लेख ट्रांसफर नीति 2025: नतीजे तैयार, पर इरादे अधूरे!, सीलबंद लॉकरों में बंद शिक्षक की उम्मीदें July 14, 2025 / July 14, 2025 | Leave a Comment डॉ. सत्यवान सौरभ हरियाणा के शिक्षक एक बार फिर से असमंजस, अफवाहों और अधूरी सूचनाओं के बीच फंसे हुए हैं। स्कूलों में रोज़ सुबह की शुरुआत चाय और स्टाफरूम की बातचीत से होती है – “ट्रांसफर कब होंगे?” इस प्रश्न का उत्तर किसी के पास नहीं, पर अनुमान सबके पास है। कोई कहता है अगस्त […] Read more » ट्रांसफर नीति 2025
राजनीति ट्रंप की वापसी और व्यापार युद्ध की वैश्विक आग: दुनिया के लिए चेतावनी की घंटी July 11, 2025 / July 11, 2025 | Leave a Comment डोनाल्ड ट्रंप की संभावित वापसी के साथ वैश्विक व्यापार युद्ध का खतरा फिर गहराने लगा है। उन्होंने विभिन्न देशों को शुल्क बढ़ोतरी की चेतावनी देते हुए पत्र भेजे हैं। इससे भारत सहित दुनिया भर में आर्थिक अस्थिरता बढ़ सकती है। भारत को आत्मनिर्भर बनते हुए, नए साझेदारियों पर ध्यान देना चाहिए और विश्व मंचों पर […] Read more » ट्रंप की वापसी और व्यापार युद्ध की वैश्विक आग व्यापार युद्ध की वैश्विक आग
राजनीति ई-वोटिंग: लोकतंत्र की मजबूती या तकनीकी जटिलता? July 11, 2025 / July 11, 2025 | Leave a Comment ई-वोटिंग मतदान प्रक्रिया को सरल, सुलभ और व्यापक बनाने की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम हो सकता है। बिहार के प्रयोग से स्पष्ट है कि मोबाइल ऐप के माध्यम से मतदान प्रतिशत में बढ़ोतरी संभव है। हालांकि, तकनीकी पहुंच, साइबर सुरक्षा, मतदाता की पहचान और गोपनीयता जैसी चुनौतियाँ इस प्रणाली के समक्ष खड़ी हैं। डिजिटल […] Read more » E-voting: Strengthening of democracy or technical complexity ई-वोटिंग
लेख धर्मांतरण का धंधा: विदेशी फंडिंग और सामाजिक विघटन का षड्यंत्र July 10, 2025 / July 10, 2025 | Leave a Comment उत्तर प्रदेश में एटीएस ने एक बड़े धर्मांतरण रैकेट का खुलासा किया है, जिसमें विदेशी फंडिंग के जरिए करीब 100 करोड़ रुपये 40 खातों में भेजे गए। मुख्य आरोपी ‘छांगरू बाबा’ उर्फ जमशेदुद्दीन के नेतृत्व में यह गिरोह ऊंची जाति की लड़कियों के लिए 15-16 लाख रुपये की दर से धर्मांतरण कराता था। यह मामला […] Read more » Foreign funding and conspiracy of social disintegration The business of religious conversion धर्मांतरण का धंधा
कविता सावन की पहली बूँद July 7, 2025 / July 7, 2025 | Leave a Comment बादल की पहली दस्तक, मन के आँगन आई,भीग गया हर कोना, हर साँस मुस्काई।पीपल की टहनी बोली, झूले की है बारी,छत की बूँदों ने फिर, गाई प्रेम पिचकारी। मिट्टी ने भी मुँह खोला, सौंधी-सौंधी भाषा,मन में उठे भावों की, भीनी-भीनी आशा।चुनरी उड़ती दिशा-दिशा, लहराए सावन,पलकों पर ठहरी जैसे, बरखा में जीवन। बिरहा के गीतों में, […] Read more » "First drop of Sawan"
कविता झूले वाले दिन आए July 7, 2025 / July 7, 2025 | Leave a Comment झूले वाले दिन आए, पायल की छनकार,घूँघट में लजाए सावन, रंग भरे हज़ार।काजल भीगे नैना, मेंहदी रचती हाथ,सखियाँ गाएं गीत वो, जिसकी हो तलाश। पलाश और आम की, डालें हुईं जवाँ,झूले संग लहराए, मन की हर दुआ।बरखा की चूनर ओढ़े, धरती की ये माँ,हरियाली की चिट्ठियाँ, लेकर आई हवा। पथिक रुके हैं थमकर, सुनने बादल […] Read more » The swing days have arrived
कविता अब के सावन में July 7, 2025 / July 7, 2025 | Leave a Comment अब के सावन मेंबूँदें सिर्फ़ पानी नहीं रहीं,वो सवाल बनकर गिरती हैंछतों, छायाओं और चेतना पर। अब के सावन मेंन कोई प्रेम पत्र भीगा,न कोई हथेली मेंहदी से लिपटी,बस मोबाइल स्क्रीन पर टपकी बारिश की रील। अब के सावन मेंकविताएं भीगने से डरती हैं,काग़ज़ गल जाए तो?या भाव उड़ जाए तो? पर फिर भी,जब एक […] Read more » अब के सावन में
कविता सावन की सिसकी July 7, 2025 / July 7, 2025 | Leave a Comment भीग गया मन फिर चला, तेरी यादों की ओर,सावन ने फिर छेड़ दिया, वो भीगा सा शोर।टपक रही हर साँझ में, कुछ अधूरी बात,छत पर बैठी पाती पढ़े, भीगी-भीगी रात। झूला झूले याद में, पीपल की वह छाँव,तेरे संग सावन जिया, अब लगता बेजान।बूँद-बूँद में नाम तेरा, भीगा पत्र पुराना,तेरे बिना हर मौसम में, खालीपन […] Read more » सावन की सिसकी
कविता सावन बोल पड़ा July 7, 2025 / July 7, 2025 | Leave a Comment सावन बोल पड़ा —“मैं वो साज़ हूँ, जो मन को छूता है।मैं वो गीत हूँ, जो बिन बोले गूंजता है।मैं भीगते बालकों की हँसी हूँ,और चुपचाप रोते खेतों की तृप्ति भी।” सावन फिर बोला —“मुझमें पनपता है प्रेम,और मिटती है दूरी।मैं झोपड़ी का गीत हूँ,और महलों की चुप्पी भी।” सावन बोला —“मेरे संग बहती हैं […] Read more »
लेख देश में नशे के सौदागरों का बढ़ता जाल July 7, 2025 / July 7, 2025 | Leave a Comment भारत में नशे का संकट अब व्यक्तिगत बुराई नहीं, बल्कि राष्ट्रीय आपदा बन चुका है। ड्रग माफिया, तस्करी, राजनीतिक संरक्षण और सामाजिक चुप्पी—सब मिलकर युवाओं को अंधकार में ढकेल रहे हैं। स्कूलों से लेकर गांवों तक नशे की जड़ें फैल चुकी हैं। यह सिर्फ स्वास्थ्य नहीं, सोच और सभ्यता का संकट है। समाधान केवल कानून […] Read more » देश में नशे के सौदागरों का बढ़ता जाल
कला-संस्कृति वर्त-त्यौहार सावन मनभावन: भीगते मौसम में साहित्य और संवेदना की हरियाली July 7, 2025 / July 7, 2025 | Leave a Comment सावन केवल एक ऋतु नहीं, बल्कि भारतीय जीवन, साहित्य और संस्कृति में एक गहरी आत्मिक अनुभूति है। यह मौसम न केवल धरती को हरा करता है, बल्कि मन को भी तर करता है। लोकगीतों, झूले, तीज और कविता के माध्यम से सावन स्त्रियों की अभिव्यक्ति, प्रेम की प्रतीक्षा और विरह की पीड़ा का स्वर बन […] Read more » Sawan Manbhaaan: Greenery of literature and sensitivity in the wet season सावन
लेख समाज देश में नशे के सौदागरों का बढ़ता जाल July 3, 2025 / July 3, 2025 | Leave a Comment भारत में नशे का संकट अब व्यक्तिगत बुराई नहीं, बल्कि राष्ट्रीय आपदा बन चुका है। ड्रग माफिया, तस्करी, राजनीतिक संरक्षण और सामाजिक चुप्पी—सब मिलकर युवाओं को अंधकार में ढकेल रहे हैं। स्कूलों से लेकर गांवों तक नशे की जड़ें फैल चुकी हैं। यह सिर्फ स्वास्थ्य नहीं, सोच और सभ्यता का संकट है। समाधान केवल कानून […] Read more » The growing network of drug dealers in the country देश में नशे के सौदागर नशे के सौदागरों का बढ़ता जाल