धर्म-अध्यात्म दया को धारण करने से मनुष्य धर्मज्ञ, यशस्वी व सफल बनता है April 30, 2020 / April 30, 2020 | Leave a Comment ओ३म् -मनमोहन कुमार आर्य मनुष्य जिन गुण, कर्म व स्वभाव को धारण करने से मनुष्य कहा जाता है उनमें से एक गुण दया भी है। दया दूसरे मनुष्यों व प्राणियों पर दया, प्रेम, सहानुभूति, हित कामना रखने को कहते हैं। दया करना सह-अनुभूति प्रकट करना होता है तथा उसी के अनुरूप दूसरों की सहायता, […] Read more » दया को धारण करने से
धर्म-अध्यात्म अध्ययन से ज्ञान प्राप्ति की तरह ही शुभ कर्मों से सुख प्राप्त होता है April 24, 2020 / April 24, 2020 | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य मनुष्य की स्वाभाविक प्रवृत्ति है कि इसे सुख से राग है तथा दुःखों से द्वेष है। सब मनुष्य सुख चाहते हैं। अतः यह आवश्यक होता है कि मनुष्य को सुख प्राप्ति के साधनों का भी ज्ञान हो। सुख का साधन शुभ कर्म होते हैं। ऐसा वैदिक साहित्य का अध्ययन करने सहित […] Read more » अध्ययन अध्ययन से ज्ञान प्राप्ति शुभ कर्मों से सुख प्राप्ति
धर्म-अध्यात्म गुरु विरजानंद की प्रेरणा से ऋषि दयानंद ने देश से अविद्या दूर की April 22, 2020 / April 22, 2020 | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य ऋषि दयानन्द एक सत्यान्वेषी सत्पुरुष थे। वह सच्चे ईश्वर को प्राप्त करने तथा मृत्यु पर विजय प्राप्त करने के लिये अपनी आयु के बाईसवें वर्ष में अपने घर से निकले थे। उन्होंने देश के अनेक भागों में जाकर धार्मिक पुरुषों के दर्शन करने सहित उनसे उपदेश ग्रहण किये थे। इसके साथ […] Read more »
शख्सियत समाज राष्ट्र-धर्म का पालन देश के सभी नागरिकों का सर्वोपरि कर्तव्य April 22, 2020 / April 22, 2020 | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य मनुष्य के अनेक कर्तव्य होते हैं। आर्यसमाज का वैदिक सिद्धान्तों के अनुकूल एक नियम है ‘सब मनुष्यों को सामाजिक सर्वहितकारी नियम पालने में परतन्त्र रहना चाहिए और प्रत्येक हितकारी नियम में सब स्वतन्त्र रहें।’ इस नियम में कहा गया है कि सामाजिक व सर्वहितकारी नियम पालने में देश के सब नागरिकों […] Read more » Obeying nationalism is the paramount duty of all citizens of the country राष्ट्र-धर्म का पालन राष्ट्रधर्म
धर्म-अध्यात्म सेवा परमो धर्मः सूत्र-वाक्य की परीक्षा April 21, 2020 / April 21, 2020 | 1 Comment on सेवा परमो धर्मः सूत्र-वाक्य की परीक्षा –मनमोहन कुमार आर्य हमारे देश में कुछ वाक्य व सूत्र प्रचलित हो गये हैं जिनमें से एक सूत्र वाक्य है ‘सेवा परमो धर्मः’। इसका अर्थ सभी जानते हैं। इसके आधार पर सेवा ही परम धर्म है। पता नहीं यह शब्द व वाक्य कहां से आया है? यह वेद वाक्य तो कदापि नहीं हो सकता […] Read more » Seva Paramo Dharma सेवा परमो धर्म
समाज एक दिन बिक जायेगा माटी के मोल जग में रह जायेंगे प्यारे तेरे बोल April 17, 2020 / April 17, 2020 | 1 Comment on एक दिन बिक जायेगा माटी के मोल जग में रह जायेंगे प्यारे तेरे बोल –मनमोहन कुमार आर्य मनुष्य के जीवन का आरम्भ जन्म से होता है और मृत्यु पर समाप्त हो जाता है। बहुत से लोग इस बात से परिचित नहीं होते कि उनका यह जन्म पहला व अन्तिम जन्म नहीं है। हमारी आत्मा अनादि व अनश्वर है। यह सदा से है और सदा रहेगी। आत्मा का अध्ययन […] Read more » One day the price of the soil will be sold in the world जग में रह जायेंगे प्यारे तेरे बोल
धर्म-अध्यात्म अद्वितीय वैदिक धर्मी एवं ऋषिभक्त पंडित रुचिराम आर्योपदेशक April 12, 2020 / April 12, 2020 | Leave a Comment पैदल अरब देशों में जाकर वेद प्रचार और आर्यसमाज स्थापित करने वाले ऋषिभक्त– –मनमोहन कुमार आर्य आर्यसमाज में आर्योपदेशक पं. रुचिराम जी ऐसे ऋषिभक्त प्रचारक हुए हैं जिन्होंने पैदल ही अरब देशों में जाकर वहां जो देखा, सुना व अनुभव किया, उसका सजीव चित्रण अपनी एक पुस्तक ‘अरब में मेरे सात साल’ में किया […] Read more » पंडित रुचिराम आर्योपदेशक
धर्म-अध्यात्म ईश्वर ने हम जीवात्माओं को मनुष्य क्यों बनाया? April 10, 2020 / April 10, 2020 | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य, हम मनुष्य कहलाते हैं। हम वस्तुतः सदाचार को धारण कर मनुष्य बन सकते हैं परन्तु सदाचारी व धर्मात्मा मनुष्य बनने के लिये पुरुषार्थ करना होता है। पुरुषार्थ सहित विद्यार्जन कर विद्या के अनुकूल आचरण करना होता है। क्या हम सब विद्यावान हैं? इसका उत्तर ‘न’ अक्षर या नहीं शब्द में मिलता […] Read more » ईश्वर
धर्म-अध्यात्म वैदिक संस्कृति के उज्जवल नक्षत्र हनुमान जी के कुछ गौरवपूर्ण कार्य April 8, 2020 / April 8, 2020 | Leave a Comment हनुमान जी की जयन्ती पर- –मनमोहन कुमार आर्य वैदिक वा पौराणिक मान्यता के अनुसार वीर हनुमान जी का जन्म त्रेतायुग के अंतिम चरण में और फलित ज्योतिष के आचार्यों की गणना के अनुसार 58 हजार 112 वर्ष पहले चैत्र पूर्णिमा को मंगलवार के दिन चित्रा नक्षत्र व मेष लग्न के योग में सुबह 6.03 […] Read more » हनुमान जी के कुछ गौरवपूर्ण कार्य
धर्म-अध्यात्म अग्निहोत्र यज्ञ से रोग निवारण पर शोध एवं अनुसंधान की आवश्यकता April 7, 2020 / April 7, 2020 | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य यज्ञ के अनेक प्रकार के भौतिक एवं आध्यात्तिमक लाभ होते हैं। यज्ञ से स्वस्थ जीवन सहित रोग निवारण भी होते हैं। यज्ञ से रोग निवारण के बारे में देश की जनता को ज्ञान नहीं है। ऋषि दयानन्द ने यज्ञ के लाभों का वर्णन करते हुए लिखा है कि देवयज्ञ न करने […] Read more »
शख्सियत समाज धर्मरक्षक एवं आर्य साहित्य के यशस्वी प्रकाशक रक्तसासक्षी महाशय राजपाल April 7, 2020 / April 7, 2020 | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य महाशय राजपाल प्रथम पीढ़ी के प्रमुख ऋषिभक्तों में से एक थे। वह आर्य साहित्य के प्रमुख प्रकाशक थे। उनका प्रकाशन मैसर्स राजपाल एण्ड संस के नाम होता था जिसका मुख्यालय लाहौर था। उन्होंने अपने जीवन में उन्नत स्तर का आर्य साहित्य प्रकाशित कर वैदिक धर्म का प्रचार प्रसार किया। उनका जन्म […] Read more » a renowned publisher of religious and Arya literature Rajasakshi Mahashiya Rajpal रक्तसासक्षी महाशय राजपाल
लेख मनुष्य को सभी खिला देंगे, बेजुबान पशुओं को कौन खिलाएगा ? April 6, 2020 / April 6, 2020 | Leave a Comment – मुरली मनोहर श्रीवास्तव कौन सुनेगा, किसको सुनाएं, इसलिए चुप रहते हैं….इस गीत के बोल आज देश-दुनिया के पशुओं पर पूरी तरह से सटिक बैठता है। जुबान वाले लोग अपने घरों में लॉकडाउन की घोषणा के साथ ही घरों में भोजन का भंडारण कर लिए, ताकि बंद के दौरान अपने तथा अपने घर वालों […] Read more » Everyone will feed humans who will feed unruly animals पशुओं को कौन खिलाएगा