क्या काले लोगों का अस्तित्व नहीं ?

रंगभेदी विज्ञापन क्यों ?

लीना

‘अब व्हाइट जीतेगा’ चेस खेलने वाली एक गोरी महिला दावे के साथ कहती है। ब्लैक आउट व्हाइट इन- बड़े गर्व के साथ कहा जाता है। सिर्फ यही नहीं आप अच्छा गाती हैं लेकिन यदि काले या सांवले भी हैं तो गा नहीं पाएंगे, इसके लिए आपको क्रीम लगाकर पहले गोरा बनना पड़ेगा, तभी आप आसमान छू पाएंगी। आप बढ़िया खेलते हैं लेकिन आप गोरे नहीं हैं तो आपको कोई पूछने वाला नहीं है। और तो और गोरेपन वाली क्रीम की ट्यूब आप खोलेंगे तो आपको फ्यूचर ब्राइट दिखेगा- यह भी दावे के साथ कहा जा सकता है।

चैंकिए नहीं ! यह हम नहीं बल्कि ढेर सारे गोरा बनाने का दावा करने वाली क्रीमों के विज्ञापन कह रहे हैं। इन विज्ञापनों के अनुसार, हर जगह गोरे लोग ही सफल होते हैं चाहे वह जिंदगी का कोई भी क्षेत्र क्यों न हों। यही नहीं जो गोरे नहीं, वे दबे सहमे और निरीह सी जिंदगी जीने को मजबूर हैं। उनके लिए दुनिया के कोई मायने नहीं। सांवले या काले लोगों को विज्ञापनों में सिमटा हुआ सा दिखाया जाता है। क्या ऐसा सचमुच है?

तो क्या केवल गोरे लोग ही सफल होते है? या फिर सांवले- काले लोगों का कोई अस्तित्व ही नहीं है ! आखिर ऐसे स्लोगनों के साथ लगातार चैनलों पर क्यों चीख रहे हैं नामी ब्रांड के क्रीम ? आखिर ऐसे रंगभेदी विज्ञापन क्यों ? इनपर कोई कार्रवाई क्यों नहीं होती ?

वैसे कहा जा सकता है कि भारतीय समाज में गोरा बनाने का दावा करने वाली क्रीम को हमेशा से ही इतना महत्व दिया जाता है और इनका बाजार भी अच्छा खासा है। इसीलिए इनके विज्ञापन भी धड़ल्ले से बनाए और दिखाये जाते हैं। बाजार बढ़ाने के लिए भी यह सोच कि गोरा ही अच्छा, गोरे लोग ही अच्छे प्रचारित- प्रसारित किया जाता रहा है। वैसे सुंदरता का अपना अपना नजरिया होता है। लेकिन कहने की जरूरत नहीं कि किसी के चेहरे का रंग इसका मापदंड कतई नहीं हैं। गोरा बनाने का दावा करने वाली इन क्रीमों के विज्ञापनों में काले लोगों को ना सिर्फ बदसूरत दिखाने की कोशिश होती है, बल्कि उन्हें असफल, आत्मविश्वास विहीन तक बताया जाता है। जबकि आम जिंदगी में इतिहास से लेकर वर्तमान तक, हम रंग से परे, लोगों को खूबसूरत और सफल होते देखते हैं।

सिर्फ रंगभेद ही नहीं विज्ञापनों में अमीर गरीब का भेद भी दिखा रहे है। मतलब गरीब ही चोर होते हैं -जैसा ही कुछ। जैसे एक विज्ञापन में ‘‘बड़े आराम से’’ सैफ हत्या की गुत्थी सुलझा लेते हैं- एक गरीब माली की ओर इशारा देखते हुए। या फिर एक विज्ञापन में काले- आदिवासी से दिखने वाले को दीवार पर टंगा हुआ- दांतों से रोशनी करता हुआ एक बेचारा सा दिखाया जाता है। कई विज्ञापन बच्चों को गलत संस्कार सिखाते दिखते है।

और यह मामला मात्र कुछेक लोगों से जुड़ा नहीं है, बल्कि इसका असर विज्ञापन देखने वाले हज़ारों करोड़ों लोगों पर होता है। और विज्ञापन का हरेक क्षण उनमें नाहक ही हीनता का संचार करता है।

आखिर ऐसे गलत, रंगभेदी-नस्लभेदी विज्ञापन क्यों ? इनपर कोई कार्रवाई क्यों नहीं होती। फिल्मों व रियलिटी शो को लेकर गंभीर व सेंसर रखने वाली हमारी सरकार भी विज्ञापनों के मामले में कोई कदम उठाती नहीं दिखती है। अपने उत्पाद का प्रचार करना गलत नहीं, लेकिन क्या इसके लिए जरूरी है दूसरों को नीचा और कमतर बताना!

3 COMMENTS

  1. गोरों का अंतर्मन कितना गन्दा है.. अब यह जान लिया इसलिए भाड़ में जाये ऐसा गोरापन !

    हम सौभाय्गाशाली हैं के भगवान् ने हमें अलग-अलग रंग रूप दिए हैं. बिचारा गोरा बीच पर पड़ा रहता है ‘रंग’ / tan लाने को.. lol

    कितना गहन vacuum है इनकी ‘सभ्यता’ में यह वहीँ जाकर समझ आया. इन्होने किस तरह मानव को यंत्रचलित रोबोट बना दिया.. किस तरह से ये स्वयं mechanical हैं उफ्फ्फ.. 🙁

    अब दुनिया को हमसा बनना है, हमको उन जैसा कदापि नहीं.

  2. हिन्दुस्तानियों की दोहरे मानसिकता की यह ईता जागता उदहारण है | जब शक्ति सुख और ऐश्वर्या चाहिए तब श्याम वर्ण कृष्ण कन्हैया की पूजा अर्चना में कोई कमी नहीं रखेंगे और जब किसी फिल्म में हीरो और हेरोइने का चयन करना हो तो वह गोरा और चिकना होना चाहिए | गायक भी चिकना चुपड़ा है तो उसे ही महत्व दिया जाता है | ऑफिस में गोरी कन्याओं को सेक्रेटरी के लिए ज्यादा महत्व दिया जाता है और हद तो तब हो जाती है जब बेटे की शादी में गोरी कन्या चाहिए | अभी नवरात्रे चल रहे हैं और सुबह सुबह माँ काली की पूजा करते वक़्त वो काली रंग वाली नहीं अपितु साक्षात् देवी और माँ स्वरुप होती है लेकिन अपनी ही काली बहु उन्हें कुरूप लगाती है | धन्य है मेरा यह दोहरे चरित्र वाला हिंदुस्तान |

    • १% भारतीय जो गोरे हैं और १% नेता जो बेईमान है वो ही इस देश पर राज कर रहे हैं यह सब इस लिए है की हम सब डरपोक हैं और साहस नहीं है मर्दों वाले गोरा बनाने के रंगभेद वाले विज्ञापन को बंद करा सकें और अन्नाजी और रामदेवजी का समर्थन करके इन् बेईमान नेताओं को जेल भिजवाने का काम कर सकें |

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

* Copy This Password *

* Type Or Paste Password Here *

17,871 Spam Comments Blocked so far by Spam Free Wordpress