कविता

देश के नौजवानों को आह्वान

कहनी है एक बात मुझे,इस देश के नौजवानों से
मत बटने देना देश को,जाति धर्म के पैमानों से

नेता तो अपनी दाल गलायेंगे,अब इन आधारों पे
दाल मत गलने देना नेताओ की, इन आधारों पे

तुम्ही देश के कर्णधार हो,तुमने देश को आगे बढ़ाना है
इन झूठे बूढ़े नेताओ के,बहकाओ में अब मत आना है

सत्तर साल तक इन नेताओ ने,जनता का बेवकूफ बनाया है
उठो जागो ऐ नौजवानों अब,तुमने ही करना इनका सफाया है

देश का एक ही तिरंगा झंडा,इसको सब जगह तुमने फहराना है
बने है अनेक झंडे पार्टियों के, उन सबको तुमने ही उतरवाना है

उठो जवानो अब मत चूको,फिर ये अवसर कभी नहीं आना है
तुम्ही देश के सच्चे सपूत हो,अब तुमने ही जनता को जगाना है

आह्वान है देश नौजवानों से,देश को अब तुमने ही आगे बढ़ाना है
तुमने अपनी माँ का दूध पिया है,इसको अब तुमने नहीं लजाना है

आर के रस्तोगी