कविता जिसकी भी ग़ैरत बाकी है August 25, 2011 / December 7, 2011 | 2 Comments on जिसकी भी ग़ैरत बाकी है जिसकी भी ग़ैरत बाकी है, जिसके भी सीने में दिल है सब उठो, चलो, आगे आओ, अब देर हुई तो मुश्क़िल है! जिसने राह दिखाई, उस पर आँच नहीं अब आने दो जो तुम पर मरता है, यारों,उसको मत मर जाने दो… ख़ुद से, मुल्क से, अन्ना से, गर करते होगे प्यार कहीं […] Read more » Anna Hazare अन्ना
विविधा प्रतिरोध की रचनात्मक अभिव्यक्ति August 23, 2011 / December 7, 2011 | Leave a Comment नाइजीरिया से हिमांशु सिंह अन्ना मंगलवार को कुछ सुस्त हैं। अनशन का आठवा दिन है। भारत माता की जय के नारे लगते हैं तो लेटे लेटे दाहिना हाथ उठ जाता है। गर्दन घुमाकर पीछे गाधी के चित्र पर नजर और फिर एक निगाह सामने जनता पर। मानो प्रेरणा व प्रभाव को जोड़ रहे हों। भारत […] Read more » Anna Hazare अन्ना हजारे