हिंद स्वराज भारत का भारत से संघर्ष July 26, 2011 / December 8, 2011 | 1 Comment on भारत का भारत से संघर्ष सुरेन्द्र चतुर्वेदी देश भर में भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहीम चल पड़ी है। इस बार भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहीम सामाजिक कार्यकर्ताओं और बुद्धिजीविओं का एक बड़ा वर्ग चला रहा है। सुप्रसिद्ध समाज सेवी अन्ना हजारे ने भी भ्रष्टाचार से लड़ने के लिए गांधीवादी तरीके से आमरण अनशन की शुरूआत की है, और आश्चर्य इस बात का […] Read more » India भारत
विविधा भयभीत कांग्रेस और लोकपाल July 14, 2011 / December 9, 2011 | 2 Comments on भयभीत कांग्रेस और लोकपाल सुरेन्द्र चतुर्वेदी बाबा रामदेव के हरिद्वार लौट जाने और अन्ना हजारे के दिल्ली आ जाने के बाद भ्रष्टाचार के खिलाफ जनता के संघर्ष को एक नया सेनापति मिल गया है। इस बार केन्द्र सरकार के सामने दुनियादारी से दूर रहने वाला बाबा रामदेव नहीं है। अबकी बार उसका मुकाबला अपने आप को दांव पर लगाने […] Read more » Anna Hazare Corruption अन्ना हजारे कांग्रेस भ्रष्टाचार लोकपाल
राजनीति प्रधानमंत्री जवाब दो June 10, 2011 / December 11, 2011 | 2 Comments on प्रधानमंत्री जवाब दो सुरेन्द्र चतुर्वेदी बाबा रामदेव के सत्याग्रह के दौरान 4-5 जून की रात्री में केन्द्र सरकार के इशारे पर जो कुछ हुआ, उसे देश ही नहीं पूरी दुनिया के लोगों ने देखा। सभी जानना चाहते हैं कि जितने भी लोग बाबा रामदेव के साथ अनशन पर बैठे थे, वे क्या चाहते थे? वे सिर्फ इतना चाहते […] Read more » Baba Ramdev बाबा रामदेव मनमोहन सिंह
विविधा हे ! भारत तुम कहाँ हो ! May 10, 2011 / December 13, 2011 | 3 Comments on हे ! भारत तुम कहाँ हो ! सुरेन्द्र चतुर्वेदी क्या भारत सिर्फ एक बाजार है ? जहां पर खरीदने और बेचने वाले लोगों का बोलबाला है और क्या यहां सिर्फ पैसा ही पूजा जाता है ? और चूंकि बाजार का उद्देश्य मुनाफा कमाना होता है इसलिये वह किसी भी नियम, नीति और अनीति को नहीं मानता। इसलिये वहां की राज्यसत्ता को देश […] Read more » India भारत
राजनीति इन्द्रेश कुमार का सच October 28, 2010 / December 20, 2011 | 11 Comments on इन्द्रेश कुमार का सच -सुरेन्द्र चतुर्वेदी क्या कोई भी निरपेक्ष और निष्पक्ष व्यक्ति राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को आतंकवादी संगठन कह सकता है? क्या आतंकवादी संगठन वन्देमातरम् का गान करते हैं? या वे प्रतिदिन अपनी प्रार्थनाओं में ‘परम वैभव नैतुमेतत् स्वराष्ट्रं ’ का उद्घोष करते हैं? क्या समाज में रहने वाले करोड़ों स्वयंसेवकों और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के हित चिन्तकों […] Read more » indresh kumar इन्द्रेश कुमार