राजनीति सिन्दूर: अब श्रृंगार ही नहीं, शौर्य का प्रतीक May 18, 2025 / May 22, 2025 | Leave a Comment सिन्दूर, जो कभी सिर्फ वैवाहिक प्रेम का प्रतीक था, आज ऑपरेशन सिंदूर की नायिकाओं वियोमिका और सोफिया की साहसिक कहानियों का प्रतीक बन गया है। ये महिलाएं सिर्फ सजी-धजी मूरतें नहीं, बल्कि अदम्य साहस, बलिदान और नारी शक्ति का जीवंत उदाहरण हैं। उन्होंने न केवल अपने हौसले से दुश्मनों को मात दी, बल्कि यह भी […] Read more » but a symbol of bravery operation sindoor Sindoor: Now not just makeup ऑपरेशन सिंदूर
मीडिया लेख सार्थक पहल सोशल मीडिया पर देह की नुमाइश: सशक्तिकरण या आत्मसम्मान का संकट ? May 16, 2025 / May 16, 2025 | Leave a Comment “लाइक्स की दौड़ में खोती पहचान: नारी सशक्तिकरण का असली मतलब” सोशल मीडिया पर नारी देह का बढ़ता प्रदर्शन क्या वाकई सशक्तिकरण है या महज़ लाइक्स और फॉलोअर्स की होड़? क्या हम सच्ची आज़ादी की ओर बढ़ रहे हैं या एक डिजिटल पिंजरे में कैद हो रहे हैं? क्या आत्मसम्मान की जगह केवल देह की […] Read more » सशक्तिकरण या आत्मसम्मान का संकट सोशल मीडिया पर देह की नुमाइश
खेल जगत मनोरंजन एक युग का अंत: क्रिकेट के महानायकों को सलाम May 13, 2025 / May 13, 2025 | Leave a Comment विराट कोहली और रोहित शर्मा न केवल महान बल्लेबाज़ हैं, बल्कि भारतीय क्रिकेट के दिल और धड़कन भी हैं। विराट की आक्रामकता और रोहित की क्लासिक बल्लेबाज़ी ने हमें अनगिनत यादें दी हैं। एक युग का अंत, लेकिन उनकी विरासत हमेशा दिलों में जिंदा रहेगी। सलाम चैंपियंस! विराट कोहली और रोहित शर्मा का भारतीय क्रिकेट […] Read more » विराट कोहली और रोहित शर्मा
राजनीति युद्ध से युद्धविराम तक: भारत-पाक रिश्तों की बदलती तस्वीर May 11, 2025 / May 11, 2025 | Leave a Comment 10 मई 2025 को, भारत और पाकिस्तान ने एक पूर्ण और तत्काल युद्धविराम पर सहमति व्यक्त की, जो हाल के वर्षों में सबसे गंभीर संघर्ष के बाद हुआ। 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद सैन्य तनाव बढ़ा था। अमेरिकी राष्ट्रपति की मध्यस्थता में हुई वार्ता के बाद, दोनों देशों […] Read more » युद्ध से युद्धविराम तक
लेख माँ का आँचल – प्रेम की छाँव, बलिदान का गीत” May 11, 2025 / May 11, 2025 | Leave a Comment माँ केवल जन्म देने वाली नहीं, बल्कि जीवन की पहली गुरु, मार्गदर्शिका और सबसे करीबी मित्र है। उसकी ममता जीवनभर हमें सुरक्षा, सुकून और संस्कार देती है। माँ का आशीर्वाद किसी कवच से कम नहीं, जो हर मुश्किल में हमें संबल देता है। मदर्स डे पर उसे सम्मान देना मात्र एक औपचारिकता नहीं, बल्कि उसके […] Read more » mothers day माँ का आँचल
राजनीति एक था पाकिस्तान: इतिहास के पन्नों में सिमटता सच May 8, 2025 / May 8, 2025 | Leave a Comment सिंदूर की सौगंध: ‘एक था पाकिस्तान’ की गूंज “एक था पाकिस्तान” – ये केवल तीन शब्द नहीं, बल्कि इतिहास की एक गहरी दास्तां है। यह उस विभाजन का प्रतीक है, जिसने दिलों को तोड़ा और घरों को उजाड़ा। लेकिन क्या हमें हमेशा इस नफरत के जाल में फंसे रहना चाहिए? हमें न केवल बाहरी दुश्मनों […] Read more » The truth confined to the pages of history There was once Pakistan: एक था पाकिस्तान:
टेक्नोलॉजी राजनीति “सोशल मीडिया पर देशविरोध का कारोबार: अभिव्यक्ति की आज़ादी या एजेंडा मार्केटिंग?” May 6, 2025 / May 6, 2025 | Leave a Comment (पेआउट के बदले देशविरोध? अब नहीं चलेगा!) सोशल मीडिया पर ‘पेआउट’ लेकर भारत को बदनाम करने वालों की अब खैर नहीं। IT एक्ट 2000 और डिजिटल मीडिया एथिक्स कोड 2021 के तहत सरकार ने सख़्त रुख अपनाया है। अब देशविरोधी कंटेंट पर न तो चुप्पी होगी, न छूट। अभिव्यक्ति की आज़ादी के नाम पर अफवाह […] Read more »
कला-संस्कृति खान-पान क्या किसी की भूख की तस्वीर लेना जरूरी है? May 5, 2025 / May 5, 2025 | Leave a Comment “सोशल मीडिया युग में करुणा की कैद” सोशल मीडिया के युग में भलाई और करुणा अब मौन संवेदनाएँ नहीं रहीं, वे कैमरे के फ्रेम में क़ैद होती जा रही हैं। आज अधिकांश मदद ‘लाइक्स’ और ‘फॉलोवर्स’ के लिए की जाती है, न कि सच्ची इंसानियत से। सहायता अब एक ‘कंटेंट’ बन चुकी है और ज़रूरतमंद […] Read more » भूख की तस्वीर
लेख स्वतंत्रता का स्वप्न April 30, 2025 / April 30, 2025 | Leave a Comment नारी की स्वतंत्रता की धारा,चली हर मन में इक विचार सा।बंधनों से बंधी नहीं वह,स्वतंत्रता का है अब ख्वाब हमारा। कभी कहा गया, तुम छोटी हो,तुमसे न होगा कोई काम बड़ा।पर भीतर की शक्ति ने कहा,रखो ख्वाब, जियो तुम नया। संवेदनाओं से भरी है उसकी बात,गहरी नज़र में छुपा ज्ञान का साथ।हर कदम पर लिखे […] Read more » स्वतंत्रता का स्वप्न
लेख हिंदी साहित्य की आँख में किरकिरी: स्वतंत्र स्त्रियाँ April 30, 2025 / April 30, 2025 | Leave a Comment हिंदी साहित्य जगत को असल स्वतंत्र चेता प्रबुद्ध स्त्रियां अभी भी हजम नहीं होती। उन्हें वैसी ही स्त्री लेखिका चाहिए जैसा वह चाहते हैं। वह सॉफ्ट मुद्दों पर लिखे, परिवार, समाज, कुछ मनोविज्ञान, स्त्री-पुरुष संबंध। आधुनिकता का या आधुनिक स्त्री का पर्याय उनके लिए वह है कि बोल्ड लेखन कर सके, अश्लीलता को बोल्ड लेखन […] Read more » हिंदी साहित्य की आँख में किरकिरी
कला-संस्कृति धर्म-अध्यात्म अक्षय तृतीया: समृद्धि, पुण्य और शुभारंभ का पर्व April 29, 2025 / April 29, 2025 | Leave a Comment अक्षय तृतीया, जिसे ‘आखा तीज’ भी कहा जाता है, हिंदू पंचांग के अनुसार वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाने वाला एक अत्यंत पावन पर्व है। ‘अक्षय’ का अर्थ होता है—जो कभी क्षय (नाश) न हो। यही कारण है कि यह दिन शुभ कार्यों, दान-पुण्य, निवेश और नए आरंभ के लिए […] Read more » Akshaya Tritiya: A festival of prosperity virtue and beginnings अक्षय तृतीया: समृद्धि पुण्य और शुभारंभ का पर्व
कविता मुस्कान का दान April 25, 2025 / April 25, 2025 | Leave a Comment कभी किसी शाम की थकी हुई साँसों में,तुम्हारा एक हल्का सा “कैसे हो?” उतरता है —जैसे रेगिस्तान में कोई बूँद गिर जाए,जैसे सूनी आँखों में उम्मीद फिर गहराए। दान क्या है?सिर्फ अन्न, जल, या स्वर्ण की गाथा नहीं,कभी-कभी वक्त का दिया पल भीकिसी की टूटती दुनिया की परिभाषा बदल देता है। तुम जब अनकहे दर्द […] Read more » gift of smile\