पर्यावरण लेख क्लीन डवलपमेंट मेकनिज़्म और संयुक्त क्रियान्वयन से दूर होगी ग्लोबल वार्मिंग June 2, 2025 / June 2, 2025 | Leave a Comment अभी जून के महीने की शुरुआत ही हुई है और मार्च से ही लगातार ताबड़तोड़ गर्मी पड़ रही है। आज भारत ही नहीं अपितु संपूर्ण विश्व ग्लोबल वार्मिंग की समस्या का लगातार सामना कर रहा है। आज संपूर्ण विश्व में सबसे बड़ी चिंताएं या तो पर्यावरण प्रदूषण को लेकर हैं अथवा ग्लोबल वार्मिंग तथा जलवायु […] Read more » Global warming will be eliminated through clean development mechanism and joint implementation ग्लोबल वार्मिंग
पर्यावरण लेख तपती धरती, पिघलते ग्लेशियर: चिंता का सबब ! June 2, 2025 / June 2, 2025 | Leave a Comment सुनील कुमार महला धरती का तापमान लगातार बढ़ रहा है। वास्तव में धरती का तापमान का लगातार बढ़ना कहीं न कहीं गंभीर ख़तरों का संकेत दे रहा है। आज मानव की जीवनशैली लगातार बदलती चली जा रही है और मानवीय गतिविधियों के कारण, अंधाधुंध विकास, जंगलों की अंधाधुंध कटाई, शहरीकरण, औधोगिकीकरण के कारण ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन को लगातार बढ़ावा मिल रहा है जिससे नीले ग्रह पर खतरा मंडराने लगा है। एक जानकारी के अनुसार मानवीय जीवनशैली के कारण इस सदी के अंत तक धरती का औसत तापमान 2.7°C बढ़ जाएगा। वास्तव में धरती के तापमान के इतना बढ़ने का सीधा सा मतलब यह है कि इस सदी के अंत तक धरती के ग्लेशियरों की बस एक चौथाई बर्फ़ ही बची रहेगी तथा बाकी तीन चौथाई बर्फ़ ख़त्म हो जाएगी। कहना ग़लत नहीं होगा कि ग्लेशियर अब किताबों का ही हिस्सा बनकर रह जाएंगे। ग्लोबल वार्मिंग बढ़ने के कारण दुनिया के कई तटीय शहर डूब जाएंगे। यदि हम यहां आंकड़ों की बात करें तो भारत में मुंबई, चेन्नई, विशाखापट्टम जैसे कई तटीय शहरों का बड़ा इलाका क़रीब दो फुट तक पानी में डूब जाएगा। दरअसल यह खुलासा किसी और ने नहीं बल्कि दुनिया की प्रतिष्ठित पत्रिका साइंस में छपी एक ताज़ा रिसर्च में किया गया है। इस संदर्भ में ताज़ा उदाहरण स्विट्जरलैंड का है, जहां ऊंचे पहाड़ों से टूटे एक ग्लेशियर ने निचले इलाके में तबाही मचा दी। नीचे घाटी में बसे ब्लैटन गांव (नब्बे फीसदी गांव को) बर्च नाम के ग्लेशियर ने बर्बाद कर दिया।दरअसल,ग्लेशियरों के इस तरह टूटने के पीछे सबसे बड़ी वजह है धरती के औसत तापमान का बढ़ना। कहना ग़लत नहीं होगा कि तापमान में बढ़ोत्तरी भारी बारिश(अतिवृष्टि), तो कहीं सूखा(अनावृष्टि), कभी ग्लेशियरों की झीलों के फटने तो कभी बड़े तूफ़ानों जैसे अतिमौसमी बदलावों की शक्ल में हमारे सामने आ रहा है। यहां पाठकों को बताता चलूं कि प्रतिष्ठित पत्रिका साइंस में छपी रिसर्च के मुताबिक दुनिया के ग्लेशियर मौजूदा अनुमान से कहीं ज़्यादा तेज़ी से पिघल रहे हैं और इस सदी के अंत तक अगर धरती का औसत तापमान अगर 2.7°C और बढ़ा तो दुनिया में मौजूद ग्लेशियरों में सिर्फ़ 24% बर्फ़ ही बची रह जाएगी, जो कि एक बड़ा और गंभीर खतरा है। जानकारी के अनुसार ग्लेशियरों की 76% बर्फ़ पिघल चुकी होगी। पाठकों को बताता चलूं कि पेरिस समझौते में ये तय हुआ था, कि दुनिया के तापमान को पूर्व औद्योगिक तापमान से 1.5°C से ज़्यादा नहीं बढ़ने देना है, लेकिन आज विकसित देश ही कार्बन उत्सर्जन के अधिक जिम्मेदार हैं और कोई भी ग्लोबल वार्मिंग को कम करने को लेकर जिम्मेदार नजर नहीं आते। साइंस पत्रिका में छपी रिसर्च के मुताबिक अगर दुनिया का औसत तापमान 1.5°C तक ही बढ़ा तो भी ग्लेशियरों की 46% बर्फ़ पिघल जाएगी, सिर्फ़ 54% बर्फ़ ही बची रहेगी, यह बहुत ही चिंताजनक है, क्योंकि ग्लेशियर पानी के बड़े स्रोत होते हैं और जल ही जीवन है। शोध में सामने आया है कि अगर औसत तापमान बढ़ना बंद हो जाए और उतना ही रहे, जितना कि आज है, तो भी दुनिया के ग्लेशियरों की बर्फ़ 2020 के स्तर से 39% कम हो जाएगी। मतलब यह है कि आज भी तापमान कुछ कम नहीं है और यह नीले ग्रह को काफी नुकसान पहुंचा रहा है। शोध में पाया गया है कि यदि दुनिया का औसत तापमान 2°C बढ़ा तो स्कैंडिनेवियन देशों यानी नॉर्वे, स्वीडन और डेनमार्क के ग्लेशियरों की सारी बर्फ़ पिघल जाएगी। इतना ही नहीं, उत्तर अमेरिका की रॉकी पहाड़ियों, यूरोप के आल्प्स और आइसलैंड के ग्लेशियरों की क़रीब 90% बर्फ़ पिघल जाएगी।औसत तापमान में 2°C की बढ़ोतरी का भारी असर दक्षिण एशिया में हिंदूकुश हिमालय पर भी पड़ने की संभावनाएं जताई गईं हैं। यहां पाठकों को जानकारी देना चाहूंगा कि हिंदू कुश हिमालय का ग्लेशियर दो अरब लोगों का भरण-पोषण करने वाली नदियों को पानी देता है, लेकिन सदी के अंत तक ये अपनी 75 प्रतिशत बर्फ खो सकता है, जिससे नदियों का पानी भी सूख सकता है। यहां कहना ग़लत नहीं होगा कि अगर दुनिया के देश तापमान को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक रोक पाते हैं (जैसा कि पेरिस समझौते में तय हुआ था), तो हिमालय और कॉकेशस पर्वत में ग्लेशियर की 40-45 प्रतिशत बर्फ बचाई जा सकती है। यानी अब भी कुछ किया जाए, तो हालात बहुत हद तक सुधर सकते हैं। वाकई यह बहुत ही चिंताजनक बात है कि साल 2020 के मुक़ाबले हिंदूकुश हिमालय के ग्लेशियरों में महज़ 25% बर्फ़ ही रह जाएगी। वास्तव में हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि हिंदूकुश हिमालय से निकलने वाली नदियां जो गंगा, सिंधु और ब्रह्मपुत्र की घाटियों में बहती हैं वो क़रीब दो अरब आबादी के लिए अनाज, मनुष्य की आजीविका और पानी की गारंटी हैं। वास्तव में आज धरती का लगातार बढ़ता हुआ तापमान न केवल मनुष्य के लिए अपितु धरती के सभी जीवों, वनस्पतियों, हमारे पर्यावरण और पारिस्थितिकी तंत्र के लिए संकट का सबब बनता चला जा रहा है। अंत में यही कहूंगा कि ग्लोबल वार्मिंग को कम करने के लिए हमें सामूहिक रूप से कदम उठाने होंगे और पर्यावरण संरक्षण के प्रति हमें अपनी जिम्मेदारियों को बखूबी समझना होगा। कहना ग़लत नहीं होगा कि हमारे नीले ग्रह को गर्म करने वाले उत्सर्जन को कम करने के लिए स्वच्छ ऊर्जा को अपनाना ही ग्लेशियरों के पिघलने की गति को धीमा करने का सबसे प्रभावी तरीका है। हमें यह बात अपने जेहन में रखनी चाहिए कि धरती के तापमान में मामूली वृद्धि भी कहीं न कहीं मायने रखती है। मानव को समझने की जरूरत है कि विकास के नाम पर हमें प्रकृति से छेड़छाड़ और खिलवाड़ को बंद करना होगा। पर्यावरण के साथ संबंध स्थापित करते हुए भी विकास किया ही जा सकता है।एक जानकारी के अनुसार दुनिया में क़रीब पौने तीन लाख ग्लेशियर हैं। पाठकों को बताता चलूं कि पृथ्वी पर, 99% ग्लेशियल बर्फ ध्रुवीय क्षेत्रों में विशाल बर्फ की चादरों (जिन्हें “महाद्वीपीय ग्लेशियर” भी कहा जाता है) के भीतर समाहित है। एक जानकारी के अनुसार ग्लेशियल बर्फ पृथ्वी पर ताजे पानी का सबसे बड़ा भंडार है, जो बर्फ की चादरों के साथ दुनिया के ताजे पानी का लगभग 69 प्रतिशत रखता है।पृथ्वी के कुल जल का लगभग 2% भाग ग्लेशियरों में संग्रहीत है। इतना ही नहीं,ग्लेशियर अतीत की जलवायु के बारे में बहुमूल्य जानकारी प्रदान करते हैं। ये ग्लेशियर ही हैं, जिनसे कृषि, जल विद्युत एवं पेयजल हेतु जल मिलता है। समुद्र जल स्तर में ग्लेशियरों का महत्वपूर्ण योगदान होता है। अंत में यही कहूंगा कि हमें ग्लेशियरों को संरक्षित करना होगा और जल प्रबंधन को बढ़ावा देना होगा, ताकि भविष्य में पानी की आपूर्ति सुनिश्चित की जा सके। Read more » melting glaciers: A cause for concern! Scorching earth तपती धरती पिघलते ग्लेशियर
मनोरंजन महत्वपूर्ण लेख युवाओं की जिंदगी को गर्त में धकेल रही आनलाइन गेमिंग May 30, 2025 / June 2, 2025 | Leave a Comment हाल ही में भारत के माननीय सुप्रीम कोर्ट ने स्टूडेंट्स सुसाइड और गेमिंग ऐप से बर्बादी पर चिंता जताई है और इस पर सख्त लहजा अपनाते हुए यह बात कही है कि ‘विद्यार्थी मर रहे हैं, सरकार कर क्या रही है…? मामले को हल्के में न लें !’ पाठकों को बताता चलूं कि हाल ही […] Read more » Online gaming is ruining the lives of youth आनलाइन गेमिंग युवाओं की जिंदगी को गर्त में धकेल रही आनलाइन गेमिंग
खान-पान लेख एमएसपी में वृद्धि :कृषि और किसान कल्याण को गति May 29, 2025 / May 29, 2025 | Leave a Comment हाल ही में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने विपणन(मार्केटिंग) सीजन 2025-26 के लिए 14 खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में वृद्धि को मंजूरी दी है, यह कृषि और किसान कल्याण के विचार से एक स्वागत योग्य कदम कहा जा सकता है। अच्छी बात है कि आज […] Read more »
मनोरंजन लेख विधि-कानून सुप्रीम कोर्ट का मनोबल बढ़ाने वाला फैसला ! May 28, 2025 / May 28, 2025 | Leave a Comment हाल ही में माननीय सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक ऐतिहासिक व बड़े फैसले में केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) में महानिरीक्षक(आईजी) स्तर तक के आईपीएस अधिकारियों की नियुक्ति कम करने का निर्देश दिया है, ताकि कैडर अधिकारियों को अधिक अवसर मिल सकें। वास्तव में सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला कैडर अधिकारिक के लिए मनोबल बढ़ाने […] Read more » Delay in promotion of cadre officers कैडर अधिकारियों की पदोन्नति में विलंब
पर्यावरण लेख अनियोजित शहरीकरण से जलमग्न होते शहर ! May 27, 2025 / May 27, 2025 | Leave a Comment हमारे देश में मानसून या यूं कहें कि बारिश का मौसम लगभग जून से सितंबर तक रहता है और इस अवधि के दौरान देश के ज्यादातर हिस्सों में बारिश होती है।यह आलेख लिखे जाने तक अभी भी मई माह का ही लगभग एक सप्ताह शेष बचा है। मतलब मानसून की देश में अभी शुरुआत भी […] Read more » Cities submerging due to unplanned urbanization! अनियोजित शहरीकरण से जलमग्न होते शहर
लेख प्रतिस्पर्धी युग में अंक जीवन नहीं हैं May 26, 2025 / May 26, 2025 | Leave a Comment देश में सीबीएसई और विभिन्न राज्यों की अन्य बोर्ड परीक्षाओं के रिजल्ट(परिणाम) लगभग-लगभग मई माह में घोषित हो चुके हैं। जिन बच्चों ने इन बोर्ड परीक्षाओं में अच्छे अंक हासिल किए हैं, वे बच्चे और उनके अभिभावक बहुत ही खुश हैं। लेकिन जो बच्चे किसी कारणवश बोर्ड(दसवीं और बारहवीं) की परीक्षाओं में अच्छे अंक हासिल […] Read more » Marks are not life in this competitive era प्रतिस्पर्धी युग में अंक जीवन नहीं हैं
लेख शख्सियत समाज साक्षात्कार अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर उच्छृंखलता मंजूर नहीं May 26, 2025 / May 26, 2025 | Leave a Comment आज का युग सोशल नेटवर्किंग साइट्स का युग है। या यूं कहें कि आज विज्ञान और तकनीक का युग है।सच तो यह है कि हम एआइ चैटबाट के युग में सांस ले रहे हैं। हमारे देश में अभिव्यक्ति की आजादी सबको प्रदान की गई है, लेकिन पिछले कुछ समय से देश और समाज के कुछेक […] Read more » anarchy is not acceptable in the name of freedom of expression In the name of freedom of expression
लेख आखिर क्यों घट रही है गंगा डॉल्फिन की आबादी ? May 22, 2025 / May 22, 2025 | Leave a Comment पर्यावरण प्रदूषण की समस्या आज भारत ही नहीं बल्कि संपूर्ण विश्व की एक बड़ी समस्या बनकर उभरी है। मनुष्य तो मनुष्य पशु-पक्षियों और जलीय जीवों को पर्यावरण प्रदूषण से बहुत नुक्सान पहुंच रहा है, लेकिन इनका कोई धणी-धोरी नजर नहीं आता। यह बहुत ही दुखद है कि आज हमारे देश में पर्यावरण प्रदूषण से जीव-जंतुओं […] Read more » गंगा डॉल्फिन की आबादी
राजनीति पाक-ड्रैगन की एक चाल: भारत का सतर्कता बरतना आवश्यक ! May 22, 2025 / May 22, 2025 | Leave a Comment हाल ही में भारत के थिंक टैंक ‘सेंटर फॉर जॉइंट वारफेयर स्टडीज’ ने एक खुलासा किया है कि चीन की सैटेलाइट मदद से पाकिस्तान को अपना एयर डिफेंस सिस्टम और रडार फिर से व्यवस्थित करने में मदद मिली। साथ ही चीन ने पाकिस्तान को एयर डिफेंस सिस्टम भी दिया था। वास्तव में, यह वाकई बहुत […] Read more » A move by the Pak Dragon India must be cautious of pakistan and china पाक-ड्रैगन की चाल
लेख भीषण गर्मी में स्वयं के साथ बेजुबानों का भी रखें ध्यान ! May 20, 2025 / May 20, 2025 | Leave a Comment हाल ही में मौसम विभाग ने 21 मई तक 24 मई तक पूर्वी और पश्चिमी राजस्थान में कुछ जगहों पर लू चलने की संभावना जताई है। उपलब्ध जानकारी के अनुसार 21 मई तक हरियाणा और राजस्थान में कुछ इलाकों में रात में भी लू चलने की संभावना है। इन दिनों राजस्थान और हरियाणा ही नहीं […] Read more » भीषण गर्मी में स्वयं के साथ बेजुबानों का भी रखें ध्यान
राजनीति तुर्किए और चीन के मीडिया चैनलों पर प्रतिबंध: भारत का तकनीकी और कूटनीतिक निर्णय ! May 15, 2025 / May 15, 2025 | Leave a Comment 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पाकिस्तान के आतंकियों द्वारा हमले के बाद भारत की ओर से पाकिस्तान और पीओके(पाक अधिकृत कश्मीर) में आतंकी ठिकानों पर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद हाल ही में पाकिस्तान के मित्र देशों चीन और तुर्किए को भी भारत ने कड़ा जवाब दिया। पाठकों को जानकारी देना चाहूंगा कि […] Read more » "Ban on Turkish and Chinese media channels: India's technical and diplomatic decision तुर्किए और चीन के मीडिया चैनलों पर प्रतिबंध