सौगात-ए-मोदी’ से बीजेपी का बड़ा दांव, विपक्षी दलों के उड़े तोते

संतोष कुमार तिवारी 

भाजपा विरोधी दलों के नेता और समर्थक हमेशा से ही नरेंद्र मोदी और  भाजपा क़ो मुस्लिम विरोधी बताकर अपनी राजनीतिक रोटी सेंकने में जुटे रहते है और मौका मिलते ही भाजपा के विरोध में माहौल बनाने में भी कोई गुरेज नही करते है जबकि भाजपा विरोधियों क़ो पता होना चाहिए कि सरकार की तरफ से संचालित सभी योजनाओं में अन्य लोगों की तरह मुस्लिम भी पूरी तरह लाभ ले रहे है लेकिन भाजपा विरोधी  दलों के नेता केवल मुस्लिमों क़ो भाजपा के खिलाफ तैयार करने में जुटे है। हालांकि भाजपा विरोधी दलों और इंडि अलायन्स के घटक लगातार समय-समय पर तमाम मुद्दों क़ो लेकर मुसलमानो क़ो बरगलाने और गुमराह करने की पूरी कोशिश करते है लेकिन हर बार विपक्षियों क़ो मुंह की खानी पड़ती है और चुनाव में इसका असर भाजपा की जीत के रूप में देखी जाती है।

इसकी वजह यह है कि अब भारी संख्या में शिक्षित मुसलमान देश की स्थिति और राजनीति के बारे में जान चुके है और कुछ कट्टर मानसिकता वालों क़ो छोड़कर भारी संख्या में मुस्लिम भी भाजपा के नीतियों से अब सहमत है। 

 देश में जहां इंडि अलायन्स के घटक दल केवल मुस्लिमों क़ो अपने वोट के लिए मोहरा बनाते है वहीं भाजपा  तुष्टिकरण की राजनीति न करके सबका साथ सबका विकास की नीति पर काम कर रही है जिससे सभी जाति और धर्म के लोगों क़ो बिना किसी भेदभाव के योजनाओं का लाभ मिल रहा है जिसका असर भी बीते चुनावों में देखने क़ो मिलता है। जिस तरह इंडि अलायन्स के नेता  भाजपा के विरोध में देश का भी विरोध करने से गुरेज नहीं करते और इनकी यह चाल देश की जनता देखती है और चुनावों में भी इसका असर भी दिखता है लेकिन हार के बाद इंडि अलायन्स के लोग हार का ठीकरा केवल भाजपा और नरेन्द्र मोदी पर ही फोड़ते है जबकि अपने राजनीतिक ढोंग और कार्यों क़ो नही देखते है। इंडि अलायंस के नेता केवल तुष्टिकरण की राजनीति से प्रभावित होकर वक़्फ़ बोर्ड, संभल विवाद, औरंगजेब मामला और राणा सांगा जैसे मुद्दों पर एक सुर में भाजपा का विरोध करते हुए देखे गए  और देश के मुस्लिमों क़ो यह दिखाने का पूरा प्रयास करते है कि भाजपा मुस्लिम विरोधी है। 

 भाजपा ने देश के मुसलमानों के लिए सौगात-ए-मोदी कैंपेन के माध्यम से इंडि अलान्यन्स की नींद उड़ा दी. अब इसे भी लेकर कांग्रेस, सपा, बसपा और इंडि अलायन्स के नेताओं ने राजनीतिक चाल करार दिया। ईद के ठीक पहले भाजपा ने मुस्लिमों को साधने के लिए नया दांव चल दिया जिससे देश के 32 लाख मुस्लिम परिवारों क़ो इसका लाभ मिला। सौगात-ए-मोदी कैंपेन से भाजपा मुस्लिम समुदाय के बीच कल्याणकारी योजनाओं को बढ़ावा देने और बीजेपी और एनडीए के लिए राजनीतिक समर्थन जुटाने में अहम भूमिका निभाने में सफल रही है।

 भाजपा के तरफ से सौगात ए मोदी विपक्षी दलों क़ो रास नही आया और  इससे एक डर पैदा हो गया कि इंडि अलायन्स की तुष्टिकरण की राजनीति में भाजपा सेंध लगाने में काफ़ी सफल रही। सौगात ए मोदी का असली असर अब आगामी चुनावों में देखने क़ो मिलेगा। वैसे देश के विकास के लिए सभी राजनीतिक दलों क़ो  केवल सत्ता के लिए किसी दूसरे का विरोध करना सर्वथा गलत है। सही राजनीति वह है जो विरोधी दलों के अच्छे कार्यों की खुले मन  से तारीफ करनी चाहिए हालांकि भाजपा के मास्टर स्ट्रोक से इंडि अलायन्स के घटक दलों के तोते उड़ गए है। अब इसका असर चुनावों में कितना दिखता है, यह तो आने वाला समय बताएगा।

संतोष कुमार तिवारी

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