पर्यावरण लेख पहाड़ों के पर्यावरण, पारिस्थितिकी तंत्र पर दवाब बढ़ा रहा प्लास्टिक प्रदूषण March 5, 2025 / March 5, 2025 | Leave a Comment सुनील कुमार महला पहाड़ों की हवा-पानी (आबोहवा) शुद्ध व स्वच्छ मानी जाती रही है लेकिन आजकल पहाड़ों की आबो-हवा निरंतर बदल रही है। अब पहाड़ों में भी कूड़ा-करकट के ढ़ेर नजर आने लगे हैं। कहना ग़लत नहीं होगा कि आजकल पहाड़ों में बढ़ती जनसंख्या, विकास के बीच अधिकांश प्लास्टिक, पालीथीन की खाली थैलियां, विभिन्न रैपर, […] Read more » Plastic pollution increasing pressure on mountain environment and ecosystem
खेल जगत मनोरंजन भारतीय टीम का शानदार और जानदार प्रदर्शन March 5, 2025 / March 5, 2025 | Leave a Comment हाल ही में चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया को हराकर भारत ने फाइनल में जगह बना ली है, यह बहुत ही काबिले-तारीफ है।भारत की इस शानदार जीत पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सहित अन्य नेताओं ने बधाई दी है। गौरतलब है कि श्री शाह ने टीम के कौशल और दृढ़ संकल्प की […] Read more » Excellent and lively performance by the Indian team. भारतीय टीम का शानदार प्रदर्शन
खान-पान ये हैं स्वस्थ और दीर्घायु जीवन के ऱाज ! March 3, 2025 / March 3, 2025 | Leave a Comment सुनील कुमार महला आज मनुष्य की जीवनशैली में आमूलचूल परिवर्तन आए हैं। खान-पान, रहन-सहन पूरी तरह से बदल चुका है।बढ़ती जनसंख्या, विकास, औधोगिकीकरण, जलवायु परिवर्तन के बीच आज मनुष्य भागम-भाग और दौड़-धूप भरी जिंदगी जी रहा है। मनुष्य के पास न स्वयं के लिए समय बचा है और न ही दूसरों के लिए। सोशल नेटवर्किंग […] Read more » These are the secrets of a healthy and long life
राजनीति परीक्षा पे चर्चा(पीपीसी)- 2025 कार्यक्रम सफलतापूर्वक सम्पन्न February 28, 2025 / February 28, 2025 | Leave a Comment परीक्षा पे चर्चा(पीपीसी)- 2025 कार्यक्रम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में संपन्न हो चुका है।पीएम ने परीक्षा पे चर्चा(पीपीसी) में स्टूडेंट्स को डिप्रेशन से लड़ने का तरीका बताया।पीएम ने टीचर्स और माता-पिता को अपने बच्चों पर अनावश्यक प्रेशर न देने को कहा है, लेकिन आज के इस आधुनिक प्रतिस्पर्धी युग में यह देखा गया है […] Read more » Pariksha Pe Charcha (PPC)- 2025 program successfully completed परीक्षा पे चर्चा(पीपीसी)- 2025
लेख आखिर क्या हल हो पार्किंग अव्यवस्थाओं का? February 27, 2025 / February 27, 2025 | Leave a Comment सुनील कुमार महला भारत आज विश्व का सबसे अधिक जनसंख्या वाला राष्ट्र है। बढ़ती जनसंख्या और देश में बढ़ते वाहनों के साथ ही आज देश के बड़े शहरों में पार्किंग की समस्या एक बहुत बड़ी और ज्वलंत समस्या है। कहना ग़लत नहीं होगा कि जैसे-जैसे हमारे यहां शहरी आबादी बढ़ी है और देश के शहरों […] Read more » पार्किंग अव्यवस्था
राजनीति बचा जा सकता है मानव निर्मित आपदा से ! February 17, 2025 / February 17, 2025 | Leave a Comment सुनील कुमार महला 15 फरवरी 2025 की रात नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़ मचने से 15 लोगों की मौत हो गई, यह बहुत ही दुखद है। मरने वालों में 11 महिलाएं, दो पुरुष और दो बच्चे शामिल बताए जा रहे हैं। हादसे में 15 लोग घायल हो गए, जिन्हें अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। दरअसल, प्रयागराज जाने के लिए स्टेशन पर भारी भीड़ जुटी थी। प्रयागराज एक्सप्रेस के कारण प्लेटफार्म नंबर 14 और 15 पर भारी भीड़ थी। हाल फिलहाल, रेलवे बोर्ड ने घटना की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दे दिए हैं। हादसे के बाद राहत कर्मियों को तैनात कर दिया गया है और एलजी इसकी लगातार निगरानी कर रहे हैं। कहना ग़लत नहीं होगा कि दिल्ली रेलवे स्टेशन पर अव्यवस्थाओं के चलते और भगदड़ के कारण जान-माल दोनों का ही नुकसान हुआ है। इसी बीच रेलवे ने प्रयागराज महाकुंभ के लिए चार विशेष गाड़ियां भी चलाने की घोषणा कर दी है, इससे भीड़ में कमी देखने को मिल रही है। बताया जा रहा है कि ट्रेनों के रद्द होने की अफवाह से भगदड़ मची थी। वास्तव में, यह घटना नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर उस समय हुई, जब अचानक प्रयागराज जाने वाली दो ट्रेनों के रद्द होने की अफवाह के बाद यात्रियों में अफरा-तफरी मच गई। बताया जा रहा है कि प्लेटफार्म नंबर 14 और 15, जो एक साथ हैं, के बीच अचानक भारी भीड़ पहुंच गई। रेलवे अधिकारियों के मुताबिक रविवार को अवकाश होने के कारण शनिवार को प्रयागराज जाने के लिए काफी संख्या में लोग जुट गए। पाठकों को बताता चलूं कि इससे पहले 29 जनवरी को प्रयागराज के महाकुंभ में 40 लोगों की मौत हो गई थी। वहीं, 10 फरवरी 2013 को भी कुंभ के दौरान प्रयागराज स्टेशन पर भगदड़ मची थी। जानकारी के अनुसार इस हादसे में 36 लोग मारे गए थे। वास्तव में देश में महाकुंभ एक बड़ा आयोजन है और इसमें भारी संख्या में भीड़ उमड़ रही है। भारत ही नहीं विदेशों तक से महाकुंभ में अनेक लोग आ रहे हैं। अमूमन देश में किसी त्योहार पर भी इतनी भीड़ नहीं उमड़ती है लेकिन इस बार महाकुंभ में भीड़ का सैलाब है। मीडिया रिपोर्ट्स के हवाले से दिल्ली हादसे को लेकर यह खबरें भी आ रहीं हैं कि गलत अनाउंसमेंट और प्रशासन की लापरवाही इस हादसे का मुख्य कारण बनी। दिल्ली भारत की राजधानी है और अक्सर यहां रेलवे स्टेशन पर काफी भीड़ रहती है। महाकुंभ के कारण पहले से ही यात्रियों की संख्या अधिक थी। ऐसे में भीड़ प्रबंधन की ठोस व्यवस्थाएं की जानी बहुत जरूरी थी। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, अचानक प्लेटफॉर्म बदलाव की गलत घोषणा हुई, जिससे यात्रियों में अफरातफरी मच गई और भगदड़ हो गई।शुरुआती जांच में रेलवे प्रशासन और स्टेशन प्रबंधन की गंभीर लापरवाही सामने आ रही है। पुलिस सूत्रों के अनुसार, गलत घोषणाएं करने वाले अधिकारियों की पहचान की जा रही है। रेलवे और सुरक्षा एजेंसियों की ओर से भीड़ नियंत्रण की योजना की जांच हो रही है। घटना के समय ड्यूटी पर मौजूद अधिकारियों से भी लगातार पूछताछ जारी है। बताया यह भी जा रहा है कि भीड़ को कंट्रोल करने के लिए प्लेटफॉर्म 14 और 15 की एक-एक सीढ़ी बंद कर दी गई थी। बहरहाल, कहना ग़लत नहीं होगा कि यह पहली बार नहीं है जब इस तरह से अचानक रेलवे स्टेशन पर भगदड़ मची हो। इससे पहले भी इस तरह की कई घटनाएं घटित हो चुकी हैं। 29 सितंबर 2017 को मुंबई के एलफिंस्टन रोड रेलवे स्टेशन के फुट ओवरब्रिज पर भगदड़ मच गई थी और इस भगदड़ में 23 लोगों की मौत हो गई थी औ 39 अन्य यात्री घायल हो गए थे। दरअसल ,यह हादसा पुल गिरने की अफवाह के कारण हुआ था। इसी प्रकार से महाराष्ट्र के मुंबई में बांद्रा रेलवे स्टेशन पर भगदड़ मच गई थी, जिससे भगदड़ में 9 यात्री घायल हो गए थे। इतना ही नहीं, 10 फरवरी 2013 को कुंभ मेले के दौरान उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद रेलवे स्टेशन पर अचानक मची भगदड़ में भी 32 लोगों की मौत हो गई थी। इसी प्रकार से वर्ष 2007 में भी मुगल सराय जंक्शन भगदड़ में 14 महिलाओं की मौत हो गई थी।वहीं इस घटना में 40 से अधिक यात्री घायल हो गए थे। वास्तव में,भगदड़ भीड़ प्रबंधन की असफलता या अभाव की स्थिति में पैदा हुई मानव निर्मित आपदा है। अक्सर भगदड़ किसी अफवाह के कारण पैदा होती है और भगदड़ में लोग दिशाहीन होकर इधर-उधर भागने लगते हैं, जिसके परिणामस्वरूप दम घुटने व कुचलने से चोटिल होने एवं मृत्यु की घटनाएँ होती हैं। अक्सर भगदड़ मचने के पीछे जो कारण निहित होते हैं उनमें क्रमशः मनोरंजन कार्यक्रम,एस्केलेटर और मूविंग वॉकवे, खाद्य वितरण, जुलूस, प्राकृतिक आपदाएँ, धार्मिक आयोजन, धार्मिक/अन्य आयोजनों के दौरान आग लगने की घटनाएँ, दंगे, खेल आयोजन, मौसम संबंधी घटनाएँ आदि शामिल होते हैं। बैरिकेड्स, अवरोध, अस्थायी पुल, अस्थायी संरचनाएँ और पुल की रेलिंग का गिरना, दुर्गम क्षेत्र (पहाड़ियों की चोटी पर स्थित धार्मिक स्थल जहाँ पहुँचना मुश्किल है), फिसलन युक्त या कीचड़ युक्त मार्ग, संकरी गलियाँ एवं संकरी सीढ़ियाँ, खराब सुरक्षा रेलिंग, कम रोशनी वाली सीढ़ियाँ, बिना खिड़की वाली संरचना, संकीर्ण एवं बहुत कम प्रवेश या निकास स्थान, आपातकालीन निकास का अभाव भी बहुत बार भगदड़ के कारण बन सकते हैं। अप्रभावी भीड़ प्रबंधन तो भगदड़ मचने का कारण है ही। बहुत बार यह देखा जाता है कि किसी एक प्रमुख निकास मार्ग पर ही लोगों की निर्भरता होती है ,जो भगदड़ का कारण बन जाती है। आज अक्सर यह भी देखने को मिलता है कि किसी कार्यक्रम विशेष के लिए क्षमता से अधिक लोगों को अनुमति दे दी जाती है। बहुत से स्थानों पर उचित सार्वजनिक संबोधन प्रणाली का भी अभाव होता है, जिससे सूचना देने में दिक्कत आती है। भीड़ अनेक बार गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार अपनाती है और सुरक्षा नियमों का ठीक से पालन नहीं करती है। आग या बिजली का प्रसार भी अनेक बार भगदड़ मचने का कारण बन सकता है। इसलिए सुरक्षा और निगरानी के उपाय पुख्ता होने चाहिए। सुरक्षाकर्मियों की नियुक्ति से पूर्व रिहर्सल प्रैक्टिस भी की जानी चाहिए ताकि भगदड़ आदि के समय सुरक्षा उपायों को तुरंत किया जा सके। सीसीटीवी, आधुनिक तकनीक को भी इस्तेमाल में लाया जा सकता है।पुलिस प्रशासन, अग्निशमन सेवा, चिकित्सा सेवा एजेंसियों और आयोजक प्रबंधन के बीच समन्वय होना भी बहुत ही जरूरी और आवश्यक है। संचार व्यवस्थाएं भी अच्छी और सुदृढ़ होनी चाहिए। भगदड़ से बचने के लिए भगदड़ वाले स्थानों पर आगमन एवं निकास की समुचित व्यवस्था (पुरूष एवं महिलाओं के लिए अलग-अलग) यथा बैरिकेडिंग की व्यवस्था होनी चाहिए। चिकित्सा दल एवं एम्बुलेंस की पर्याप्त व्यवस्था, बिजली के तारों एवं उपकरणों में सुरक्षा के पूर्ण उपायों की व्यवस्था, पार्किंग की समुचित एवं सुचारू व्यवस्था, नियंत्रण कक्ष, पर्याप्त रौशनी,वाच टावर की व्यवस्था होनी चाहिए। इतना ही नहीं, उपहार, भोजन, प्रसाद, कबंल आदि मुफत वितरण के दौरान भगदड़ रोकने की व्यवस्था की जाए एवं अधिक भीड़ होने पर सामग्री के विवरण पर प्रतिबंध लगाने हेतु आयोजकों केा पर्याप्त निर्देश दिए जाने चाहिए। किसी भी स्थान पर अनावश्यक रूप से एक स्थान पर भीड़ नहीं लगानी चाहिए।छोटे बच्चों, महिलाओं, बीमारों या वृद्वों को मेले में ले जाते समय उनकी जेब में (या गले में लाकेट की तरह) घर का पता और फोन नम्बर साथ रखा जाना चाहिए।भगदड़ के समय संयम पूर्ण व्यवहार करना चाहिए और घबराना नहीं चाहिए।किसी भी आपात स्थिति में तत्काल नियंत्रण कक्ष में संपर्क स्थापित करने के प्रयास किए जाने चाहिए।भीड़ वाले स्थान पर किसी भी प्रकार के पटाखे/ज्वलनशील पदार्थ नहीं ले जाना चाहिए तथा ध्रूमपान नहीं करना चाहिए।प्रशासन की ओर से की जाने वाली घोषणाओं को ध्यान से सुनना चाहिए और उसके अनुसार व्यवहार करना चाहिए। सुनील कुमार महला Read more » Stampede मानव निर्मित आपदा
लेख गरल के समंदर से भी गंगाजल निकलेगा February 11, 2025 / February 11, 2025 | Leave a Comment हाल ही में 10 फरवरी 2025 के दिन हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘परीक्षा पे चर्चा’(पीपीसी) कार्यक्रम में छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों से परीक्षा के तनाव को कम करने के उपायों पर चर्चा की। मीडिया रिपोर्ट्स बतातीं हैं कि इस बार परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम में 3.30 करोड़ से अधिक छात्र, 20 लाख […] Read more »
राजनीति गिग वर्कर्स को पेंशन: सरकार की एक बड़ी और नायाब पहल! February 10, 2025 / February 10, 2025 | Leave a Comment सुनील कुमार महला भारत सरकार ‘गिग वर्कर्स’ को एक बड़ा तोहफा देने जा रही है। पाठकों को बताता चलूं कि गिग वर्कर को एक ऐसे व्यक्ति के रूप में परिभाषित किया गया है जो पारंपरिक नियोक्ता-कर्मचारी संबंधों के बाहर काम करता है या कार्य व्यवस्था में भाग लेता है और ऐसी गतिविधियों से आय अर्जित […] Read more » Pension to gig workers गिग वर्कर्स को पेंशन
राजनीति भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है गौवंश ! January 27, 2025 / January 27, 2025 | Leave a Comment भारत एक ऐसा देश है जहां गाय को माता का दर्जा दिया गया है। भारत विश्व का ऐसा देश है जहां पर दुनिया में सबसे अच्छी नस्ल वाला गौवंश पाया जाता है, लेकिन आज देश में गौवंश की जितनी दुर्दशा है, शायद किसी और की नहीं है। पाठकों को जानकारी देना चाहूंगा कि पिछले साल […] Read more » गौवंश
राजनीति विधि-कानून दोषी बचे नहीं और निर्दोष को सज़ा मिले नहीं ! January 24, 2025 / January 27, 2025 | Leave a Comment हाल ही में पश्चिमी बंगाल और केरल में कोर्ट के दो फैसले पूरे देश में चर्चा का विषय रहे। उल्लेखनीय है कि कोलकाता के बहुचर्चित आरजी कर मेडिकल कॉलेज में लेडी डॉक्टर के साथ हुए दिल दहला देने वाले रेप और मर्डर केस में सियालदह कोर्ट ने हाल ही में दोषी संजय रॉय को उम्रकैद की सजा सुनाई है।इस फैसले ने एक ओर न्याय व्यवस्था में विश्वास को मजबूत किया है, वहीं पर दूसरी ओर पीड़ित परिवार और समाज के एक बड़े वर्ग को निराश भी किया। माननीय कोर्ट ने इस मामले को ‘रेयरेस्ट ऑफ रेयर’ नहीं माना और दोषी को मौत की सजा देने से इनकार कर दिया। इधर, केरल के तिरुवनंतपुरम में एक ऐतिहासिक फैसले के तहत डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने 24 वर्षीय ग्रीष्मा को अपने बायफ्रेंड की हत्या के जुर्म में फांसी की सजा सुनाई है। गौरतलब है कि अक्टूबर 2022 में ग्रीष्मा ने अपने प्रेमी शेरोन राज की आयुर्वेदिक टॉनिक में जहर मिलाकर हत्या कर दी थी।माननीय कोर्ट ने अपने 586 पत्रों के फैसले में इसे ‘रेयरेस्ट ऑफ रेयर’ मामला करार दिया और कहा कि ग्रीष्मा ने जानबूझकर और योजनाबद्ध तरीके से शेरोन की हत्या की। अपने फैसले के दौरान अदालत ने यह भी कहा कि ‘ग्रीष्मा का यह अपराध न केवल क्रूर था, बल्कि यह समाज को गलत संदेश देने वाला है।’ बहरहाल, यहां यह जानना जरूरी है कि आखिर ‘रेयरेस्ट ऑफ रेयर'(दुर्लभतम से दुर्लभ) केस आखिर है क्या ? इस संबंध में पाठकों को जानकारी देना चाहूंगा कि वर्ष 1980 में पंजाब में बच्चन सिंह बनाम पंजाब राज्य का एक ऐसा मामला आया था जब देश में फांसी की सजा पर बहस छिड़ी थी।बच्चन सिंह नाम के एक शख्स को अपनी पत्नी की हत्या के जुर्म में 14 साल की सजा सुनाई गई। जेल से छूटने के बाद वह अपने भाई के साथ उसी के घर पर रहने लगा, लेकिन भाई हुकुम सिंह और उसके बीवी-बच्चों को यह पसंद नहीं था, इसलिए विवाद लगातार बढ़ता चला गया और 4 जुलाई, 1977 को गुस्से में आकर बच्चन सिंह ने कुल्हाड़ी से अपनी दो भतीजी और भतीजे को मार डाला। हुकुम सिंह की एक और बेटी पर वार किए गए, लेकिन वो बच गई। इसके बाद सेशन कोर्ट की मौत की सजा को माननीय हाइकोर्ट ने भी बरकरार रखा।बच्चन सिंह ने संविधान के अनुच्छेद 136 के आधार पर स्पेशल लीव पीटिशन (एसएलपी) दायर की। संविधान के अनुच्छेद 14,19 और 21 का हवाला देकर उसने फांसी की सजा के खिलाफ अपील की। भारतीय संविधान में अनुच्छेद-21 ‘जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार’ देता है। इसका तात्पर्य है कि किसी भी व्यक्ति को उसके जीवन या व्यक्तिगत स्वतंत्रता से वंचित नहीं किया जा सकता जब तक कि विधि द्वारा स्थापित प्रक्रिया का पालन न किया जाए। इसके बाद धारा 302 में सजा को लेकर पूरे देश में बहस शुरू हो गई। इस संदर्भ में बाद में माननीय उच्चतम न्यायालय ने भी एक बहुत ही ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए बच्चन सिंह की फांसी को बरकरार रखा लेकिन साथ ही फांसी की सजा की परिभाषा को विस्तार देते हुए माना कि ‘रेयरेस्ट ऑफ रेयर’ केस में भारतीय संविधान में दिए गए जीने के अधिकार को वापस लिया जा सकता है। भारत के इतिहास में यह पहला मामला था, जब ‘रेयरेस्ट ऑफ रेयर’ की बात कही गई थी। कहना ग़लत नहीं होगा कि माननीय सुप्रीम कोर्ट ने 1980 में फैसला सुनाते हुए फांसी को ‘रेयरेस्ट ऑफ रेयर’ में डाला। साथ ही यह भी कहा कि फांसी की सजा तभी दी जानी चाहिए, जब उम्रकैद काफी न हो।अगर हत्या या अपराध करने का तरीका बहुत ही बर्बर है तो फांसी की सजा सुनाई जा सकती है। संक्षेप में कहें तो, माननीय सुप्रीम कोर्ट ने ‘दुर्लभतम’ (रेयरेस्ट ऑफ रेयर केस) सिद्धांत की स्थापना की, जिसमें कहा गया है कि मृत्युदंड केवल सबसे असाधारण मामलों में ही किया जाना चाहिए। इतना ही नहीं, माननीय सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि अदालतों को इतनी कड़ी सजा देने के लिए विशेष कारण बताने चाहिए। वास्तव में, कानून की नजरों में एक भी दोषी बचना नहीं चाहिए और किसी भी निर्दोष को सज़ा नहीं मिलनी चाहिए। दूसरे शब्दों में कहें तो सारे दोषी भले ही छूट जाएं लेकिन एक निर्दोष को सज़ा नहीं मिलनी चाहिए। सुनील कुमार महला Read more »
राजनीति कौशल विकास की ओर अग्रसर इंडिया January 21, 2025 / January 21, 2025 | Leave a Comment भारत पचपन करोड़ से भी अधिक युवा आबादी के साथ आज दुनिया का सबसे युवा देश है। कहते हैं कि युवा ही किसी देश का असली भविष्य और राष्ट्र की रीढ़ होते हैं। पाठकों को जानकारी देना चाहूंगा कि भारत के युवा अपनी कौशल(स्किल) और प्रतिभा(टेलेंट) के माध्यम से वैश्विक स्तर पर लगातार अपनी विशिष्ट व […] Read more » India moving towards skill development कौशल विकास की ओर अग्रसर इंडिया
कला-संस्कृति धार्मिक ही नहीं वैज्ञानिक महत्व भी है मकर संक्रांति का ! January 14, 2025 / January 13, 2025 | Leave a Comment 14 जनवरी को स्नान और दान का पर्व मकर संक्रांति है। वास्तव में, यह शीत ऋतु की समाप्ति और नई फसल ऋतु के आरंभ का प्रतीक तथा भारतीय संस्कृति का प्रमुख त्योहार है, जो पूरे देश में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। कहना ग़लत नहीं होगा कि यह पुण्य अर्जित करने और पापों से […] Read more » Makar Sankranti has not only religious but also scientific importance. मकर संक्रांति