लेख समाज जब छात्र हत्यारे बन जाएं: चेतावनी का वक्त July 11, 2025 / July 11, 2025 | Leave a Comment “संवाद का अभाव, संस्कारों की हार, स्कूलों में हिंसा समाज की चुप्पी का फल” हिसार में शिक्षक जसवीर पातू की हत्या केवल एक आपराधिक घटना नहीं, बल्कि हमारे समाज की संवादहीनता, विफल शिक्षा व्यवस्था और गिरते नैतिक मूल्यों का कठोर प्रमाण है। आज का किशोर मोबाइल की आभासी दुनिया में जी रहा है, जबकि घर […] Read more » Teacher Jasvir Patu murdered in Hisar teacher jasvir patu murdered in hisar by student
राजनीति महिला आरक्षण की दहलीज़ पर लोकतंत्र: अब दलों को जिम्मेदारी उठानी होगी July 2, 2025 / July 2, 2025 | Leave a Comment 2023 में पारित नारी शक्ति वंदन अधिनियम भारत में राजनीति के स्वरूप को बदलने का ऐतिहासिक अवसर है। हालांकि इसका क्रियान्वयन 2029 के लोकसभा चुनाव से पहले संभव है, लेकिन यह तभी सफल होगा जब राजनीतिक दल अभी से महिलाओं के लिए अनुकूल वातावरण बनाएँ। केवल आरक्षित सीटें देना पर्याप्त नहीं; दलों को आंतरिक कोटा, […] Read more » महिला आरक्षण की दहलीज़ पर लोकतंत्र महिला आरक्षण की दहलीज़ पर लोकतंत्र: अब दलों को जिम्मेदारी उठानी होगी
टेक्नोलॉजी लेख विज्ञान अंतरिक्ष की नई उड़ान: एक्सिओम-4 और भारत की वैश्विक पहचान June 30, 2025 / June 30, 2025 | Leave a Comment एक्सिओम-4 मिशन भारत के अंतरिक्ष इतिहास में एक ऐतिहासिक क्षण है। वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ल की सहभागिता से यह मिशन सिर्फ तकनीकी उपलब्धि नहीं बल्कि वैश्विक मंच पर भारत की उपस्थिति का प्रतीक बन गया है। अमेरिका की एक्सिओम-4 स्पेस और नासा के सहयोग से हुआ यह अभियान भारत को मानव अंतरिक्ष यात्रा […] Read more » एक्सिओम-4
मनोरंजन कॉलर ट्यून या कलेजे पर हथौड़ा: हर बार अमिताभ क्यों? June 23, 2025 / June 23, 2025 | Leave a Comment प्रियंका सौरभ सरकार को समझना चाहिए कि चेतावनी सिर्फ चेतना के लिए होती है, प्रताड़ना के लिए नहीं। एक बार, दो बार, चलिए तीन बार — पर हर कॉल पर वही ट्यून, वही स्क्रिप्ट, वही अंदाज़ — यह सिर्फ संचार व्यवस्था को बोझिल नहीं बना रही, बल्कि जनता का भरोसा भी खो रही है। आखिर […] Read more » Caller tune or hammer on the heart कॉलर ट्यून या कलेजे पर हथौड़ा
विविधा स्वास्थ्य-योग गले में डंक, दिल में सन्नाटा: मधुमक्खी से मृत्यु और मानव की नाजुकता June 13, 2025 / June 23, 2025 | Leave a Comment लंदन में उद्योगपति संजय कपूर की मृत्यु एक मधुमक्खी के डंक से हुई – यह घटना एक साधारण प्राणी द्वारा जीवन लीने की असाधारण त्रासदी बन गई। इस अप्रत्याशित मौत ने आधुनिक विज्ञान की सीमाओं, मानव शरीर की नाजुकता और स्वास्थ्य आपात स्थितियों को लेकर समाज की लापरवाही को उजागर किया है। यह सिर्फ एक […] Read more » मधुमक्खी से मृत्यु
कविता क्या हो गया है इन औरतों को? June 10, 2025 / June 10, 2025 | Leave a Comment क्या हो गया है इन औरतों को?अब ये आईना क्यों नहीं झुकातीं?क्यों चलती हैं तेज़ हवा सी,क्यों बातों में धार रखती हैं?कल तक जो आंचल से डर को ढँकती थीं,अब क्यों प्रश्नों की मशालें थामे हैं?क्या हो गया है इन औरतों को —जो रोटी से इंकलाब तक पहुंच गईं?कोमल थीं, हाँ, थीं नर्म हथेलियाँ,अब उनमें […] Read more »
खान-पान मिलावट: मुंह में नहीं, ज़मीर में घुला ज़हर June 9, 2025 / June 9, 2025 | Leave a Comment मिलावट अब केवल खाने-पीने तक सीमित नहीं रही, यह हमारे सोच, संबंध, और व्यवस्था तक में घुल चुकी है। मूँगफली में पत्थर हो या दूध में डिटर्जेंट, यह मुनाफाखोरी की संस्कृति का विस्तार है। उपभोक्ता की चुप्पी, सरकार की ढील और समाज की “चलता है” मानसिकता ने इसे स्वीकार्य बना दिया है। मिलावट एक नैतिक […] Read more » Adulteration: Poison mixed in conscience मिलावट
लेख बेवफाई की हनीमून डायरी June 9, 2025 / June 9, 2025 | Leave a Comment ✍️ प्रियंका सौरभ मैंने देखा था एक जोड़ाहाथों में हाथ, आँखों में स्वप्न लिएवो कहते थे – “हमसफ़र”पर शायद किसी एक के लिएये सफर सिर्फ “अंत” था। मेघालय की वादियों मेंजहाँ झीलें चुपचाप सब सुनती हैं,वहीं गूंजा था एक मौन चीत्कारएक प्रेमी पति,जो पत्नी के हृदय में नहीं,उसके षड्यंत्र में जी रहा था। राजा…जिसे लगा […] Read more » Honeymoon Diaries of Infidelity
लेख राखीगढ़ी: भारत की स्त्री-केंद्रित सभ्यता की झलक June 6, 2025 / June 6, 2025 | Leave a Comment इतिहास की परतों में छुपी स्त्री, संस्कृति और सभ्यता का पुनर्पाठ हरियाणा स्थित राखीगढ़ी हड़प्पा सभ्यता का सबसे बड़ा स्थल है, जहाँ से मिले 4600 साल पुराने महिला कंकाल, शंख की चूड़ियाँ और ताम्र नृत्यांगना की प्रतिमा सभ्यता में स्त्री की केंद्रीय भूमिका को रेखांकित करते हैं। डीएनए विश्लेषण ने ‘आर्य आक्रमण सिद्धांत’ पर सवाल […] Read more » राखीगढ़ी
लेख मौन की राख, विजय की आँच June 4, 2025 / June 4, 2025 | Leave a Comment प्रियंका सौरभ छायाओं में ढलती साँझ सी,वह हार जब आयी चुपचाप,न याचना, न प्रतिकार…बस दृष्टि में एक बुझा हुआ आकाश। होठों पर थरथराती साँसें,मन भीतर एक अनसुनी रागिनी,जिसे किसी ने सुना नहीं,जिसे कोई बाँध न सका आँसू की धार में। वह पुरुष…जो शिखरों का स्वप्न लिएघाटियों में उतर गया था चुपचाप,कहीं कोई पतझड़ था उसकी […] Read more » मौन की राख विजय की आँच
लेख समाज दुल्हन फर्जी, रिश्ता असली बेवकूफी का! June 3, 2025 / June 3, 2025 | Leave a Comment फर्जी रिश्तों का व्यापार: शादी नहीं, ठगी का धंधाभारत में शादियों को लेकर एक सांस्कृतिक उत्सव, पारिवारिक प्रतिष्ठा और भावनात्मक जुड़ाव की भावना जुड़ी होती है। लेकिन जब इस पवित्र रिश्ते को ठगों का व्यवसाय बना दिया जाए, तो यह सिर्फ एक व्यक्ति नहीं, बल्कि पूरे समाज के विश्वास की हत्या होती है। हरियाणा के […] Read more » दुल्हन फर्जी
कविता कृषक की गाथा — मिट्टी से मन तक June 2, 2025 / June 2, 2025 | Leave a Comment मिट्टी की महक से है उसकी आराधना,खेत-खलिहान में वो करता नित नमन।धूप-छाँव में जो तपे, जो झूके न कभी,कृषक है धरती का सबसे बड़ा सजन। खून-पसीने से लिखी उसकी यह कहानी,संघर्ष की लौ में जलती है आह्वान।फसलें बोए, सपने रोपे, मन के वीर,हरियाली से भर दे वह वीरान मैदान। बूंद-बूंद में समेटे अमृत सावन के,हवा […] Read more » The story of a farmer - from soil to mind कृषक की गाथा