राजनीति एनडीए की सरकार आसानी से नहीं बनेगी। June 5, 2024 / June 5, 2024 | Leave a Comment (यह जनादेश किसकी जीत, किसकी हार? 10 साल बाद लौट रहा गठबंधन सरकार का दौर।) यह भाजपा की स्पष्ट जीत नहीं है। यह एनडीए की जीत ज्यादा है। आंकड़ों की की स्थिति को देखें तो यह माना जा सकता है कि पूरे पांच साल भाजपा गठबंधन के सहयोगियों खासकर जदयू और तेदेपा के भरोसे रहेगी। […] Read more » एनडीए की सरकार
लेख गाय-भैंसों को भी लग सकती है लू, गर्मियों में ऐसे करें पशुओं की देखभाल June 1, 2024 / June 1, 2024 | Leave a Comment बढ़ते पारे ने दुधारू पशुओं पर बहुत दबाव डाला है और यह सबसे बुरा तब होगा जब सापेक्ष आर्द्रता 90% से अधिक हो जाएगी। मौजूदा परिस्थितियों में दूध का उत्पादन कम फीड इनटेक और अतिरिक्त हीट लोड के कारण भी कम हुआ है। हरे चारे की मात्रा बढ़ानी चाहिए और लंबे चारे को खिलाने से पहले काटना […] Read more » गर्मियों में ऐसे करें पशुओं की देखभाल गाय-भैंसों को भी लग सकती है लू
लेख भारत में अंगदान की कमी से जा रही लोगों की जान May 7, 2024 / May 7, 2024 | Leave a Comment एक मृत अंग दाता आठ लोगों की जान बचा सकता है। दान की गई दो किडनी दो रोगियों को डायलिसिस उपचार से मुक्त कर सकती हैं। दान किए गए एक लीवर को प्रतीक्षा सूची के दो रोगियों के बीच विभाजित किया जा सकता है। दो दान किए गए फेफड़ों का मतलब है कि दो अन्य […] Read more » भारत में अंगदान की कमी
राजनीति “आया राम गया राम” ने लंबे समय से भारतीय राजनीतिक व्यवस्था को प्रभावित किया है। March 4, 2024 / March 4, 2024 | Leave a Comment दल-बदल विरोधी कानून सरकार स्थिरता में कारगर होने की बजाय खरीद फरोख्त का तरीका है। ” दल-बदल क़ानून के दायरे से बचने के लिए विधायक या सांसद इस्तीफा दे रहे हैं. लेकिन ऐसा प्रावधान किया जाना चाहिए कि जिस पीरियड के लिए वो चुने गए थे, अगर उससे पहले उन्होंने स्वेच्छा से त्यागपत्र दिया, तो […] Read more » "Aaya Ram Gaya Ram" has influenced the Indian political system for a long time.
खान-पान खेत-खलिहान लेख खेती घाटे का सौदा लेकिन एमएसपी व्यावहारिक संभव नहीं है February 16, 2024 / February 16, 2024 | Leave a Comment बड़ी टेढ़ी खीर है एमएसपी की गारंटी वाला कानून, एमएसपी कानून की माँग किसान और देश के हित में नहीं है। ब फसल की अच्छी क्वालिटी होगी तभी उसकी एमएसपी पर खरीद की जाएगी अन्यथा नहीं। ऐसे में अगर सरकार ने एमएसपी पर गारंटी दे दी तो उस फसल की क्वालिटी अच्छी है या नहीं […] Read more » Farming loss deal but MSP is not practical possible
लेख मंगल ग्रह पर पहुँचना आसान लेकिन कठिन ‘खुले में शौच’ का निपटान February 12, 2024 / February 12, 2024 | Leave a Comment भारत दुनिया का चौथा देश (रूस, संयुक्त राज्य अमेरिका और यूरोपीय संघ के बाद) और अंतरिक्ष में मंगल जांच शुरू करने वाला एकमात्र उभरता हुआ देश बन गया। लेकिन यह 50% से कम स्वच्छता कवरेज वाले 45 विकासशील देशों के समूह का हिस्सा बना हुआ है,जहां कई नागरिक या तो शौचालय तक पहुंच की कमी […] Read more » Easy to reach Mars but difficult to dispose of 'open defecation'
राजनीति लेख आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के युग में डीपफेक एक बड़ी चुनौती। November 30, 2023 / November 30, 2023 Read more » डीप फेक
लेख ‘सनातन धर्म’ के बदलते अर्थ November 23, 2023 / November 23, 2023 | Leave a Comment “सनातन धर्म” शब्द को कैसे हेरफेर और हथियार बनाया गया है और हिंदू धर्म के ढांचे के भीतर जाति-विशेषाधिकार प्राप्त हिंदुओं की जाति भेदभाव को संबोधित करने में क्या जिम्मेदारियां हैं? ये सोचने का विषय है। सनातन धर्म शाश्वत, कालातीत और अपरिवर्तनीय परंपराओं का प्रतिनिधित्व करता है जो भारत-खंड (भारतीय उपमहाद्वीप) के भूभाग में विकसित हुए हैं। […] Read more »
खेल जगत मनोरंजन आज दिल जीते हैं, कल फिर कप जीतेंगे। November 20, 2023 / November 20, 2023 | Leave a Comment जन्म मरण के चक्र-सी है, हार जीत लग रही। लड़े-भिड़े शौर्य से, आज नही तो कल सही।। कप जितने से बड़ी बात दिल जीतना होता है। क्रिकेट खत्म नही हो गया। 46 दिन में 45 दिन आप जीते हो। हमारी भारतीय टीम ने 2023 वर्ल्ड कप के अंदर 10 मैच जीते और आज फाइनल हारने पर 140 करोड़ हिंदुस्तानियों का दिल टूटा है। ऐसे हम दो […] Read more » Today we win hearts tomorrow we will win the cup again.
मीडिया लेख चिंताजनक है अखबारों और लेखकों की स्थिति November 15, 2023 / November 15, 2023 | Leave a Comment समाचार पत्र और यहां तक कि लेखकों को भी अस्तित्व बचाने के लिए गूगल व फे़सबुक को मात देना होगा। बदहाल होती स्थिति पर सवाल यह है- वे ऐसा कैसे करेंगे? सबसे महत्वपूर्ण कारक है न्यूज़ कैरियर की बढ़ोत्तरी- गूगल, फे़सबुक और बाकी दूसरे। एक तरफ वे किसी अन्य द्वारा उत्पादित समाचार ले लेते हैं और दूसरी […] Read more » The situation of newspapers and writers is worrying
कला-संस्कृति लेख वर्त-त्यौहार रंगत खोते हमारे सामाजिक त्यौहार। November 6, 2023 / November 6, 2023 | Leave a Comment बाजारीकरण ने सारी व्यवस्थाएं बदल कर रख दी है। हमारे उत्सव-त्योहार भी इससे अछूते नहीं रहे। शायद इसीलिए प्रमुख त्योहार अपनी रंगत खोते जा रहे हैं और लगता है कि त्योहार सिर्फ औपचारिकताएं निभाने के लिए मनाये जाते हैं। किसी के पास फुरसत ही नहीं है कि इन प्रमुख त्योहारों के दिन लोगों के दुख […] Read more » Our social festivals are losing their colour.
लेख बदलती रामलीला: आस्था में अश्लीलता का तड़का October 25, 2023 / October 25, 2023 | Leave a Comment जब आस्था में अश्लीलता का तड़का लगा दिया जाता है तो वह न सिर्फ उपहास का कारण बन जाती है बल्कि बहुसंख्यक लोगों की भावनाएं भी आहत होती हैं। मर्यादा पुरुषोत्तम राम का चरित्र समाज को प्रेम, उदारता, सम्मान व सद्भाव का संदेश देता है। पर अफसोस, राम के चरित्र व आदर्शों को प्रस्तुत करने […] Read more » Changing Ramlila: A touch of obscenity in faith आस्था में अश्लीलता का तड़का बदलती रामलीला