कविता शत् शत् नमन देव दयानंद December 31, 2014 | Leave a Comment विमलेश बंसल ‘आर्या’ ॠषि दयानंद के चरणों में शत् शत् बार नमन। हमारा खिले आर्य उपवन – 2॥ 1 वेद सुधा रसपान करेंगे, यज्ञों से हर घर को भरेंगे। शुद्ध हो पर्यावरण-2॥ हमारा…… 2.स्व सस्कृति से प्यार करेंगे, शिक्षा और संस्कार भरेंगे। दूर हों दुख दुर्गुण-2॥ हमारा…… 3.सच्चे सैनिक वीर […] Read more » देव दयानंद
कविता आओ ऐसा दीप जलाएँ October 14, 2014 | Leave a Comment विमलेश बंसल ‘आर्या’ 1. आओ ऐसा दीप जलाएँ, जिसमे शामिल सब हो जाएँ। वेद ज्ञान हर घर में पहुँचा, यज्ञों से तन मन महकाएँ॥ आओ…… 2. घर आँगन की करें सफ़ाई, वंचित न कोई घर हो भाई। प्यार बढ़ाएँ ताऊ ताई, मिष्ठान्न बनाएँ खाएँ खिलाएँ॥ आओ…… 3. गायत्री की करें साधना, सद्बुद्धि की करें प्रार्थना। […] Read more » आओ ऐसा दीप जलाएँ
कविता बहनों के लिये शिविर में गाए जाने वाला गीत May 27, 2014 | 1 Comment on बहनों के लिये शिविर में गाए जाने वाला गीत -विमलेश बंसल- सुनते आये रोज़ कहानी शौर्य, त्याग, बलिदान की। आओ बहनों बनें वाहिनी आर्य राष्ट्र निर्माण की॥ वंदे मातरम्-4 1. हम हैं शिक्षित हम हैं दीक्षित हाथों में अखबार लिये। हम हैं दुर्गा हम हैं काली कांधों पर हथियार लिये। असुरों को हम मार गिराएं परवाह न कर जान की॥ आओ बहनों… २. हम […] Read more » बहन बहन गीत
कविता जय हो पण्डित लेखराम February 27, 2014 | 1 Comment on जय हो पण्डित लेखराम -विमलेश बंसल ‘आर्या’- जन्म लिया था रावलपिंडी, पाढीवार के कुहुटा ग्राम-2। तारा का अनमोल सितारा, जय हो पंडित लेखराम-2॥ 1. थे पंडित, विद्वान, साहसी, सच्चे देशभक्त प्यारे। तारा सिंह के पुत्र प्यारे, मां की आँखों के तारे। संस्कृत, हिंदी में पारंगत, फ़ारसी, उर्दू बनी हमांम॥ तारा का अनमोल सितारा… 2 एक दिवस पढ़ रहे मदरसे, घटना […] Read more » poem on Pandit Lekhram जय हो पण्डित लेखराम
कविता जय हो देव दयानंद की February 22, 2014 | Leave a Comment महर्षि दयानंद सरस्वती के जन्म दिवस व बोध दिवस पर विशेष -विमलेश बंसल ‘आर्या’- जय हो देव दयानंद की, आनंद की करुणानंद की। कर्षन जी घर निकला सूरज, धन्य हो गई टंकारा रज। नाम था उसका शंकर मूल, शारीरिक शौष्ठव ज्यों फ़ूल। शिव रात्रि का पर्व था आया, पिता ने व्रत उपवास कराया। बालक मूल […] Read more » maharshi dayanand saraswati जय हो देव दयानंद की
कविता आओ मनायें ऐसे होली February 12, 2014 | Leave a Comment -होली पर विशेष- गली-गली और नगर-नगर में आर्यों की बन निकले टोली। सबको वैदिक रंग में रंगकर आओ हम सब खेलें होली॥ 1. खुश्बू के शीतल चंदन से, हर मस्तक पर रंगकर रोली। प्यार प्रीति की रीति निभाकर, चलें साथ बनकर हमजोली॥ 2. घृणा, द्वेष, नफरत को मिटाकर, रूठों को भी आज मनाकर। बाहों में […] Read more » Poem on Holi आओ मनायें ऐसे होली
कविता वसंत हमारा है त्यौहार! February 12, 2014 | Leave a Comment -वसंत ॠतु पर विशेष- वसंत हमारा है त्योहार, वैलेंटाइन नहीं स्वीकार 1- पश्चिम का यह मकड़ जाल है, जिसमें डूबा भारत विशाल है। वैदिक संस्कृति पर यह प्रहार, वैलेंटाइन नहीं स्वीकार॥ 2- दो देहों का है यह […] Read more » poem on spring season poem on valentine वसंत हमारा है त्यौहार!
कविता ॠतुराज वसंत को नमन February 12, 2014 | Leave a Comment आया वसंत छाया वसंत लेकर आया खुशियां अनंत नदियां बहतीं कल-कल, कल-कल सुरभित पुष्पम चहुं दिग्दिगंत गाती कोयल स्वर कुहुक-कुहुक बोले पपीहा पिउ-पिउ रटंत पादप करते तड़-तड़, तड़-तड़ झरने झरते झर-झर झरंत धरती प्रसन्न अंबर प्रसन्न जड़ चेतन पशु मानव प्रसन्न ॠषि मुनियों का चित ध्यान मग्न मदनोत्सव करते […] Read more » poem on vasant ॠतुराज वसंत को नमन
कविता जय हो वीर हकीकत राय February 3, 2014 / February 3, 2014 | 1 Comment on जय हो वीर हकीकत राय -विमलेश बंसल आर्या- जय हो वीर हकीकत राय। सब जग तुमको शीश नवाय॥ जय हो… 1. सत्रह सौ सोलह का दिन था, पुत्र पिता से पूर्ण अभिन्न था। स्याल कोट भी देखकर सियाय॥ जय हो……… 2 वीर साहसी बालक न्यारा, व्रत पालक, बहु ज्ञानी प्यारा। कोई न जग में उसके सिवाय॥ जय हो……… 3 मुहम्मद शाह […] Read more » poem जय हो वीर हकीकत राय