व्यक्तित्वों के चिंतन का उन पर गहरा प्रभाव है। भारतीय ज्ञान परंपरा में सर्वे भवंतु सुखिनः का मंत्र और दृष्टि प्रधान है इसलिए वे सभी के सुख के लिए स्वयं को खपा रहे हैं। स्वतंत्र भारत के इतिहास में पहली बार वर्ष 2014 में लालकिले की प्राचीर से प्रधानमंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी राष्ट्र के नाम अपने पहले ही संबोधन में संकल्प का भाव प्रस्तुत करते हैं। वे जन-जन को झकझोरते हैं और आवाह्न करते हैं। वे प्रधानमंत्री नहीं, प्रधानसेवक के रूप में प्रस्तुत होते हैं। उनके मन मस्तिष्क में नया भारत बनाने की भावना है। गरीब, मजदूर ,किसान, युवा शक्ति एवं नारी शक्ति सबको साथ लेकर वे सबके कल्याण और राष्ट्र निर्माण का संकल्प प्रस्तुत करते हैं। वर्ष 2025 में लालकिले की प्राचीर से उनके बारह संबोधन पूर्ण हो चुके हैं। वे अपने प्रत्येक संबोधन में सबके साथ और सबके विकास का मंत्र लेकर प्रत्येक बार नई एवं जन कल्याणकारी योजनाएं लेकर आते हैं। अब भारत बदल रहा है। आज जन-जन नए भारत,आत्मनिर्भर भारत व समृद्ध भारत का भाव लेकर अपनी भागीदारी करते हुए विकसित भारत का संकल्प लेकर तेजी से आगे बढ़ रहा है। राष्ट्र नायक वही है जो राष्ट्र के जन-जन के साथ जुड़कर और उन्हें अपने साथ जोड़कर शिखर की ओर बढ़ चले। विगत कुछ वर्षों में आर्थिक उन्नति के शिखर की ओर बढ़ते हुए भारत आज विश्व की चौथी बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है। मेक इन इंडिया, मेड इन इंडिया का विचार अब व्यापक हो चुका है। खेती, किसानी, पशुपालन, मत्स्य पालन आदि के माध्यम से आत्मनिर्भरता जन-जन का संकल्प बनता जा रहा है। संतुलित विकास और नेक्स्ट जेनरेशन इंफ्रास्ट्रक्चर का तेजी से विकास हो रहा है। वैश्विक मंचों पर भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए नरेंद्र मोदी विभिन्न मुद्दों पर विश्व समुदाय का मार्गदर्शन कर रहे हैं। राष्ट्र की सीमाओं और स्वाभिमान की रक्षा के लिए वे दृढ़ संकल्पित हैं। आज विश्व भारतीय सेना के शौर्य और मोदी नेतृत्व की निर्णय क्षमता की सराहना कर रहा है। आज देश किसी की थौंपी हुई नीतियां मानने को मजबूर नहीं है अपितु स्वयं को आत्मनिर्भर और मजबूत बनाते हुए दूसरों के लिए प्रेरणा बन रहा है। विश्व के अनेक देशों के सर्वोच्च नागरिक सम्मानों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सम्मानित किया जा चुका है। वे राष्ट्रीय और वैश्विक फलक पर जहां भी जाते हैं वहीं वसुधैव कुटुंबकम का उद्घोष करते हैं। वे सबको साथ लेकर मानवता के कल्याण के सूत्र देकर उन पर अमल का मार्ग बताते हैं। राष्ट्र नायक वही है जो विपरीत परिस्थितियों में भी आत्मविश्वास का भाव जगा दे। वैश्विक महामारी कोरोना में अनेक देशों की व्यवस्थाएं भिन्न-भिन्न रूपों में चरमरा गई लेकिन प्रधानमंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी ने सूझबूझ से न केवल अपने देश को इस संकट से निकला अपितु अनेक देशों की सहायता और सेवा के लिए काम किया। 25 मार्च 2018 के मन की बात में उन्होंने जन-जन में आत्मविश्वास भरते हुए कहा- आज पूरे विश्व में भारत की ओर देखने का नजरिया बदला है। आज जब भारत का नाम बड़े सम्मान के साथ लिया जाता है तो इसके पीछे मां भारती के बेटे- बेटियों का पुरुषार्थ है। वे छोटी से छोटी और बड़ी से बड़ी उपलब्धि का श्रेय स्वयं नहीं लेते अपितु देश की जनता के संकल्प और पुरुषार्थ को समर्पित करते हैं। उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में कार्य प्रणाली को बदला है। उनका दृष्टिकोण बहुत स्पष्ट है-रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म। स्किल इंडिया, डिजिटल इंडिया, शौचालय युक्त भारत, गरीबी मुक्त भारत, गंदगी मुक्त भारत, प्रधानमंत्री आवास योजना, उज्ज्वला योजना, मिशन अंत्योदय, बेटी बचाओ- बेटी पढ़ाओ, मुद्रा योजना, फिट इंडिया, खेलता भारत-खिलता भारत, वोकल फाॅर लोकल, लखपति दीदी आदि अनेक ऐसी योजनाएं एवं अभियान हैं जिनके आवाह्न के बाद समूचा देश नरेंद्र मोदी के साथ चलता दिखाई दे रहा है। परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष पूज्य स्वामी चिदानंद सरस्वती जी अपने उद्बोधनों में बार-बार कहते हैं- यह देश का सौभाग्य है कि देश को नरेंद्र मोदी जैसा योगी और तपस्वी प्रधानमंत्री मिला है जिनका जीवन मां भारती की सेवा में समर्पित है। राष्ट्र नायक वही है जो विकृति को संस्कृति में बदल दे। असंभव को संभव कर दिखाएं। नकारात्मकता को सकारात्मक बना दे। निराशा को आशा में बदल दे। सेवा की भावना और समर्पण का विचार ही जिसके जीवन का ध्येय है, राष्ट्र नायक वही तो है। 17 सितंबर 2025 को राष्ट्र नायक नरेंद्र मोदी के 75वें जन्मदिन के उपलक्ष में देशभर में जन कल्याण के कार्य हों। जन-जन उनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व से प्रेरणा लेकर नए विचार और नए संकल्पों के साथ आगे बढ़े। यही राष्ट्र नायक के जन्मोत्सव पर उन्हें महत्वपूर्ण उपहार होगा। मां भारती की सेवा में समर्पित राष्ट्र नायक नरेंद्र मोदी का जीवन दर्शन बिल्कुल स्पष्ट है-मां… मुझे कुछ सिद्ध नहीं करना है।मुझे तो स्वयं की आहुति देनी है। आइए हम भी जाति, संप्रदाय एवं क्षेत्रीयता के भेदभाव को भूलकर स्वयं को सिद्ध करने के स्थान पर मां भारती के कल्याण हेतु एक छोटी सी आहुति अवश्य दें। राष्ट्र नायक के जन्मोत्सव पर उन्हें हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं। डॉ.वेदप्रकाश Read more » 75th birthday of narendra modi National leader Narendra Modi r Narendra Modi नरेंद्र मोदी
लेख विधि-कानून नागरिक कर्त्तव्यों का प्रचार-प्रसार आवश्यक September 6, 2025 / September 6, 2025 | Leave a Comment डा.वेदप्रकाश नागरिकों द्वारा कर्त्तव्यों के ज्ञान और निर्वाह के बिना संकल्प से सिद्धि का मार्ग बाधित होता है। इसलिए आज व्यापक स्तर पर यह आवश्यक है कि संविधान सम्मत नागरिक कर्त्तव्यों का प्रचार-प्रसार हो। विकसित भारत के संकल्प में सभी को अधिकार मिलें इसके लिए यह भी आवश्यक है कि सभी नागरिक कर्तव्यों का पालन […] Read more » Publicity of civic duties is essential नागरिक कर्त्तव्यों का प्रचार-प्रसार आवश्यक
राजनीति वोटर अधिकार यात्रा बनाम एजेंडा यात्रा August 27, 2025 / August 27, 2025 | Leave a Comment डॉ.वेदप्रकाश महात्मा गांधी का जीवन राष्ट्रीय और वैश्विक फलक पर शांति और सद्भाव के लिए समर्पित रहा लेकिन उनके नाम के गैरवारिस राहुल गांधी जो विपक्ष के नेता भी हैं, आज राष्ट्रीय और वैश्विक फलक पर अशांति फैलाने और वैमनस्य को समर्पित दिखाई दे रहे हैं। अपने राजनीतिक जीवन के आरंभ से ही वे तथ्यहीन और उल्टी सीधी बातों के लिए प्रसिद्ध रहे हैं। न उन्हें देश के सामाजिक, सांस्कृतिक, आर्थिक और धार्मिक वातावरण की जानकारी है और न ही राजनीति की जानकारी क्योंकि राजनीति में आने के लिए उन्होंने कोई पुरुषार्थ नहीं किया। वह उन्हें पैतृक संपत्ति के रूप में प्राप्त हो गई और इस देश को जानने के लिए वे कभी घर से निकले नहीं। सर्वविदित है कि स्वतंत्रता के बाद से लगातार कई दशकों तक सत्ता में रहने के बाद वर्ष 2014 से कांग्रेस पार्टी सत्ता से बाहर है। वर्ष 2014 में जनता ने भारी बहुमत के साथ भारतीय जनता पार्टी को अपना समर्थन दिया और नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने। यह भी सर्वविदित है कि वर्ष 2014 से ही भिन्न-भिन्न रूपों में सामान्य व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आ रहे हैं। जनकल्याण की विभिन्न योजनाएं पंक्ति में खड़े अंतिम व्यक्ति तक पहुंच रही हैं। राष्ट्रीय और वैश्विक फलक पर भारत लगातार मजबूत होता जा रहा है। देश में कार्य-व्यवसाय, उद्योग एवं आर्थिक क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रगति हुई है। करोड़ों लोग गरीबी रेखा से बाहर निकले हैं और यह भी सर्वविदित है कि कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस यानी आईएनडीआईए का समूचा विपक्षी गठबंधन लगातार नकारात्मक राजनीति कर रहा है। राहुल गांधी और विपक्ष आज एजेंडेवादी बन चुके हैं। ये सभी नकारात्मकता फैलाने का इकोसिस्टम बनाते हैं और फिर लगातार झूठे प्रचार से उसे सच्चा दिखाने का प्रयास करते हैं। हम सभी जानते हैं कि जब किसी झूठ को भी बार-बार अलग-अलग ढंग से अलग-अलग लोगों के द्वारा कहा जाता है तो सामान्य व्यक्ति को एक समय के बाद वह सच जैसा दिखने लगता है। वर्ष 2014 में चुनाव हारने के बाद राहुल गांधी ने सबसे पहले ईवीएम मशीन पर दोष मढ़ना शुरू किया। मशीन खराब हैं, उनमें बटन कोई भी दबाओ, वोट भाजपा को ही जाती है आदि । यह नैरेटिव काफी चला, फिर असफल होने पर- प्रधानमंत्री चोर है ऐसे असंवैधानिक नारे शुरू किए गए। इसके बाद संविधान खतरे में है। संविधान बदल दिया जाएगा। लोकतंत्र खतरे में है। आने वाले वर्षों में चुनाव नहीं होंगे, सीधे मोदी का ही शासन चलता रहेगा जैसे नैरेटिव भी खूब चलाए गए। कृषि कानून, नागरिकता संशोधन कानून और धारा 370 जैसे महत्वपूर्ण और संसद में पास हुए गंभीर कानूनों पर भी तरह-तरह का दुष्प्रचार भ्रम और भय फैलाया गया। समूचे विपक्ष ने राहुल गांधी के नेतृत्व में कभी किसानों को भड़काने का काम किया तो कभी मुसलमानों को भी। यह भी नैरेटिव बनाया गया कि सरकार किसानों की जमीन छीन लेगी, सरकार मुसलमानों की नागरिकता छीन लेगी आदि। कुछ समय बाद इस प्रकार के झूठे नॉरेटिव से देश में बड़ा आर्थिक और सामाजिक नुकसान हुआ। हम सभी इस बात से भी परिचित हैं कि राहुल गांधी और विपक्ष के कई नेता संसद में चर्चा में ठीक से हिस्सा नहीं लेते। वे संविधान विरोधी अभद्र भाषा का प्रयोग हमेशा करते हैं। संसद को बाधित करते हुए शोर शराबा करते हुए बाहर धरने-प्रदर्शन करते हैं। इससे यह भी स्पष्ट है कि वे सवाल जवाब करने में अथवा बहस करने में सक्षम नहीं है। पिछले कई महीनों से राहुल गांधी नए एजेंडे को लेकर पूरे इकोसिस्टम में काम कर रहे हैं। इस बार उन्होंने चुनाव आयोग पर जो संविधान सम्मत संस्था है, भारतीय जनता पार्टी के पक्ष में वोट चोरी करने का आरोप लगाया है। आरोप की पुष्टि हेतु वह चुनाव आयोग के बार-बार कहने पर भी तथ्य प्रस्तुत करने में असमर्थ रहे हैं। पिछले कुछ दिन राहुल गांधी और तेजस्वी यादव बिहार में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर वोटर अधिकार यात्रा पर हैं। तेजस्वी यादव के दो मतदाता पत्र मिल चुके हैं। अपनी यात्रा में भी वे नैतिकता की सीमाओं के पार जाकर अनर्गल टीका-टिप्पणी कर रहे हैं। तात्पर्य यह है कि वोटर अधिकार यात्रा अथवा वोट चोरी के आरोप भी उनके एजेंट एवं इकोसिस्टम के अंतर्गत चलाया जा रहा अभियान है। विगत में भी सेना द्वारा आतंकवाद के जवाब में बालाकोट स्ट्राइक एवं ऑपरेशन सिंदूर जैसी साहसिक कार्रवाई पर राहुल गांधी नकारात्मक टिप्पणी करने के साथ-साथ सेना के शौर्य पर भी प्रश्न उठाते रहे हैं। यह उनकी राजनीतिक अपरिपक्वता को दिखाता है। सभी जानते हैं कि राहुल गांधी, सोनिया गांधी, लालू यादव, तेजस्वी यादव आदि विपक्ष के बड़े कहे जाने वाले कई नेताओं पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप हैं। अभी ये जमानत पर हैं। चुनाव आयोग द्वारा हाल ही में बिहार में मतदाता सूची शोधन हेतु विशेष सघन पुनरीक्षण अभियान (एफआईआर) के दौरान लाखों मतदाताओं को अपात्र पाया गया। इस प्रक्रिया में बंगाल में भी सघन पुनरीक्षण आरंभ होना है। इसको लेकर भी राहुल गांधी, बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, सपा प्रमुख अखिलेश यादव एवं विपक्ष के अन्य नेता झूठ फैला रहे हैं। आज यह आवश्यक है कि नेता विपक्ष और सभी विपक्षी दल संसद में अपनी भूमिका के महत्व को समझें। जन कल्याण के लिए योजनाओं हेतु सरकार को सुझाव दें और जनहित में संसद में मुद्दों पर बहस करें। संसद के बाहर झूठे एजेंट चलाने मात्र से राजनीतिक हितों और स्वार्थों की पूर्ति संभव नहीं है। डॉ.वेदप्रकाश Read more » Voter Rights Yatra vs Agenda Yatra
राजनीति सिंदूर का पौधारोपण के निहितार्थ June 6, 2025 / June 6, 2025 | Leave a Comment डॉ.वेदप्रकाश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संकल्प से सिद्धि के नायक के रूप में जाने जाते हैं। वे एक ऐसे राष्ट्रीय और वैश्विक व्यक्तित्व हैं जो जब किसी कार्य का संकल्प लेते हैं तो उसे समुचित योजना बनाकर सिद्धि तक भी पहुंचाते हैं। वे आरंभ से ही विभिन्न चुनौतियों को दूर करते हुए भारतवर्ष की शक्ति व शौर्य के जागरण और विकसित भारत के संकल्प को लेकर चल रहे हैं। विगत दिनों पहलगाम में हुए आतंकी हमले में सुनियोजित ढंग से पुरुषों को निशाना बनाया गया। निहत्थे पर्यटकों का धर्म पूछकर उन्हें मौत के घाट उतारा गया। अनेक महिलाओं की मांग से सिंदूर मिटाया गया। आतंकियों के इस दुष्कृत्य ने समूचे देश और विश्व को झकझोर दिया। तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह संकल्प लिया कि जिन लोगों ने भारत की माताओं- बहनों की मांग से सिंदूर मिटाया है, हम उन्हें ही मिटा देंगे। परिणामस्वरूप ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया गया और कुछ ही समय में सैकड़ों आतंकवादियों को मौत के घाट उतारते हुए उनके ढांचे और अड्डों को भी मिट्टी में मिलाया गया। प्रधानमंत्री अपने विभिन्न उद्बोधनों में बार-बार कह चुके हैं कि आतंकवाद किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जाएगा। अब यदि सीमा पार से गोली चली तो भारत उसका जवाब गोले से देगा। ऑपरेशन सिंदूर ने उनके इस संकल्प को स्पष्ट कर दिया। ध्यातव्य है कि ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय सेना का पराक्रम और उसका प्रदर्शन उत्कृष्ट रहा। देशभर में सामान्य जनता ने विभिन्न कार्यक्रमों से सेना के इस उत्कृष्ट प्रदर्शन की न केवल प्रशंसा की अपितु हर परिस्थिति में देश सेना के साथ है, यह भरोसा भी दिया। हाल ही में 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने आवास पर सिंदूर का पौधा रोपा है। यह पौधा विगत दिनों उन्हें गुजरात की उन वीरांगना महिलाओं ने भेंट किया था, जिन्होंने 1971 के भारत-पाक युद्ध के दौरान नष्ट हुई एयरस्ट्रिप को रातों-रात तैयार करने में असाधारण साहस और देशभक्ति का परिचय दिया था। पौधारोपण के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया पर लिखा- यह पौधा देश की नारी शक्ति के शौर्य और प्रेरणा का प्रतीक बनेगा। वे पहले भी विभिन्न अवसरों पर देश की नारी शक्ति के शौर्य,प्रेरणा एवं उनके सम्मान की रक्षा हेतु प्रतिबद्धता व्यक्त कर चुके हैं। पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद को गोस्वामी तुलसीदास द्वारा रचित श्रीरामचरितमानस के संदर्भ से भी समझने की आवश्यकता है। वहां वर्णन है कि वनवास के लिए निकले श्रीराम ने अगस्त्य मुनि के आश्रम में पहुंचकर उनसे अपने वनवास की अवधि के लिए शांत और एकांत स्थान पूछा। मुनि ने उन्हें निवास हेतु गोदावरी नदी के निकट दंडक वन में पंचवटी नामक स्थान बताया। पंचवटी ऐसा स्थान है जहां अनेक प्रकार के फल-फूल वाले पेड़ और वनस्पतियां हैं। इस रमणीय स्थान पर निवास करते हुए जब श्रीराम का वनवास बीत रहा था, तभी वहां खर दूषन आदि राक्षस उत्पात मचाते हैं, जिनमें से कई श्रीराम के हाथों मारे जाते हैं और फिर लंकापति राक्षस राज रावण छल से माता सीता का हरण कर लेता है। फिर कुछ समय बाद नारी शक्ति के सम्मान की रक्षा और आसुरी प्रवृत्ति की समाप्ति हेतु समूची लंका का विध्वंस सर्वविदित है। कुछ इसी प्रकार का कृत्य पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवादियों के पहलगाम हमले में भी सामने आया,जिसके विध्वंस हेतु ऑपरेशन सिंदूर चला और अभी भी जारी है। विगत वर्ष भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर एक पेड़ मां के नाम इस अभियान को शुरू किया था,जिसके अंतर्गत देशभर में जगह-जगह वृक्षारोपण हुआ और अब तक लगभग 109 करोड़ पौधे रोपे जा चुके हैं। इस बार विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 5 जून को विश्व की सबसे प्राचीन पर्वतमालाओं में से एक अरावली पर्वत श्रृंखला के संरक्षण और उसे हरित बनाने के लिए 700 किलोमीटर लंबे अरावली ग्रीन वॉल प्रोजेक्ट का शुभारंभ किया है। सर्वाधिक है कि अरावली पर्वत श्रंखला में खनन, सूखा, अतिक्रमण, जलवायु परिवर्तन और विकास कार्यों के चलते पर्वत क्षेत्र और हरियाली लुप्त होती जा रही है। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में सभी पर्यावरणीय चुनौतियों के समाधान को लेकर सरकार प्रतिबद्ध है। यह एक बहुत बड़ी योजना और संकल्प है जिसे दिल्ली, हरियाणा,राजस्थान और गुजरात को अपने अपने क्षेत्र में बड़े प्रयास करते हुए सिद्धि तक पहुंचाना होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अपने आवास पर रोपा सिंदूर का पौधा पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ नारी शक्ति, सांस्कृतिक परंपरा और उनके सम्मान की रक्षा का संकल्प एवं प्रतीक भी है। आज हमें यह भी समझने की आवश्यकता है कि भारत की लड़ाई जितनी प्रदूषण के विरुद्ध और प्रकृति पर्यावरण की रक्षा के लिए है। उतनी ही भारत विरोधी ताकतों और आतंकवाद जैसी मानसिकता के विरुद्ध भी है। प्रधानमंत्री द्वारा सिंदूर के पौधे का रोपण यह संदेश देता है कि जब तक आतंकवाद एवं भारत विरोधी ताकतें भारत को कमजोर करने का प्रयास करेंगे, नारी शक्ति के सिंदूर को मिटाने का प्रयास करेंगे। तब तब भारत पूरी ताकत के साथ जवाब देगा। प्रधानमंत्री मोदी द्वारा रोपा गया सिंदूर का पौधा जन सामान्य के लिए भी प्रेरणा का सूचक है। इस पौधे से प्रेरणा लेकर जन-जन भी नारी शक्ति के सम्मान एवं उसकी रक्षा के लिए एक एक पौधे का रोपण अवश्य करें। ऋषिकेश स्थित परमार्थ निकेतन पूज्य स्वामी चिदानंद सरस्वती जी के नेतृत्व में विभिन्न अवसरों पर प्रेरक गतिविधियों का केंद्र बन चुका है। विश्व पर्यावरण दिवस की पूर्व संध्या पर पूज्य स्वामी जी ने पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव की उपस्थिति में यह घोषणा की कि देशभर में पांच ‘सिटी- पंचवटी’ सिंदूर वाटिकाएं तैयार की जाएंगी। उन्होंने कहा कि इस कार्य के लिए ऋषिकेश, गंगोत्री-यमुनोत्री, प्रयागराज, अयोध्या आदि शहरों में जन भागीदारी से पंचवटी सिंदूर वाटिका तैयार करने का उद्देश्य जन मन में ऑपरेशन सिंदूर की स्मृति, सेना के शौर्य एवं नारी शक्ति के सम्मान का भाव निहित रहेगा। ध्यान रहे जलवायु परिवर्तन आज एक राष्ट्रीय और वैश्विक चुनौती बनती जा रही है। वृक्षों की अंधाधुंध कटाई और बढ़ता प्रदूषण मानवता के लिए संकट बनता जा रहा है। अनेक नदियां मर चुकी है अथवा करने के कगार पर हैं। ग्लेशियर तेजी से पिघल रहे हैं। जल स्रोत भयंकर प्रदूषण की गिरफ्त में हैं। वायु प्रदूषण भी तेजी से बढ़ रहा है। ऐसे में वृक्षारोपण एक बड़ा समाधान सिद्ध हो सकता है। आज आवश्यक है देश के छोटे बड़े प्रत्येक शहर में पंचवटी वाटिकाएं बनें। सरकार के साथ-साथ संत समाज और जन भागीदारी से यह काम आसान हो सकता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया गया पौधारोपण हमें प्रकृति पर्यावरण के संरक्षण-संवर्धन का भी संदेश देता है। आइए हम सभी अपने-अपने ढंग से प्रकृति पर्यावरण के संरक्षण- संवर्धन हेतु प्रयास करें। डॉ.वेदप्रकाश Read more » Implications of planting vermillion सिंदूर का पौधारोपण
कला-संस्कृति धर्म-अध्यात्म नवजागरण का वाहक बने महाकुंभ January 2, 2025 / January 2, 2025 | Leave a Comment डॉ.वेदप्रकाश भारतीय समाज एवं लोक जीवन में पर्व-उत्सव, मेले, स्नान एवं कुंभ जैसे छोटे-बड़े अनेक पर्व नवजागरण के वाहक बनते रहे हैं। कुंभ अथवा महाकुंभ स्नान का ही अवसर नहीं होते बल्कि वे व्यक्ति, समाज और राष्ट्र जीवन के लिए नवजागरण के वाहक अथवा संजीवनी भी बनते हैं। प्रयागराज में महाकुंभ का आरंभ हो […] Read more » Mahakumbh became the bearer of renaissance महाकुंभ
राजनीति ग्यारह संकल्पों का मोदी मंत्र December 19, 2024 / December 19, 2024 | Leave a Comment डॉ. वेदप्रकाश 14 दिसंबर 2024 को संविधान के 75 वर्षों की गौरवशाली यात्रा पर लोकसभा में चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विविध विषयों पर विचार और प्रहार करते हुए भविष्य के लिए 11 संकल्पों का संदेश दिया है। ध्यान रहे ये 11 संकल्प विकसित भारत के लिए संविधान की भावना को केंद्र […] Read more » Modi mantra of eleven resolutions ग्यारह संकल्पों का मोदी मंत्र
लेख चिंताजनक बनती कूड़े की समस्या December 10, 2024 / December 9, 2024 | Leave a Comment डॉ.वेदप्रकाश राजधानी दिल्ली में कई स्थानों पर कूड़े के पहाड़ बन चुके हैं। नदी,नालों व सड़कों पर कूड़ा सहज ही देखा जा सकता है। कूड़े का निस्तारण तो दूर, ठीक से संग्रह भी नहीं हो पा रहा है. क्या यह स्थिति चिंताजनक नहीं है। कूड़ा किसी उत्पाद की खपत के बाद उपजने वाली वस्तु […] Read more » Garbage problem is becoming worrying चिंताजनक बनती कूड़े की समस्या