आर्थिकी IMF का क्रॉल लाइक मॉडल: मिथकों से परे भारत की वास्तविक मुद्रा-नीति December 4, 2025 / December 4, 2025 | Leave a Comment लेकिन इन सभी प्रश्नों को समझने के लिए पहले यह समझना आवश्यक है कि आईएमएफ विनिमय दरों का वर्गीकरण कैसे करता है और क्रॉल वास्तव में होता क्या है। क्रॉल जैसी व्यवस्था एक ऐसी विनिमय दर प्रणाली है, जिसमें किसी देश की मुद्रा का मूल्य धीरे-धीरे, नियमित और नियंत्रित गति से बदलता रहता है। यह बदलाव न तो पूरी तरह Read more »
आर्थिकी गति से गुणवत्ता : भारतीय अर्थव्यवस्था का नया आत्मविश्वास December 1, 2025 / December 1, 2025 | Leave a Comment वित्तीय वर्ष 2025-26 की दूसरी तिमाही का GDP ग्रोथ रेट भारत की अर्थव्यवस्था के लिए बेहद उत्साहजनक संकेत लेकर आया है। यह वृद्धि केवल एक तिमाही का आकस्मिक उछाल नहीं है बल्कि भारत की अर्थव्यवस्था की व्यवहारात्मक, Read more » GDP ग्रोथ रेट
समाज वाम से वामान्ध तक: कहाँ भटका भारतीय वामपंथ November 25, 2025 / November 25, 2025 | Leave a Comment छत्तीसगढ़ में एक अंग्रेजी अखबार के संवाददाता से अनौपचारिक बातचीत में गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि अगर देश में नक्सली हत्या और हथियार छोड़ दें और उनकी विचारधारा Read more » वाम से वामान्ध तक
आर्थिकी राजकोषीय सुराज से स्वराज : अनुच्छेद 280 की आत्मा का पुनर्पाठ November 20, 2025 / November 20, 2025 | Leave a Comment बजट 2026 आने वाला है. इसके पूर्व अनुच्छेद 280 की आत्मा का पुनर्पाठ जरुरी है ताकि सरकार की दृष्टि इस पर पड़े और इस पर कुछ पहल हो सके. Read more » अनुच्छेद 280
लेख रिटर्न ऑन इन्वेस्टमेंट ही नहीं, रिटर्न ऑन नेचर की चर्चा हो November 11, 2025 / November 11, 2025 | Leave a Comment आज का अर्थशास्त्र केवल उत्पादन, पूंजी और लाभ के समीकरण पर केंद्रित हो गया है लेकिन जब हम सामाजिक न्याय की दृष्टि से अर्थशास्त्र को देखते हैं तो यह स्पष्ट होता है कि लाभ Read more » रिटर्न ऑन नेचर
राजनीति एग्रो इकॉनमी बना सकती है यूपी को विकसित उत्तर प्रदेश November 10, 2025 / November 10, 2025 | Leave a Comment यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ आने वाले कुछ सालों में यूपी की 1 ट्रिलियन अमरीकी डालर की अर्थव्यवस्था को लक्षित कर रहे हैं तथा साल 2047 तक विकसित उत्तर प्रदेश का लक्ष्य लेकर चल रहें हैं। Read more »
राजनीति अमेरिका का संरक्षणवाद क्या अमेरिकी एकाधिकार को ख़त्म कर देगा ? September 22, 2025 / September 22, 2025 | Leave a Comment पंकज जायसवाल हाल के वर्षों में अमेरिका ने वैश्विक व्यापार और प्रवासन नीतियों में कड़ा रुख अपनाया है। दरअसल, अमेरिकी प्रशासन ने अपने “अमेरिका फर्स्ट” एजेंडे के तहत बाहरी दुनिया से आने वाले सामान और टैलेंट पर कई तरह की बाधाएं लगाई हैं। एक ओर अमेरिका ने अपने इनलैंड में आयातित सामानों को महंगा करने के लिए […] Read more » Will American protectionism end American monopolies? अमेरिका का संरक्षणवाद
राजनीति लेख बोडोलैंड की स्थायी शांति के लिए मिलना चाहिए नोबेल प्राइज September 16, 2025 / September 16, 2025 | Leave a Comment पंकज जायसवाल अभी हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मणिपुर के दौरे के बाद असम में अपने सम्बोधन के दौरान भावुक हो गये थे. प्रधानमंत्री इकलौते प्रधानमंत्री हैं जिन्होंने पूर्वोत्तर के विकास के लिए काफी मेहनत की है. उस मेहनत का एक परिणाम है पूर्वोत्तर के अशांत क्षेत्र बोडोलैंड में आई स्थायी शांति। आज अशांत […] Read more » बोडोलैंड की स्थायी शांति
राजनीति भारत डेड नहीं, एक जीवंत और सनातन अर्थव्यवस्था August 8, 2025 / August 8, 2025 | Leave a Comment पंकज जायसवाल भारत केवल एक भूगोल नहीं बल्कि एक निरंतर सभ्यता है। इस सभ्यता का मूल चरित्र सनातन है जिसका अर्थ है सस्टेनेबल, शाश्वत, स्थायी, निरंतर और अनश्वर। यही विशेषता भारत की अर्थव्यवस्था में भी परिलक्षित होती है। भारत की अर्थव्यवस्था हमेशा से जीवंत (Vibrant) और रेजिलिएंट रही है क्योंकि इसकी जड़ें प्रकृति, सामाजिक संरचना […] Read more » India is not dead it is a vibrant and eternal economy भारत जीवंत और सनातन अर्थव्यवस्था
राजनीति 75 साल: राजनीतिक रूप से आज़ाद लेकिन क्या आर्थिक रूप से अब भी पराधीन! June 27, 2025 / June 27, 2025 | Leave a Comment पंकज जायसवाल हम भले ही अपने आपको सुपर पावर बोलें लेकिन सच्चाई है कि अभी भी हमारे बाजार में विदेशी कंपनियां ही राज कर रहीं हैं. हर चीज हर संस्थाओं और बिजनेस पर उनका एकाधिकार सा हो गया है. पश्चिम कई मॉडल से दुनिया के बाजार को नियंत्रित करते हैं. वह एसोसिएशन और फोरम बनाते हैं और उसके मार्फ़त दुनिया के बिजनेस को नियंत्रित करते हैं. आज फ़ूड मार्किट देख लीजिये. चाहे वह भारत या अन्य देश हों, वहां आपको मक्डोनाल्ड, केएफसी, सबवे, बर्गर किंग, पिज़्ज़ा हट, डोमिनो, पापा जॉन, बर्गर किंग, डंकिन डोनट्स, हार्ड रॉक कैफ़े, कैफ़े अमेज़न, वेंडिज, टैको बेल, चिलीज़, नंदोस कोस्टा कॉफी या स्टार बक्स हों, यही छाये हुए मिलेंगे. ये सब विदेशी ब्रांड हैं. आप भारतीय शहरों के किसी भी मॉल या मार्किट में जाइये. भारतीय फर्मों को इनसे छूटा हुआ बाजार ही मिलता है और तकनीक के बल पर इनका ही एकाधिकार है . स्टार बक्स के आने के बाद भारत के शहरों में कॉफ़ी के होम ग्रोन ब्रांड या चाय के कट्टे पर भीड़ कम होती गई. भारतीय बाजार में फ़ूड आइटम को देख लीजिये, क्या हम कोल्ड ड्रिंक में पेप्सी, कोक रेड बुल के इतर किसी ब्रांड को देख पाते हैं ? फ़ूड एवं FMCG में देख लीजिये, नेस्ले, हिंदुस्तान लीवर लिमिटेड, प्रॉक्टर एंड गैम्बल एवं कोलगेट का कब्ज़ा है. इनके प्रोडक्ट लाइफबॉय, लक्स , मैग्गी, ले चिप्स, नेस्कैफे, सनसिल्क, नोर सूप ये सब इनके ही ब्रांड हैं. इनके आगे इंडियन ब्रांड को उड़ान भरने में बहुत ही मशक्कत करनी पड़ती है. इनके पूंजी और तकनीक के एकाधिकार के कारण भारतीय कंपनियों को लेवल प्लेइंग फील्ड मिल नहीं पाता है. एडवाइजरी एवं ऑडिट के क्षेत्र में एर्न्स्ट एवं यंग, केपीएमजी, प्राइस वाटरहाउस, डेलॉइट, बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप, मेकेंजी, बेन एंड कंपनी, ए टी कर्णी, ग्रांट थॉर्टन, बीडीओ, प्रोटीवीटी, जेपी मॉर्गन, मॉर्गन स्टैनले, आर्थर एंडर्सन, एक्सेंचर का लगभग कब्ज़ा है. इन कंसल्टिंग फर्मों में से तो कई सरकारों के कामकाज में अंदर तक घुसी हुईं हैं. कंप्यूटर की दुनिया ले लीजिये. क्या आप आईटी मार्किट में IBM, माइक्रोसॉफ्ट, एप्पल, इंटेल, डेल, एचपी, सिस्को, लेनोवो के बिना कंप्यूटर की कल्पना कर सकते हैं? आईटी क्षेत्र को लीजिये क्या Adobe Systems, SAP और Oracle को ERP को क्या भारतीय कंपनियां आसानी से बीट कर पा रहीं हैं ? आईटी में IBM, कैपजेमिनी, एक्सेंचर, डेलॉइट का ही दखल प्रभावी है. AI देखिये चैटजीपीटी की ही लीड है. इंटरनेट देख लीजिये किसका एकाधिकार है ? सोशल मीडिया देख लीजिये हम अपने जीवन का सर्वाधिक समय व्हाट्सअप, फेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर देते हैं और सर्वाधिक चलने वाले जिस जीमेल अकाउंट, गूगल, अमेज़न या एज्युर क्लाउड का उपयोग करते हैं, सब विदेशी हैं. इंजीनियरिंग या इलेक्ट्रॉनिक में देख लीजिये सीमेंस, GE, फिलिप्स, LG, ABB, सैमसंग, सोनी, फॉक्सवागन, हौंडा, ह्यूंदै, किआ, सुजुकी, टोयोटा, निसान, BMW, मर्सिडीज़, पॉर्श, रीनॉल्ट, Sony, Honda, Suzuki, Panasonic, Hitachi, Mitsubishi, Toshiba, ओप्पो, वीवो, वोडाफोन, and Canon, ये सब बाहरी हैं. भारत में एयरपोर्ट को ही देख लीजिये. जिसके पास एयरपोर्ट का पूरा का पूरा ब्लू प्रिंट होता है. वह कौन है, सेलेबी टर्की की कंपनी, सेट्स सिंगापुर की कंपनी, इंडो थाई में थाई एयरपोर्ट ग्राउंड सर्विसेज पार्टनर, WFS भी विदेशी कंपनी है, NAS एयरपोर्ट केन्या की कंपनी है. जहाज जिनके हम चलाते हैं वह एयर बस या बोइंग या बॉम्बार्डियर सब विदेशी कम्पनी ही है. इनके कल पुर्जे बनाने वाली कंपनी भी ज्यादातर विदेशी हैं. पूरे दुनिया के एविएशन को जो रेगुलेट करते हैं वह कौन है IATA, ICAO वह कहां की है उसकी स्थापना कहां हुई थी. क्या इनके एफ्लीएशन के बिना कोई एविएशन बिजनेस में घुस सकता है ? गूगल, माइक्रोसॉफ्ट, आईबीएम, माइक्रोन, एडोब, यूट्यूब, हनीवेल, नोवार्टिस, स्टारबक्स और पेप्सिको जैसी कई वैश्विक कंपनियों […] Read more » राजनीतिक रूप से आज़ाद
आर्थिकी राजनीति महाकुंभ 2025 ने पहुंचाया भारत को चौथी अर्थव्यवस्था में June 8, 2025 / June 9, 2025 | Leave a Comment पंकज जायसवाल भारत ने एक ऐतिहासिक छलांग लगाते हुए जापान को पीछे छोड़कर विश्व की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था का दर्जा प्राप्त किया है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के ताजा आंकड़ों के अनुसार भारत की GDP अब $4.19 ट्रिलियन तक पहुँच चुकी है। यह उपलब्धि कई वर्षों की नीति, प्रयास और विशेषतः महाकुंभ 2025 जैसे […] Read more » भारत चौथी अर्थव्यवस्था
राजनीति विश्ववार्ता पाकिस्तान को पाकिस्तानी ही अब बचा सकते हैं May 10, 2025 / May 11, 2025 | Leave a Comment पंकज गांधी जायसवाल “बकौल जिन्ना, स्टेनोग्राफर के टाइपराइटर से बना पाकिस्तान अकेले जिन्ना ने गढ़ा था।” यह कथन इस बात का प्रतीक है कि जिस राष्ट्र का जन्म एक अधकचरे, आत्म-केंद्रित और अहंकारपूर्ण दृष्टिकोण से हुआ हो, उसकी नियति लंबे समय तक स्थिर और समृद्ध नहीं रह सकती। द्वि-राष्ट्र सिद्धांत की नींव में जिन्ना का […] Read more » पाकिस्तान