कला-संस्कृति धर्म-अध्यात्म मनोरंजन यज्ञ में मन्त्रों से आहुति क्यों? May 25, 2020 / May 25, 2020 | Leave a Comment – शिवदेव आर्य ‘यज्ञ’ शब्द यज देवपूजासंगतिकरणदानेषु धातु से नङ्प्रत्यय करने से निष्पन्न हुआ है। जिस कर्म में परमेश्वर का पूजन, विद्वानों का सत्कार, संगतिकरण अर्थात् मेल और हवि आदि का दान किया जाता है, उसे यज्ञ कहते हैं। यज्ञ शब्द के कहने से नानाविध अर्थों का ग्रहण किया जाता है किन्तु यहाँ पर […] Read more » Why the chanting of mantras in the yajna यज्ञ में मन्त्रों से आहुति क्यों
राजनीति ये कैसा विरोध…? February 29, 2020 / February 29, 2020 | Leave a Comment — शिवदेव आर्य आज देश की स्थिति को देखकर अत्यन्त आश्चर्य होता है कि देश किस दिशा में गति कर रहा है, यह अत्यन्त चिन्तनीय है। जिस सरकार को पूर्ण बहुमत के साथ हम अपने लिए ही चुनते हैं और आज हम ही उसके निर्णयों पर प्रश्न करने लग जाते है? यह कैसी विडंबना […] Read more » amantulla khan Citizenship (Amendment) Act manish sisodiya tahir hussain अमानतुल्ला खान किस आधार पर कपिल मिश्रा दोषी हैं जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय जामिया मिल्लिया इस्लामिया ताहिर हुसैन दिल्ली तथा जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय नागरिकता संशोधन विधेयक शाहीन बाग सीएए और एनआरसी के विरोध में धरना प्रदर्शन
महिला-जगत समाज आखिर कब तक प्रियंका रेड्डी जैसी महिलाओं की आबरुह और जान से खेलते रहेंगे दरिदे…? December 4, 2019 / December 4, 2019 | Leave a Comment – शिवदेव आर्य देश के कुछ अमानवीय कृत्यों को देखकर किस सहृदय व्यक्ति की अश्रुधार प्रवाहित न होगी? हमारा देश एक ऐसे देश के नाम से जाना जाता है जो सदा परस्पर सौहार्द, प्रेम व सहयोग के भावों को जागता रहा है किन्तु देश की वर्तमान दुर्दशा को देखकर अत्यन्त वेदना होती है कि क्या हमारे देश की […] Read more » muslims in rape rape and murder by muslims rape and murder case कुकृत्यों के लिए कठोरात्मक दण्डव्यवस्था डॉ. प्रियंका रेड्डी दामिनी निर्भया बलात्कार के प्रथम दोषी मुस्लिम
हिंदी दिवस कहीं हम हिन्दी से मीलों दूर तो नहीं…? September 13, 2019 / September 13, 2019 | 1 Comment on कहीं हम हिन्दी से मीलों दूर तो नहीं…? – शिवदेव आर्य प्रत्येक वर्ष के समान इस वर्ष भी 14 सितम्बर 2019 को हिन्दी दिवस आ रहा है। जो लोग विद्यालयों, महाविद्यालयों, विश्वविद्यालयों अथवा सरकारी तन्त्रों से संयुक्त हैं वे लोग ही प्रायः हिन्दी दिवस को मनाते हैं, अन्य लोग प्रायः सामान्यज्ञान से तो जान लेते हैं किन्तु हिन्दी दिवस मानाना नहीं जानते। जो […] Read more » 14 सितम्बर 2019 को हिन्दी दिवस
विश्ववार्ता हे पाकिस्तान….अब तेरा क्या होगा? October 11, 2016 | Leave a Comment उरी हमले की निन्दा देश के सभी दल एक स्वर में कर रहे हैं। निन्दा करनी भी चाहिए । भारत अपनी बहुत-सी विशेषताओं के लिए सदा प्रसिद्ध रहा है। जिसमें यह भी है कि भारत बहुत ही सोच समझ कर प्रत्येक कदम उठाता है। क्योंकि भारत एक शान्तिप्रिय राष्ट्र है, अतः शान्ति बनाये रखना इसका परम कर्तव्य स्वतः ही बन जाता है किन्तु शान्तिप्रिय होने का तात्पर्य यह भी नहीं है कि कोई हमारे एक गाल पर थप्पड़ मारे और हम दूसरा गाल आगे बढ़ाते हुए यह कहे कि ये भी बाकि है। सहने की भी कोई सीमा होती है, जब सीमा पूर्ण हो जाती है तब कुछ निश्चयात्मक सोचना ही पड़ता है। ऐसा ही कुछ भारत को सोचना और करना पड़ा। Read more » Featured पाकिस्तान
धर्म-अध्यात्म धर्म की आवश्यकता क्यों? September 15, 2016 / September 15, 2016 | 1 Comment on धर्म की आवश्यकता क्यों? – शिवदेव आर्य जीवन की सफलता सत्यता में है। सत्यता का नाम धर्म है। जीवन की सफलता के लिए अत्यन्त सावधान होकर प्रत्येक कर्म करना पड़ता है, यथा – मैं क्या देखूॅं, क्या न देखूॅं, क्या सुनॅूं, क्या न सुनूॅं, क्या जानॅंू, क्या न जानूॅं, क्या करुॅं अथवा क्या न करूॅं। क्योंकि मनुष्य एक चिन्तनशील […] Read more » धर्म धर्म की आवश्यकता
धर्म-अध्यात्म वेदस्रोत से मानवीयमूल्य August 14, 2016 | Leave a Comment शिवदेव आर्य सुख शान्तिमय जीवन यात्रा तथा परमानन्द के लिए परमपिता परमेश्वर ने सृष्टि के प्रारम्भ में वेदज्ञान की ज्योति प्रदान की, जिसके आलोक में जीवन श्रेय एवं प्रेयमार्ग पर सुचारूतया संचारित होता है। वेद प्रतिपादित जीवनपद्धति ही नैतिकता का सर्वोच्च आदर्श है। इन उच्चतम जीवनमूल्यों का वैदिक वाङ्मय एवं परवत्र्ती भारतीय साहित्य में […] Read more » human values from vedas मानवीयमूल्य वेदस्रोत वेदस्रोत से मानवीयमूल्य
खान-पान खेत-खलिहान विज्ञान विविधा जैविक कृषि : कृषि विचार मन्थन से अमृत तत्व July 17, 2016 | Leave a Comment किसी भी कार्य की दिशा में बढाया गया प्रथम कदम सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि प्रथम कदम मार्ग को प्रशस्त करता है। समय तथा हमारा जीवन हमसे अपेक्षा करता है कि हम स्वयं का ध्यान रखें तथा ध्यान हम तभी रख सकते हैं जब हमारा आहार शुध्द हो एवं शुध्द आहार के लिए कृषि […] Read more » Featured Organic Farming अमृत तत्व कृषि विचार मन्थन जैविक कृषि
विविधा यम-यमी का वैदिक स्वरूप March 22, 2016 / March 22, 2016 | 2 Comments on यम-यमी का वैदिक स्वरूप शिवदेव आर्य प्रत्येक मनुष्य समाज को एक नई दिशा व दशा देने की पूर्णरूपेण योग्यता रखता है।अब दिशा व दशा कैसे हो, यह दिशा व दशा दिखाने वाले पर आश्रित है, वह अपने ज्ञान के आलोक से मार्गप्रशस्त करता है अथवा ज्ञान के आलोक के अभाव में सत्य मार्ग से हटा कर असत्य मार्ग […] Read more » Featured यम-यमी यम-यमी का वैदिक स्वरूप
समाज घर के अन्दर बैठे आतंकियों का क्या होगा? February 20, 2016 / February 20, 2016 | Leave a Comment शिवदेव आर्य भारतवर्ष का अपना निराला ही रूप दिखायी देता है। इसकी सबसे बड़ी विशेषता है कि – यह एक मतनिरपेक्ष देश है, जिसको लोग धर्मनिरपेक्ष भी कह देते हैं। जहां धर्मनिरपेक्षता की आड़ में लोकतान्त्रिक व्यवस्था को बिगाड़ने का हर सम्भव प्रयास किया जाता है। ऐसा ही कुछ 9 फरवरी 2016 को हुआ, शायद […] Read more » Featured घर के अन्दर बैठे आतंकियों का क्या होगा?
राजनीति देश को गुमराह करने की कोशिश न करें! November 30, 2015 | 7 Comments on देश को गुमराह करने की कोशिश न करें! आज समाज में सर्वत्र नये-नये विवादों को जन्म मिलता जा रहा है। देखा जाये तो जो-जो वाद आज प्रचारित व प्रसारित हो रहे हैं, वह सत्यता में वाद नहीं है, वह तो सामान्य ही रूप हैं किन्तु कुछ तथाकथित राजनीतिज्ञों ने अपने स्वार्थी भावों को जागृत कर समस्त भारतवर्ष को घिनौनी चादर से व्याप्त करने […] Read more » Featured देश को गुमराह करने की कोशिश न करें!
धर्म-अध्यात्म गो-वध व मांसाहार का वेदों में कही भी नामोनिशान तक नहीं है November 10, 2015 | 2 Comments on गो-वध व मांसाहार का वेदों में कही भी नामोनिशान तक नहीं है शिवदेव आर्य प्रायः लोग बिना कुछ सोचे समझे बात करते हैं कि वेदों में गो-वध तथा गो-मांस खाने का विधान है। ऐसे लोगों को ध्यान में रखकर कुछ लिखने का यत्न कर रहा हूं, आज तक जो भी ऐसी मानसिकता से घिरे हुऐ लोग हो वे जरुर इसको पढ़ कर समझने का प्रयास करें। क्षणिक […] Read more » गो वध मांसाहार मांसाहार का वेदों में मांसाहार का वेदों में कही भी नामोनिशान तक नहीं है