पर्यावरण लेख वन्य जीवों और पेड़ों के लिए अपनी जान पर खेलता बिश्नोई समाज June 29, 2022 / June 29, 2022 | Leave a Comment -सत्यवान ‘सौरभ’ बिश्नोई आंदोलन पर्यावरण संरक्षण, वन्यजीव संरक्षण और हरित जीवन के पहले संगठित समर्थकों में से एक है। बिश्नोइयों को भारत का पहला पर्यावरणविद माना जाता है। ये जन्मजात प्रकृति प्रेमी होते हैं। पर्यावरण आंदोलनों के इतिहास में, यह वह आंदोलन था जिसने पहली बार पेड़ों को अपनी सुरक्षा के लिए गले लगाने और […] Read more »
लेख विधि-कानून ओबीसी के साथ क्रीमीलेयर का भेदभाव क्यों? June 27, 2022 / June 27, 2022 | Leave a Comment सत्यवान ‘सौरभ’ आरक्षण, सात दशकों के बावजूद, हमारे विषम समाज में कई समूहों के लिए लाभों के समान वितरण में अनुवादित नहीं हुआ है। नतीजतन, कई समूहों को छोड़ दिया गया है। आरक्षण का लाभ नहीं उठा पाने वाले हाशिए के तबके के लोगों की जोरदार मांग है। इसके लिए कुछ नीति विकल्प तैयार करने […] Read more » Reservation Why the discrimination of the creamy layer against OBC? ओबीसी के साथ क्रीमीलेयर का भेदभाव क्यों
विविधा समाज इस लम्हे में खुश रहिये। ये लम्हा ही ज़िंदगी है June 24, 2022 / June 24, 2022 | 2 Comments on इस लम्हे में खुश रहिये। ये लम्हा ही ज़िंदगी है जीवन में छोटी चीजों का आनंद लें।“इस लम्हे में खुश रहिये। ये लम्हा ही ज़िंदगी है।” -सत्यवान ‘सौरभ’ जीवन में छोटी चीजों का आनंद लें क्योंकि एक दिन आप पीछे मुड़कर देखेंगे और महसूस करेंगे कि वे बड़ी चीजें थीं। छोटी चीजें जरूरी हैं क्योंकि वे हमारे जीवन के विशाल बहुमत को शामिल करती हैं। […] Read more » इस लम्हे में खुश रहिये ये लम्हा ही ज़िंदगी है
कविता आशाओं के रंग June 23, 2022 / June 23, 2022 | Leave a Comment बने विजेता वो सदा, ऐसा मुझे यकीन ।आँखों में आकाश हो, पांवों तले जमीन ।। तू भी पायेगा कभी, फूलों की सौगात ।धुन अपनी मत छोड़ना, सुधरेंगे हालात ।। बीते कल को भूलकर, चुग डालें सब शूल ।बोयें हम नवभोर पर, सुंदर-सुरभित फूल ।। तूफानों से मत डरो, कर लो पैनी धार ।नाविक बैठे घाट […] Read more » आशाओं के रंग
कविता पिता नीम का पेड़ June 18, 2022 / June 18, 2022 | Leave a Comment हम कच्चे से है घड़े, और पिता कुम्हार !ठोक पीट जो डांट से, हमको दे आकार !!★★★★सिर पे ठंडी छाँव-सा, पिता नीम का पेड़ !कड़वा लगता है मगर, है जीवन की मेड़ !!★★★★पाई-पाई जोड़ता, पिता यहाँ दिन रात !देता हैं औलाद को, खुशियों की सौगात !!★★★★पापा ही अभिमान है, पापा ही संसार !नगपति से अविचल […] Read more » पिता नीम का पेड़
लेख समाज हमें सुनिश्चित करना होगा कि लड़कियां स्कूल न छोड़ें May 24, 2022 / May 24, 2022 | Leave a Comment -सत्यवान ‘सौरभ’ भारतीय महिलाओं ने ओलंपिक खेलों में अब तक भारत के लिए सबसे अधिक उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। एक राष्ट्र के रूप में, यदि हम एक आर्थिक महाशक्ति बनने की इच्छा रखते हैं, तो हम आधे संभावित कार्यबल की उपेक्षा नहीं कर सकते हैं। एक समाज के रूप में, महिलाएं महत्वपूर्ण और स्थायी सामाजिक […] Read more » We have to make sure girls don't drop out of school हमें सुनिश्चित करना होगा कि लड़कियां स्कूल न छोड़ें
आर्थिकी राजनीति चिंता का सबब बनता गिरता हुआ रुपया May 19, 2022 / May 19, 2022 | Leave a Comment -सत्यवान ‘सौरभ’ रुपये के मूल्यह्रास का मतलब है कि डॉलर के मुकाबले रुपया कम मूल्यवान हो गया है। अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया 77.44 के सर्वकालिक निचले स्तर पर आ गया। सख्त वैश्विक मौद्रिक नीति, अमेरिकी डॉलर की मजबूती और जोखिम से बचने, और उच्च चालू खाता घाटे से भारतीय रुपये के लिए गिरावट […] Read more » The falling rupee becomes a cause for concern चिंता का सबब बनता गिरता हुआ रुपया
कविता टूट रहे परिवार ! May 15, 2022 / May 15, 2022 | Leave a Comment बदल गए परिवार के, अब तो सौरभ भाव !रिश्ते-नातों में नहीं, पहले जैसे चाव !! टूट रहे परिवार हैं, बदल रहे मनभाव !प्रेम जताते ग़ैर से, अपनों से अलगाव !! गलती है ये खून की, या संस्कारी भूल !अपने काँटों से लगे, और पराये फूल !! रहना मिल परिवार से, छोड़ न देना मूल !शोभा […] Read more » Families falling apart!
पर्यावरण लेख सूना-सूना लग रहा बिन पेड़ों के गाँव May 13, 2022 / May 13, 2022 | 1 Comment on सूना-सूना लग रहा बिन पेड़ों के गाँव सूना-सूना लग रहा, बिन पेड़ों के गाँव ।पंछी उड़े प्रदेश को, बांधे अपने पाँव ।। -सत्यवान ‘सौरभ’ पक्षियों को पर्यावरण की स्थिति के सबसे महत्वपूर्ण संकेतकों में से एक माना जाता है। क्योंकि वे आवास परिवर्तन के प्रति संवेदनशील हैं और पक्षी पारिस्थितिकीविद् के पसंदीदा उपकरण हैं। पक्षियों की आबादी में परिवर्तन अक्सर पर्यावरणीय समस्याओं […] Read more » सूना-सूना लग रहा बिन पेड़ों के गाँव
लेख सार्थक पहल अतीत बनते तालाब व बावड़ी बचाने के लिए बड़ी पहल May 11, 2022 / May 11, 2022 | Leave a Comment -सत्यवान ‘सौरभ’ गर्मियों में पूरे भारत में बड़े पैमाने पर जल संकट पैदा हो जाता है; इस समस्या को देखते हुए आजादी के अमृत महोत्सव के तहत हरियाणा सरकार ने अपने गांवों में अस्तित्व खोते जा रहे तालाब एवं जोहड़ों को बचाने के लिए राज्य के जोहड़ तालाबों को अमृत सरोवर के रूप में विकसित […] Read more » Big initiative to save the pond and stepwell being built in the past अतीत बनते तालाब व बावड़ी
राजनीति थाने इज्जत लूटते, देख रही सरकार। रामराज की बात तब, लगती है बेकार।। May 9, 2022 / May 9, 2022 | Leave a Comment -सत्यवान ‘सौरभ’ भारत में एक पुलिस अधिकारी द्वारा कथित तौर पर चार पुरुषों द्वारा कथित रूप से बलात्कार की गई एक 13 वर्षीय लड़की को फिर से यौन उत्पीड़न का शिकार होना पड़ा क्योंकि वह सामूहिक बलात्कार और अपहरण की शिकायत दर्ज कराने के लिए अधिकारियों के पास गई थी। यह घटना उत्तर प्रदेश की […] Read more » थाने इज्जत लूटते
लेख सोता हूँ माँ चैन से, जब होती हो पास !! May 8, 2022 / May 8, 2022 | Leave a Comment मां शब्द का विश्लेषण शायद कोई कभी नहीं कर पाऐगा, यह दो शब्द इतना विशालता अपने अंदर समेटे हुए है जिसका व्याख्या करना संभव नहीं है। बच्चा पैदा लेने के बाद सबसे पहले जो शब्द बोलता है वह है माँ। माँ वो है जो हमें जीना सिखाती है, दुनिया में वो पहला इन्सान जिसे हम […] Read more » Mother sleep peacefully