समाज आज के स्वेच्छाचारी वक्ता January 26, 2018 | Leave a Comment पण्डित परन्तप प्रेमशंकर आजकल के आध्यात्म वक्ता वडे स्वच्छन्दी एवं पाखंडी हो गए हैं । इस परिपेक्ष्य मे इनको सत्य दर्शन कराना संतो एवं विद्वानों का परम कर्तव्य है, उपासना है और जनसेवा भी है । अनुकरणशील मनीषावाले जनमानस को भ्रमित होते रोकना भी परमात्मा की सेवोपासना से कम नहीं । उनके प्रभाव को बढनेका […] Read more » Featured स्वेच्छाचारी स्वेच्छाचारी वक्ता
आलोचना धर्म-अध्यात्म पाखण्डी गुरूओं की लगी हैं मंडी… May 27, 2011 / December 12, 2011 | Leave a Comment पण्डित परन्तप प्रेमशंकर बंदउ गुरुपद पदुम परागा…… गुरू महिमा – आषाढ शुक्ल पूर्णिमा को व्यास पूर्णमा कहते हैं । भगवान के ज्ञानावतार श्री द्वैपायन कृष्णने वेद का व्यास एवं अनेक पुराणादि की रचनाद्वारा सनातन वैदिक संस्कृतिको अनुपम योगदान दिया हैं । विद्वद्गण तो मानते हैं कि व्यासोच्छिष्ठं जगत्सर्वं । संस्कृतिकी अनन्त सेवाको सन्मानित करनेके लिए […] Read more » Renegade गुरूओंकी पाखण्डी