राजनीति विश्ववार्ता क्या नई पीढ़ी बालेन शाह जैसे चेहरों के साथ जातीय ढांचे को बदल पाएगी? September 11, 2025 / September 11, 2025 | Leave a Comment नेपाल का लोकतंत्र: पुराने वर्चस्व से नई चुनौती तक 1990 में लोकतंत्र की बहाली के बाद नेपाल ने अब तक 13 प्रधानमंत्री देखे। इनमें 10 पहाड़ी ब्राह्मण और 3 क्षत्रिय रहे। मधेशी, जनजातीय, दलित और महिला समुदाय से कोई भी प्रधानमंत्री नहीं बन पाया। संसद और नौकरशाही में भी इन समुदायों की भागीदारी बेहद सीमित […] Read more » Will the new generation be able to change the caste structure with faces like Baleen Shah? बालेन शाह
राजनीति भारत की चिप क्रांति : सपनों से साकार होती हकीकत September 6, 2025 / September 6, 2025 | Leave a Comment उम्मीदों की चिप ने दिए आत्मगौरव और नवाचार को पंख भारत आज उस ऐतिहासिक मोड़ पर खड़ा है जहाँ तकनीकी आत्मनिर्भरता केवल आर्थिक प्रगति का साधन नहीं, बल्कि राष्ट्रीय गर्व और वैश्विक नेतृत्व की दिशा भी बन गई है। दशकों तक चिप और सेमीकंडक्टर क्षेत्र में केवल उपभोक्ता के रूप में पहचाने जाने वाला भारत […] Read more » India's chip revolution: Dreams turning into reality भारत की चिप क्रांति
लेख कुदरत का संदेश September 4, 2025 / September 4, 2025 | Leave a Comment कुदरत का रूठना भी ज़रूरी था,इंसान का घमंड टूटना भी ज़रूरी था।हर कोई खुद को खुदा समझ बैठा,उस वहम का छूटना भी ज़रूरी था। पेड़ कटे, नदियाँ रोईं, पर्वत भी कांपे,धरती माँ की कराहें कौन था आँके।लोभ में अंधा हुआ इंसान इतना,उसको आईना दिखाना भी ज़रूरी था। आंधियाँ, तूफ़ान, बारिश का प्रहार,दे गए चेतावनी – […] Read more » कुदरत का संदेश
प्रवक्ता न्यूज़ शिक्षक तो अनमोल है… September 4, 2025 / September 4, 2025 | Leave a Comment नूर तिमिर को जो करें, बांटे सच्चा ज्ञान !मिट्टी को जीवंत करें, गुरुवर वो भगवान !! भरें प्रतिभा, योग्यता, बुनता सभ्य समाज !समदृष्टि, सद्भाव भरें, पूजनीय ऋषिराज !! जब रिश्ते हैं टूटते, होते विफल विधान !गुरुवर तब सम्बल बने, होते बड़े महान !! धैर्य और विवेक भरें, करते दुर्गुण दूर !तप, बल से निर्मित करें, […] Read more » शिक्षक तो अनमोल है
लेख खतरनाक मौसम में भी स्कूल खुले क्यों? September 2, 2025 / September 2, 2025 | Leave a Comment “बच्चों की सुरक्षा बनाम औपचारिकता का सवाल: जर्जर स्कूल भवन, प्रशासन की संवेदनहीनता और बाढ़-गंदगी के बीच पढ़ाई नहीं, जीवन की रक्षा पहली प्राथमिकता – आपदा में भी आदेशों की राजनीति क्यों?” बारिश और बाढ़ की स्थिति में बच्चों और शिक्षकों को स्कूल बुलाना उनकी जान से खिलवाड़ है। जर्जर इमारतें, गंदगी, जलभराव और यातायात […] Read more » Why are schools open even in dangerous weather? खतरनाक मौसम में भी स्कूल
Health लेख न्यायालय की फटकार और डॉक्टरों की लिखावट September 1, 2025 / September 1, 2025 | Leave a Comment “जहाँ पर्ची के हर अक्षर स्पष्ट होंगे, वहीं मरीज का जीवन और अधिकार सुरक्षित रहेंगे।” “पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट का हालिया आदेश एक मील का पत्थर है। अदालत ने डॉक्टरों को साफ और स्पष्ट पर्ची लिखने का निर्देश देकर सीधे मरीज के जीवन और अनुच्छेद 21 से इसे जोड़ा है। यह आदेश केवल लिखावट की औपचारिकता नहीं, […] Read more » The court's rebuke and the doctors' writings डॉक्टरों की लिखावट
राजनीति राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ: शताब्दी वर्ष की यात्रा और समाज में सार्थक योगदान August 27, 2025 / August 27, 2025 | Leave a Comment “समर्पण, अनुशासन और समावेशिता के माध्यम से विविधता में एकता: संघ की शताब्दी यात्रा” राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का उद्देश्य केवल संगठन तक सीमित नहीं है। यह समाज में नैतिक, सांस्कृतिक और सामाजिक मूल्यों को मजबूत करने, प्रत्येक व्यक्ति में अनुशासन और समर्पण विकसित करने और राष्ट्र निर्माण में योगदान देने का कार्य करता है। संघ […] Read more » Rashtriya Swayamsevak Sangh: The journey of the centenary year and its meaningful contribution to the society राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ शताब्दी वर्ष
मनोरंजन विधि-कानून ऑनलाइन गेमिंग बिल : “मनोरंजन, रोजगार और सामाजिक ज़िम्मेदारी के बीच संतुलन की तलाश August 23, 2025 / August 23, 2025 | Leave a Comment लोकसभा में ऑनलाइन गेमिंग बिल 2025 को लेकर गहन बहस हुई। सरकार ने इसे समाज में जुए और लत जैसी प्रवृत्तियों को रोकने के लिए आवश्यक बताया, जबकि विपक्ष ने इसे रोजगार और उद्योग पर चोट मानते हुए संशोधन की माँग रखी। सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री ने स्पष्ट किया कि बिल केवल रियल-मनी गेमिंग और सट्टेबाज़ी […] Read more »
लेख टूटी छतों और दीवारों के बीच कैसे पलेगी शिक्षा की नींव? August 12, 2025 / August 12, 2025 | Leave a Comment जर्जर स्कूल, खतरे में भविष्य भारत में लाखों सरकारी विद्यालय जर्जर हालत में हैं। टूटी छतें, दरारों वाली दीवारें, पानी व शौचालय का अभाव—ये बच्चों की सुरक्षा और पढ़ाई दोनों पर खतरा हैं। पिछले नौ वर्षों में 89 हज़ार सरकारी स्कूल बंद हुए, जिससे शिक्षा में अमीर-गरीब की खाई और गहरी हुई। शिक्षा का अधिकार […] Read more » शिक्षा की नींव
लेख पहाड़ों का सर्वनाश: उत्तराखंड की आखिरी चेतावनी August 6, 2025 / August 6, 2025 | Leave a Comment “देवभूमि का दर्द: विकास के नाम पर विनाश” उत्तरकाशी के थराली में बादल फटने से हुई भीषण तबाही उत्तराखंड के पर्यावरणीय संकट की गंभीर चेतावनी है। विकास के नाम पर हो रही पहाड़ों की अंधाधुंध कटाई, अवैज्ञानिक निर्माण और बेतरतीब पर्यटन ने पहाड़ों की सहनशीलता को खत्म कर दिया है। जमीन की लूट, संस्कृति का […] Read more » पहाड़ों का सर्वनाश
लेख चाइनीज मांझा: खुलेआम बिकती मौत की धार July 28, 2025 / July 28, 2025 | Leave a Comment डॉ. सत्यवान सौरभ हर शहर, हर गली, हर मोहल्ले में, जब बच्चे और किशोर पतंग उड़ाने निकलते हैं, तो उनका उद्देश्य केवल आसमान छूना होता है। लेकिन दुर्भाग्य से अब पतंग की यह उड़ान कई बार किसी की जान लेकर ही थमती है। इसका कारण कोई आम धागा नहीं, बल्कि एक जानलेवा उत्पाद है— चाइनीज […] Read more »
राजनीति गिरते पुल, ढहती ज़िम्मेदारियाँ: बुनियादी ढांचे की सड़न और सुधार की ज़रूरत July 14, 2025 / July 14, 2025 | Leave a Comment वडोदरा में पुल गिरना कोई अकेली घटना नहीं, बल्कि भारत के जर्जर होते बुनियादी ढांचे की डरावनी सच्चाई है। पुरानी संरचनाएं, घटिया सामग्री, भ्रष्टाचार और निरीक्षण की अनुपस्थिति — यह सब मौत को दावत दे रहा है। राbजनीतिक घोषणाएं तो बहुत होती हैं, लेकिन टिकाऊ निर्माण और जवाबदेही की योजनाएँ नदारद हैं। अब वक़्त है […] Read more » bridge collapse in vadodara collapsing responsibilities: Infrastructure decay and the need for reform Crumbling bridges वडोदरा में पुल गिरना