धर्म-अध्यात्म योगवासिष्ठ : एक विलक्षण दार्शनिक ग्रन्थ December 2, 2013 / December 2, 2013 | 6 Comments on योगवासिष्ठ : एक विलक्षण दार्शनिक ग्रन्थ ममता त्रिपाठी योगवासिष्ठ का भारतीय दर्शन में एक महत्त्वपूर्ण स्थान है । एक ओर जहाँ इस ग्रन्थ में उच्च दार्शनिक विमर्श के दर्शन होते हैं, वहीं दूसरी ओर यह साहित्यिक मञ्जुलता को समाहित करता हुआ चलता है । आख्यान, कथा, कहानियों जैसे सर्वजनग्राह्य माध्यम का सहारा लेकर बहुत ही ललित शैली में दर्शन के गूढ़तम […] Read more »
कविता ममता त्रिपाठी की कविता : सृष्टि January 22, 2012 / January 22, 2012 | 4 Comments on ममता त्रिपाठी की कविता : सृष्टि धन्य है तिमिर का अस्तित्व दीपशिखा अमर कर गया । धन्य है करुणाकलित मन हर हृदय में घर कर गया । ज्योति ज्तोतिर्मय तभी तक जब तक तिमिर तिरोहित नहीं । जगति का लावण्य तब तक जब तक नियन्ता मोहित नहीं । पंच कंचुक विस्तीर्ण जब तक तब तक सृष्टि प्रपञ्च साकार । बालुकाभित्ति […] Read more »