कविता साहित्‍य

रोटी

politicsये वही हाथ है

जिन्होंने आन्दोलन चलाया था

अंग्रेजों के विरुद्ध

हमनें उतारा था यूनियन जैक

और लहराया था

अपना प्यारा तिरंगा ।

 

ये वही हाथ है

जिन्होंने पैदा किया

देश के लिए हरित क्रांति

और बुलन्द किया था

जय जवान, जय किसान का नारा ।

 

ये वही हाथ है

जिसने नाम बुलन्द

अंतरिक्ष में भारत का

और लहराया तिरंगा

दिक्षिणी ध्रुव पर भी ।

 

आज

इन्हीं हाथों में

पकड़ा दिया तुमने

क्यों स्वार्थ की राजनीति

और बेकार कर दिये तुमने

इन हाथों को

सारे अनैतिकताओं के रास्ते दिखाकर

ताकि ये हाथ

तुम्हारे सामने

सदा फैला रहे

दो जून की रोटी के लिए ।